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लाइफ स्टाइल
डार्क चॉकलेट खाने के फायदे, वजन कम करने से एनर्जी बढ़ाने तक
Kajal Dubey
5 May 2023 2:44 PM GMT
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डार्क चॉकलेट के बारे में यह भी जानें
दिसंबर 2016 में जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन साइंस में पब्लिश आर्टिकल के मुताबिक डार्क चॉकलेट में फ्लेवोनोइड्स नामक फाइटोन्यूट्रिएंट्स (Phytonutrients called flavonoids) होते हैं। ये प्लांट केमिकल एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हैं और कैंसर की रोकथाम (Cancer prevention), हार्ट हेल्थ (Heart health) के अलावा वजन घटाने (Weight loss) में अहम भूमिका निभा सकते हैं। (1)
‘डार्क चॉकलेट’ कोको बीन्स से बनती है। कोको बीन्स को काकाओ भी कहते हैं। काकाओ का प्लांट जिससे चॉकलेट बनाई जाती है उसमें थियोब्रोमाइन (theobromine) नामक कंपाउंड होता है, जो सूजन कम करने और ब्लड प्रेशर कम करने (Lower blood pressure) में भी मदद कर सकता है।
कोको का बीज यानी काकाओ (Cacao) में ग्रीन टी (Green tea) या रेड वाइन (Red wine) से अधिक एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जितनी डार्क चॉकलेट का सेवन करते हैं उतने अधिक एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ती जाती है।
अगर किसी चॉकलेट में कोको की मात्रा कम है तो वो शुगर और अनहेल्दी फैट में अधिक होगी। जो कि सेहत के लिए सही नहीं होती।
हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (Harvard T.H. Chan School of Public Health) के मुताबिक डार्क चॉकलेट में 70 प्रतिशत या उससे अधिक कोको होना चाहिए। (2)
वजन बढ़ने से बचने के लिए एक्सपर्ट रोजाना एक औंस (करीब 28 ग्राम) से कम डार्क चॉकलेट खाने की सलाह देते हैं। आइए अब डार्क चॉकलेट के फायदों पर भी नजर डाल लेते हैं।
1. न्यूट्रिशन से भरपूर (Full of nutrition)
डार्क चॉकलेट खाने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि ये न्यूट्रिशन से भरपूर होती है। इसके सेवन से कई हेल्थ बेनिफिट मिलते हैं।
रिसर्च के मुताबिक 100 ग्राम की डार्क चॉकलेट में 70 से 85 प्रतिशत कोकोआ कंटेंट हो उसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू ऐसी होगी। (3)
कैलोरी : 600 cal
फाइबर : 11 ग्राम
आयरन : रोजाना की जरूरत का 67 प्रतिशत
मैग्नीशियम : रोजाना की जरूरत का 58 प्रतिशत
कॉपर : रोजाना की जरूरत का 89 प्रतिशत
मैंगनीज : रोजाना की जरूरत का 98 प्रतिशत
इसके अलावा पोटेशियम, फास्फोरस, जिंक, सेलेनियम (Potassium, phosphorus, zinc, selenium) भी अच्छी मात्रा में होते हैं। लेकिन ध्यान रखें 28 ग्राम से अधिक डार्क चॉकलेट का सेवन कभी नहीं करना चाहिए। हमेशा मॉडरेशन में ही इसका सेवन करें।
इसकी फैटी एसिड प्रोफाइल भी अच्छी मानी जाती है क्योंकि इसमें अधिकतर सैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड (Saturated and monounsaturated) फैट होते हैं। जिनमें पॉलीअनसेचुरेटेड फैट (Polyunsaturated fat) की थोड़ी ही मात्रा होती है।
2. वेट लॉस में मददगार (Help in weight loss)
रिसर्च बताती हैं कि डार्क चॉकलेट भूख को नियंत्रित करने में भी अहम भूमिका निभाती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है।
