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हर साल आज के दिन यानि 19 जून की तारीख को वर्ल्ड सौंटरिंग डे मनाया जाता है. दरअसल आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कामकाज का बोझ और बढ़ता तनाव हमें हमारे सेहतमंद शरीर से दूर ले जाता है. हम आलस और अन्य दूसरे कारणों से अपने शरीर के साथ लापरवाही करते हैं. लिहाजा जरूरी है एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की, जिसके मद्देनजर आज के खास दिन को मनाया जाता है, जिसका मकसद है लोगों को भागदौड़ और तनाव से दूर स्वस्थ जीवनशैली के प्रति प्रोत्साहित करना.
आपको भी इस बात का एहसास होता होगा कि, आप कई बार अपनी लाइफस्टाइल हेल्दी बनाने के लिए वक्त-वक्त पर वर्कआउट करने, अच्छी डाइट लेने, रोजाना वॉक करने, समेत तमाम तरह की योजना बनाते हो, मगर अपनी दैनिक व्यस्तता के चलते इन तमाम स्वस्थ आदतों का अपना नहीं पाते. इसलिए आज के इस खास दिन को वर्ल्ड सौंटरिंग डे कहा जाता है. इस दिन लोगों को अपनी सेहत, स्वास्थ और तंदुरूस्ती के बारे में सोचने का मौका मिलता है. इस दिन हमें अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी से कुछ देर निकालकर अपनी सेहत के प्रति खुद को प्रोत्साहित करना होता है. असल मायने में आज का ये दिन एक नई शुरुआत के लिए सबसे सटीक दिन माना जाता है.
क्या है इस दिन का इतिहास
विश्व सौंटरिंग दिवस में सौंटरिंग का शाब्दिक अर्थ है धीरे चलना. इस दिन की शुरुआत साला 1970 में डब्ल्यूटी राबे द्वारा की गई थी. बता दें कि इस दिवस की शुरुआत अमेरिका के मिशिगन में मैकिनैक आइलैंड के ग्रैंड होटल से हुई थी. कुछ स्थानों पर भले ही ये दिवस 28 अगस्त को मनाया जाता हो, मगर इसका उद्देश्य बिल्कुल एक सा है. साथ ही भले ही ये अन्य अंतरराष्ट्रीय दिनों की तुलना में कम महत्वपूर्ण हो, पर फिर भी अगर फिटनेस और वेलनेस क्षेत्र में देखा जाए तो ये दिन हमारे लिए काफी ज्यादा महत्व रखता है.
आइये जानें... इसका असल महत्व
अक्सर देखा गया है कि जब हम किसी समय तय सीमा से बंधे नहीं होते, तो हम अपना काम और भी ज्यादा बखूबी से करते हैं. न सिर्फ इतना, बल्कि इससे हमारी एफिशिएंसी के साथ-साथ प्रोडक्टिविटी भी बढ़ जाती है. अगर हम दैनिक सौंटरिंग को आदत बना लें तो ये हमारे मस्तिष्क के रक्त प्रवाह को बढ़ाने में सहायक भूमिका निभाता है.
Tara Tandi
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