लाइफ स्टाइल

Baby care: बच्चों को मोबाइल और सोशल मीडिया की लत से ऐसे सुधार

Prachi Kumar
20 Jun 2024 8:29 AM GMT
Baby care: फोन और सोशल मीडिया एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल तो आजकल छोटे बच्चे भी करने लगे हैं। पैरेंट्स भी जिद्दी बच्चों को मानने के लिए या उन्हें खाना खिलाने के लिए आसानी से स्मार्टफोन थमा देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इससे वो बिगड़ रहे हैं और पारिवारिक संस्कारों से दूर हो रहे हैं। स्मार्टफोन में देखते तो वो बहुत कुछ हैं, लेकिन क्या सही है और क्या गलत, ये बात समझ नहीं पाते हैं और इसी वजह से गलत राह पर चल पड़ते हैं। Jonathan Haidt जो की एक सामाजिक मनोवैज्ञानिक हैं की नई किताब
'Anxious Generation
' भी इसी बारे में बात करती है। Jonathan की मानें तो बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य में भारी गिरावट के पीछे के कारण भी स्मार्टफोन ही है। वो कहते हैं की स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चे डिप्रेशन, anxiety और अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। उनमें हिंसा की भावना आ रही है।
इसके लिए बच्चों को 16 साल की उम्र से ही पहेल स्मार्टफोन देना ही नहीं चाहिए। उन्हें ज्यादा से ज्यादा बाहर घूमकर दुनिया देखनी चाहिए और दूसरे बच्चों से बात करनी चाहिए। इससे उनका बेहतर विकास होगा और वो मानसिक रोगों की चपेट में नहीं आएंगे।
बच्चों के स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर ये 4 Guidelines हर जगह लागू होनी चाहिए....
1. हाई स्कूल से पहले कोई स्मार्टफोन नहीं
पहले बच्चों को फ्लिप फोन देने का सुझाव देते हैं ताकि वे सुरक्षा उद्देश्यों के लिए अभी भी जुड़े रह सकें। बता दें, फ्लिप फोन से सिर्फ कॉल या text किया जा सकता है।
2. 16 साल की उम्र से पहले कोई सोशल मीडिया नहीं
सोशल मीडिया बच्चों को गलत दिशा में लेकर जा रहा है और फोन में देखी गलत वीडियो को भी एक अच्छी समझ लेते हैं। ये कई बार बच्चों को जुर्म की राह पर भी ले जाता है, इसलिए 16 साल की उम्र से पहले उन्हें स्मार्टफोन न दें। उन्हें समय दें ताकि वो थोड़े बड़े हों और गलत- सही समझने की उनमें गुण आ जाए।
3. फ़ोन-मुक्त SCHOOL
स्कूल अधिकारियों से छात्रों के फोन के लिए लॉकर जैसे विकल्पों के बारे में पूछने की सिफारिश की है।
4. वास्तविक दुनिया में अधिक स्वतंत्र खेल और जिम्मेदारी
कुल मिलाकर, बच्चों के खेलने की आवश्यकता पर जोर दिया, चाहे वो घर का आंगन ही क्यों न हो, स्थानीय पार्क में हो, या स्कूल के खेल के मैदान में हो।
पैरेंट्स को भी करना होगा ये काम
अब बच्चों को पालने का तरीका बदलना होगा। पैरेंट्स को थोड़ा एडवांस होना होगा। बच्चों की मोबाइल फोन की लत सुधारने के लिए
PARENTS
को खुद भी मोबाइल फोन का त्याग करना होगा।
ज्यादा से ज्यादा समय बच्चों के साथ बिताना होगा। उनके साथ खेलें, उनसे बातें करें. उनके मन की बात को जानने की कोशिश करें. उनके साथ फ्रेंडली रहे. इसके अलावा बच्चे का होमवर्क कराएं। उसे मोबाइल फोन न देकर अच्छी-अच्छी किताबें पढ़ने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। जब ज्यादा पैरेंट्स खुद किताबें पढ़ेंगे तो उनके बच्चे भी पैरेंट्स की तरह किताबें पढ़ना पसंद करेंगे।
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