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गर्भ निरोधक गोलियों का ज्यादा हुआ इस्तेमाल हो जाएं सावधान

Teja
27 Dec 2021 5:38 AM GMT
गर्भ निरोधक गोलियों का ज्यादा हुआ इस्तेमाल हो जाएं सावधान
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आजकल की युवा पीढ़ी शादी के बाद तुरंत अपना परिवार नहीं बढ़ाना चाहता है क्योंकि सबसे पहले वह एक दूसरे को समझना चाहता और अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आजकल की युवा पीढ़ी शादी के बाद तुरंत अपना परिवार नहीं बढ़ाना चाहता है क्योंकि सबसे पहले वह एक दूसरे को समझना चाहता और अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहते हैं. ऐसे में कॉन्ट्रासेप्टिव (contraceptives) यानी गर्भ निरोधक का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है. भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब गर्भ निरोधक के बढ़ते इस्तेमाल के चलते टोटल फर्टिलिटी रेट (Total Fertility Rate) यानी टीएफआर में आई कमी रिप्लेसमेंट के स्तर से भी नीच गिर गई है. आपकी चिंता बढ़ाने वाली बात ये है कि गर्म निरोधक गोलियों का ज्यादा इस्तेमाल करने से फर्टिलिटी पॉवर भी कमजोर होती है. ऐसे में आपको इस गोली को खाने से पहले थोड़ा समझना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि यह फर्टिलिटी क्या होता है? क्या गर्भ निरोधक गोलियों के इस्तेमाल से फर्टिलिटी पावर कम होती है? समय पर कंसीव करने पर क्या करना चाहिए?

बर्थ कंट्रोल और इनफर्टिलिटी के बीच संबंधों पर छिड़ी बहस
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल में ही राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस 5) द्वारा किए गए सर्वेक्षण में सामने आया है कि 2015-16 के बाद फैमिली प्लानिंग के लिए गर्भ निरोधक के आधुनिक तरीके अपनाने वालों में 8.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. हालांकि. यह अच्छी खबर है, इस बात की ओर इशारा करता है कि भारत की जनसंख्या वृद्धि धीमी हो रही है। इस सर्वेक्षण के बाद बर्थ कंट्रोल और इनफर्टिलिटी के बीच संबंधों के बारे में एक नई बहस छिड़ गई है.
जानें क्या होता है इनफर्टिलिटी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मानना है कि इनफर्टिलिटी पुरुष या महिला प्रजनन प्रणाली का एक विकार है, जिसे 12 महीने या उससे ज्यादा समय तक सेक्सुअल इंटरकोर्स करने के बाद कंसीव न कर पाने की अक्षमता के रूप में जाना जाता है। वर्तमान समय में इनफर्टिलिटी की समस्या से दुनिया भर के लाखों कपल्स जूझ रहे हैं. माना जाता है कि इनफर्टिलिटी कई वजहों से हो सकता है. उदाहरण के लिए -ट्यूबल डिसऑर्डर, (ब्लॉकड फैलोपियन ट्यूब), यूटेरस डिसऑर्डर (एंडोमेट्रियोसिस), जन्मजात विकार (सेप्टेट यूटेरस), ओवरी डिजीज (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम), और हार्मोनल असंतुलन. इसके साथ ही संभावित रूप से एक जेनेटिक कंडीशन भी इसका अन्य कारण बताया गया है. भारत में परिवार नियोजन के लिए सबसे ज्यादा कंडोम, टैबलेट, वजाइनल रिंग्स, गर्भनिरोधक इंजेक्शन और इंट्रॉटरीन डिवाइस, का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, कंसीव करने की योजना के दौरान आपको इनका इस्तेमाल बंद करना होता है.
कंसीव करने में भी हो सकती है दिक्कत
शोध में ये भी सामने आया है कि कॉन्ट्रासेप्टिव का उपयोग बंद करने वाली 83 प्रतिशत महिलाओं ने पहले वर्ष के अंदर ही कंसीव कर लिया। यदि आप लंबे समय से कॉन्ट्रासेप्टिव का उपयोग कर रही हैं, तो आपको कंसीव करने को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.


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