ईट चॉकलेट, लूज वेट (Eat Chocolate, Lose Weight) नामक किताब के लेखक न्यूरोसाइंटिस्ट विल क्लोवर ने अपनी किताब में बताया कि भोजन से पहले या बाद में थोड़ी सी डार्क चॉकलेट खाना हार्मोन को ट्रिगर करता है। यह मस्तिष्क को पेट भरा हुआ होने का संकेत देते हैं। इसलिए जो व्यक्ति मॉडरेशन में इसका सेवन करता है उसका वजन कम हो सकता है। (4)
जर्नल फ्रंटियर्स इन फार्माकोलॉजी मैग्जीन में प्रकाशित आर्टिकल के मुताबिक डाइजेशन के दौरान चॉकलेट एक प्रीबायोटिक की तरह व्यवहार करती है। यह आंत में हेल्दी बैक्टीरिया की ग्रोथ में बढ़ावा देती है।
हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (Harvard T.H. Chan School of Public Health) के मुताबिक हेल्दी बैक्टीरिया की ग्रोथ से न्यूट्रिशन अच्छे से अब्जॉर्ब होते हैं] जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट हो सकता है। (5)
3. इम्यून सिस्टम को बूस्ट करे (Boost Your Immune System)
डार्क चॉकलेट की शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी, पोषक तत्वों के मैकेनिज्म (Mechanisms of nutrients) के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करती है। इसका कारण है कोको प्रतिरक्षा प्रणाली की इंफ्लामेट्री रिस्पांस (Inflammatory response) को कंट्रोल कर सकता है।
कोको एंटीबॉडीज (Antibodies) का उत्पादन करने वाली कुछ कोशिकाओं (Cells) पर पॉजिटिव इफेक्ट डाल सकता है। एंटीबॉडी आपके शरीर को बैक्टीरिया और बीमारी से लड़ने में मदद करती है, इसलिए चॉकलेट का नियमित सेवन आपको मलेरिया होने से भी बचा सकता है।
कोको भी लिम्फोइड ऊतकों (Lymphoid tissues) पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, जो कि शरीर में इम्यून रिस्पांस कॉर्डिनेट (Coordinate the immune response) करने में मदद करते हैं।
4. डायबिटीज के जोखिम को कम करे (Reduce the risk of diabetes)
लोगों का मानना है कि रोजाना चॉकलेट खाना मधुमेह में ठीक नहीं है। लेकिन Stat Pearls 2019 में पब्लिश हुई रिसर्च से पता चला है कि अधिक कोको वाली डार्क चॉकलेट शरीर को ग्लूकोज को मेटाबॉलाइज करने की प्रक्रिया को इम्प्रूव कर सकता है। आप तो जानते ही हैं कि हाई ब्लड ग्लूकोज (चीनी) टाइप 2 मधुमेह की पहचान है। (6)
अक्टूबर 2017 में जर्नल ऑफ कम्युनिटी एंड हॉस्पिटल इंटरनल मेडिसिन पर्सपेक्टिव्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, इंसुलिन के लिए आपके शरीर की संवेदनशीलता में सुधार करने से रेजिस्टेंस कम हो जाता है और बदले में डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। (7)
5. ब्लड फ्लो और लोअर ब्लड प्रेशर बढ़ाए (Increase blood flow and lower blood pressure)
डार्क चॉकलेट में फ्लेवानोल्स नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) उत्पन्न करने के लिए एंडोथेलियम (endothelium), धमनियों (arteries) की परत को उत्तेजित कर सकता है। NO का एक काम धमनियों को आराम करने के लिए सिग्नल भेजना है, जो ब्लड फ्लो को कम करती हैं ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। (8)
रिसर्च के मुताबिक कोको और डार्क चॉकलेट, ब्लड फ्लो और लोअर ब्लड प्रेशर में सुधार करते हैं। लेकिन ये प्रभाव काफी कम समय के लिए रहता है।
6. अन्य फायदे (Other benefits)
इसके अलावा डार्क चॉकलेट खाने के निम्न फायदे भी होते हैं।
कैंसर की रोकथाम में मददगार।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखती है।
हार्ट डिजीज के खतरे को कम करें।
स्किन को सही रखे
ब्रेन फंक्शन इम्प्रूव करे
रेड ब्लड सेल्स बढ़ाए
कफ को कंट्रोल करे
प्रेग्नेंसी में मदद करे
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