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सावधान रहे ऐसे लोगो से, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके

Shiddhant Shriwas
25 Sep 2021 12:27 PM GMT
सावधान रहे ऐसे लोगो से, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके
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पिछले दो-तीन दशकों में दुनियाभर में कई तरह के कैंसर के मामलों में तेजी से इजाफा देखने को मिला है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले दो-तीन दशकों में दुनियाभर में कई तरह के कैंसर के मामलों में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो जिस तरह से हमारी जीवनशैली खराब होती जा रही है, यह कई प्रकार के गंभीर रोगों को जन्म दे सकती है। प्रोस्टेट कैंसर की समस्या भी ऐसी ही है। साल 2019 के अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुमान के मुताबिक हर साल प्रोस्टेट कैंसर के लगभग 174,650 नए मामलों के निदान हो रहे हैं जिसमें से 31 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। हर 9 में से 1 पुरुष को प्रोस्टेट कैंसर का खतरा होता है वहीं हर 41 में से यह एक की मौत का कारण बन सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक यदि सही समय पर इस समस्या का निदान हो जाए तो इसकी गंभीरता को कम करके सफल इलाज किया जा सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक प्रोस्टेट ग्रंथि में यह कैंसर विकसित होता है। प्रोस्टेट, पुरुषों में अखरोट के आकार की एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो वीर्य का उत्पादन करती है। इस कैंसर का जितना जल्दी पता चल जाए, इसके सफल उपचार की संभावना उतनी ही अधिक हो सकती है। आइए आगे की स्लाइडों में इस कैंसर के बारे में विस्तार से जानते हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण

डॉक्टरों के मुताबिक प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती चरणों के दौरान अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, हालांकि स्क्रीनिंग के माध्यम से कैंसर का पता लगाया जा सकता है। जिन पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होता है, उनमें निम्न प्रकार के लक्षण देखे जा सकते हैं।

पेशाब करने में कठिनाई।

रात के समय में बार-बार पेशाब की इच्छा होना।

मूत्र या वीर्य के साथ रक्त आना।

पेशाब करते समय दर्द।

अगर प्रोस्टेट बढ़ गया है तो बैठने में दर्द होना।

कमर में तेज दर्द।

वजन कम होना और थकान महसूस होना।

प्रोस्टेट कैंसर क्यों होता है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक आमतौर पर ग्रंथि की कोशिकाओं में विशिष्ट परिवर्तन के कारण प्रोस्टेट कैंसर विकसित हो सकता है। प्रोस्टेट ग्रंथि में कैंसर कोशिकाओं को प्रोस्टेटिक इंट्रापीथेलियल नियोप्लासिया (पिन) कहा जाता है। 50 वर्ष से अधिक आयु के 50 फीसदी पुरुषों में पिन की समस्या का खतरा रहता है। कुछ डॉक्टरों का मानना है कि प्रोस्टेट की कोशिकाओं के डीएनए में होने वाले बदलाव के कारण प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है। जिन लोगों के परिवार में किसी को यह समस्या रह चुकी हो उनमें प्रोस्टेट कैंसर विकसित होने का खतरा अधिक होता है।

प्रोस्टेट कैंसर का क्या इलाज है?

डॉक्टरों के मुताबिक प्रोस्टेट कैंसर का उपचार कई अन्य कारकों के अलावा इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर किस चरण में है? कैंसर के निदान के लिए डॉक्टर डिजिटल रेक्टल इग्जाम, प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट, एमआरआई जैसे परीक्षण कराने की सलाह दे सकते हैं। यदि स्थिति तेजी से बढ़ रही है तो सर्जरी के माध्यम से प्रोस्टेट को निकाला जा सकता है। कुछ रोगियों को रेडिएशन या हार्मोन थेरपी की भी आवश्यकता हो सकती है।

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