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मूंगफली पसंद करने वालों के लिए बुरी खबर, ज्यादा खाने से हो सकता है कैंसर

Admin2
11 Aug 2021 4:37 PM GMT
मूंगफली पसंद करने वालों के लिए बुरी खबर, ज्यादा खाने से हो सकता है कैंसर
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मूंगफली पसंद करने वालों के लिए बुरी खबर है. हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक ज्यादा मूंगफली खाने से कैंसर फैलने की आशंका बढ़ जाती है. आमतौर पर मूंगफलियां लोग नाश्ते में लेते हैं. उसकी चटनी बनाते हैं. चिक्की खाते हैं. सॉल्टेड और रोस्टेड मूंगफली खाते हैं. लेकिन ज्यादा मूंगफली खाने से कैंसर होने की आशंका ऐसे लोगों को परेशान कर सकती है, जिन्हें मूंगफलियां बहुत पसंद हैं.

मूंगफली से कैंसर फैलने की आशंका होती है, यह स्टडी हाल ही में कार्सिनोजेनेसिस (Carcinogenesis) जर्नल में प्रकाशित हुई है. इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि कैंसर मरीज के शरीर में एक ऐसा प्रोटीन होता है, जो मूंगफलियों में पाया जाता है. इस प्रोटीन को कहते हैं पीनट एग्लूटिनिन (Peanut Agglutinin - PNA). ये प्रोटीन दो मॉलीक्यूल्स को जेनरेट कर सकता है, जिनकी वजह से कैंसर फैलने की आशंका बढ़ जाती है. PNA से निकलने वाले दोनों मॉलीक्यूल्स साइटोकाइन्स (Cytokines) होते हैं. ये छोटे प्रोटीन कोशिकाओं की सिग्नलिंग और शरीर के इम्यून रेसपॉन्स के लिए काम करते हैं. इन प्रोटीन मॉलीक्यूल्स का नाम है - IL-6 और MCP-1. ये बेहद सामान्य प्रोटीन होते हैं लेकिन इनके बारे में ज्यादा जानकारी किसी को नहीं होती. ये कैंसर मेटास्टेसिस (Cancer Metastasis) को बढ़ावा देते हैं.

IL-6 और MCP-1 प्रोटीन्स खून की नसों की अंदरूनी परत पर पाई जाने वाली एंडोथेलियल कोशिकाओं (Endothelial Cells) में मौजूद चिपकने वाले कणों को बढ़ा देते हैं. इन कणों के बढ़ने से एंडोथेलियल कोशिकाएं नसों में घूमने वाली ट्यूमर सेल्स (Tumor Cells) को खींचती है. अपने साथ चिपकाने लगती हैं. चिपकाने वाले कणों और ट्यूमर सेल्स के बीच ज्यादा संबंध बनने से कैंसर मेटास्टेसिस की आशंका बढ़ जाती है.

यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के प्रोफेसर और इस स्टडी के लेखक लू-गैंग यू ने कहा कि हम जानते हैं कि ये हैरान करने वाली खबर है. लेकिन इसके बावजूद यह सत्य है. हमें और स्टडी करने की जरूरत है. अगर कैंसर मरीज मूंगफलियां ज्यादा खाते हैं, तो उनकी बीमारी ठीक होने के बजाय और बिगड़ सकती है. या फिर किसी स्वस्थ व्यक्ति को कैंसर हो सकता है. PNA एक कार्बोहाइड्रेट बाइंडिंग प्रोटीन है, जो मूंगफली खाने के बाद तेजी से खून के बहाव में मिलता है.

PNA को डाइजेस्ट करना मुश्किल होता है. यह मूंगफली के पूरे वजन में सिर्फ 0.15 फीसदी ही होता है. लेकिन ज्यादा मूंगफली खाने पर इसकी मात्रा शरीर में बढ़ जाती है. इससे पहले लू-गैंग यू ने इसी तरह की एक और स्टडी की थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि PNA खून में बह रहे ट्यूमर सेल्स की सतह पर मौजूद प्रोटीन से संपर्क करता है. उनमें बदलाव करता है. इसके बाद वो ट्यूमर सेल्स एक जगह जमा होते जाते हैं. उससे कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है.

अगर आप मूंगफली खाने के शौकीन है और कैंसर होने की आशंका से बचना चाहते हैं तो दिनभर में सिर्फ 28 ग्राम मूंगफली ही खाएं. कुछ लोग इसे बढ़ाकर 250 ग्राम तक कर देते हैं, मूंगफली को ऐसे खाते हैं...जैसे फिर मिलेगा नहीं. लेकिन यहीं से उन्हें कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. लू-गैंग यू ने कहा कि मूंगफली खाना सामान्य बात है. लेकिन ज्यादा खाना खतरनाक है, क्योंकि शरीर में अगर PNA की मात्रा बढ़ी तो दिक्कत हो सकती है.

लू-गैंग यू ने कहा कि अभी तक यह बात स्पष्ट नहीं हुई है कि ज्यादा मूंगफली खाने वालों की कैंसर से मौत हो गई हो. अमेरिका में बड़े पैमाने पर हुई एक स्टडी के मुताबिक मूंगफली खाने से होने वाले कैंसर से किसी मौत नहीं हुई है. यह बात भी सामने आई है कि पुरुषों को होने वाले प्रोस्टेट कैंसर में मूंगफली का कोई योगदान रहा हो. इस बारे में ज्यादा स्टडी करने की जरूरत है. लेकिन यह बात तो तय है कि PNA मूंगफली में होता है. इससे कैंसर को बढ़ावा मिल सकता है. लू-गैंग यू ने कहा कि मूंगफली खाने वाले लोगों के शरीर में PNA खून की नसों में दौड़ता रहता है. यह कैंसर को बढ़ावा दे सकता है, अगर ज्यादा मात्रा में मूंगफली खाई जाए तो. इसकी वजह से ट्यूमर सेल्स पर जैविक प्रभाव पड़ते हैं. इससे कैंसर मेटास्टेसिस होने की आशंका रहती है. इसलिए बेहतर है कि लोग मूंगफली खाएं लेकिन सीमित मात्रा में. ताकि कैंसर की आशंकाओं से बचा जा सके.


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