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पानी के बिना जिंदगी जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यहां तक कि हमारे शरीर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना हुआ है। ऐसे में जरूरी हैं कि शरीर में पानी की कमी ना होने दें। इसलिए ही सलाह दी जाती हैं कि दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानी पीना चाहिए। इसमें बरती गई लापरवाही आपके लिए कई शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती हैं। खासतौर से गर्मियों के दिनों में आपको डिहाइड्रेशन की समस्या ज्यादा होती हैं। डिहाइड्रेशन के कारण उल्टी, लूज मोशन, बुखार और डायरिया भी हो सकता है। ऐसे में जरूरी हैं कि उन संकेतों को पहचाना जाए जो शरीर में पानी की कमी को दर्शाएं ताकि किसी बड़ी समस्या से बचा जा सकें। आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे में...
सिरदर्द
डिहाइड्रेशन सिरदर्द और आलस्य का एक सिद्ध ट्रिगर है और यह संकेत है कि आपके शरीर को पानी की आवश्यकता है। इसके अलावा, यदि आपका शरीर निर्जलित है तो सिर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है। तो अगली बार सिर में दर्द होने पर गोली लेने की बजाय थोड़ा पानी पिएं।
क्रेविंग होना
शरीर में पानी की कमी होने पर या डिहाइड्रेशन के शिकार लोगों को आम लोगों की तुलना में भूख और प्यास काफी ज्यादा लगने लगती है। ऐसे में अचानक भूख और प्यास बढ़ना भी पानी की कमी का ही संकेत देता है। हालांकि इस बारे में अभी तक पूर्ण शोध ना हो पाने के कारण कुछ अधिक नहीं कहा जा सकता है। लेकिन इतना जरूर है कि डिहाइड्रेट लोगों को नॉर्मल लोगों की तुलना में क्रेविंग अधिक होती है।
यूरिन से जुड़ी समस्याएं
यूरिन का रंग जितना अधिक हल्का और पानी जैसा होता है, उसका अर्थ होता है कि आपके शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा जा रही है। लेकिन अगर यूरिन का रंग हल्के पीले से लेकर गाढ़ा पीला है तो यह डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है। डिहाइड्रेशन होने का एक संकेत यह भी होता है कि पीला यूरिन आने के बाद आपको जलन या तेज खुजली की दिक्कत हो सकती है। डिहाइड्रेशन होने पर यूरिन की मात्रा भी कम हो जाती है।
सांसों की बदबू
जब सांसों की दुर्गंध आती है तो दंत चिकित्सक के पास जाना हमेशा समाधान नहीं होता है। थूक बनाने के लिए पानी आवश्यक है, जिसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं। जब आपका शरीर खराब तरीके से हाइड्रेटेड होता है, तो बैक्टीरिया की वृद्धि अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप सांसों से दुर्गंध आती है।
थकान महसूस करना
लो ब्लड प्रेशर, थकान, सर में दर्द, घबराहट और ज्यादा नींद आना भी शरीर में पानी की कमी की ओर इशारा करता है। जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो मस्तिष्क में ऑक्सीजन और रक्त दोनों का संचार कम हो जाता है, जिससे सुस्ती और थकान दोनों होती है।
कब्ज
पानी पेट के मार्ग को साफ रखता है और कब्ज को रोकने में मदद करता है। यदि आपका शरीर ठीक से हाइड्रेटेड नहीं है तो उल्टी या दस्त होने पर कब्ज की संभावना अधिक होती है। एसिड रिफ्लक्स और नाराज़गी भी डिहाइड्रेशन के परिणाम हैं।
शरीर में पानी की कमी होने पर स्किन में रूखापन आने लगता है। जिसके कारण त्वचा पर रैशेज, खुजली और होंठों पर डेड स्किन सेल्स में भी इजाफा होने लगता है।
मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द
शरीर के जोड़ों का एक अनिवार्य भाग होने के कारण, पानी की कमी के कारण जोड़ एक-दूसरे से टकराते और रगड़ते हैं, जिससे जोड़ों में दर्द होता है। मांसपेशियों के मामले में, डिहाइड्रेशन मांसपेशियों के संकुचन का कारण बन सकता है जो दर्द का कारण बनता है।
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Kajal Dubey
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