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लाइफ स्टाइल
स्मार्टफोन पर गड़ाए रखते हैं नजरें तो हो जाएं सावधान, जानिए वजह
Tara Tandi
13 Jun 2023 7:16 AM GMT

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स्मार्ट फोन देखते रहने की लत कई मायनों में हानिकारक हो सकती है. दिनभर फोन देखते हैं या नोटिफिकेशन आते ही चैक करना एंजाइटी बढ़ाता है. इस फोन की लत से अधिकांश लोग सोशल साइट्स पर हैं लेकिन सोशली पूरी तरह कट चुके हैं. दिन भर या दिन के ज्यादा से ज्यादा समय फोन चलाने से फिटनेस और रीढ़ की हड्डी दोनों पर इसका असर पड़ रहा है. आंखें भी स्मार्ट फोन के बुरे प्रभाव से कहां बच सकी हैं. लगातार फोन देखते रहने से जो एक समस्या आम हो चली है वो है स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम.
क्या है स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम?
ये एक ऐसी समस्या है जो आंखों को लगातार अपनी चपेट में लेने के साथ साथ विशेषज्ञों की चिंता का कारण भी बनी है. अधिकांश नेत्र विशेषज्ञों की राय है कि लगातार फोन की स्क्रिन देखने से युवा आबादी इस सिंड्रोम की शिकार हो रही है. इस समस्या ने गंभीर रूप लिया तो ये आंखों की देखने की क्षमता पर भी असर डाल सकती है. कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि देश की 70 फीसदी युवा आबादी को इसका खतरा हो सकता है.
दिखने लगता है धुंधला
ये परेशानी तब होती है जब आखों की मसल्स ज्यादा काम करने से थक जाती हैं और उनमें दर्द होने लगता है. स्क्रीन से आने वाली नीली रोशनी की वजह से आंखों के रेटिना को नुकसान होता है. इसके अलावा लगातार चमकीली स्क्रिन देखने से ड्राई आइज होना और धुंधला धुंधला दिखाई देना भी आम समस्या बन जाता है. आंखों में थकान होने की शिकायत भी बनी रहती है.
इस सिंड्रोम से कैसे बचें?
इस सिंड्रोम से आंखों को बचाने का कारगर तरीका है स्क्रीन से ब्रेक लेना. लगातार स्क्रीन देखने की जगह कम से कम बीस मिनट के अंतराल पर आंखों को ब्रेक जरूर दें.
डिजिटल टाइम मैनेज करें. लगातार एक या दो घंटे स्क्रीन देखने से बचें. ये भी ध्यान रखें कि फोन ज्यादा नजदीक से नहीं देखें. स्मार्ट फोन और आंखों के बीच कम से कम बीस सेंटीमीटर का फासला जरूर रखें.
बहुत अंधेरे में या लाइट ऑफ कर स्मार्ट फोन देखने की आदत तुरंत बंद कर दें.
लंबे समय तक स्क्रीन देखना मजबूरी है तो ब्लू रे चश्मा जरूर बनवा लें.

Tara Tandi
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