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टीबी जैसी बीमारी से छुटकरा पाने का आयुर्वेदिक उपाय

Ritisha Jaiswal
23 March 2022 3:29 PM GMT
टीबी जैसी बीमारी से छुटकरा पाने का आयुर्वेदिक उपाय
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दुनिया की दस सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है टीबी, जिसका पूरा नाम है ट्यूबरक्लोसिस।

दुनिया की दस सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है टीबी, जिसका पूरा नाम है ट्यूबरक्लोसिस। क्या आप जानते हैं इस जानलेवा बीमारी के कारण हर साल तकरीबन 15 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ दोना पड़ता है। टीबी भी एक संक्रामक बीमारी है जो ट्यूबरक्‍युलोसिस बैक्टीरिया की वजह से फैलती है। इस बीमारी में जो अंग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है वो है फेफड़ा। हालांकि कई बार टीबी का असर गले, ब्रेन, यूट्रस, मुंह, लिवर, किडनी तक भी पहुंच जाता है। सबसे कॉमन होती है फेफड़े की टीबी। लोगों को इस गंभीर बीमारी से बचाने के लिए हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है।

टीबी को इसलिए खतरनाक माना जाता है क्योंकि ये शरीर के जिस हिस्से में होता है। उसे खराब कर देता है। इसलिए जरूरी है कि समय में इसके लक्षणों को पहचान कर इसका इलाज किया जा सके। आइए हम आपको कुछ आयुर्वेदिक उपाय बताते हैं जिसकी मदद से आप टीबी की समस्या से निजात पा सकते हैं।

टीबी के लक्षण

कई हफ्तों तक खांसी

रात में पसीना आना
बुखार
ठंड लगना
लंबे समय तक खांसी की समस्या
एक्स-रे कराने पर फेफड़ों में दाग-छिद्र होना।
थकावट
वजन घटना
सांस लेने में तकलीफ
भूख न लगना
टीबी से निजात पाने के आयुर्वेदिक उपाय​
लहसुन, हल्दी, प्याज और अदरक का गाढ़ा पेस्ट बनाकर फेफड़े के ऊपर लगाकर किसी कपड़े से बांध लें।
दूध, हल्दी और च्यवनप्राश का सेवन नियमित रूप से करें। इससे जेनेटिक तरीके से होने वाली टीबी से निजात मिलती है।
फेफड़ों को तंदरुस्त रखने के लिए लहसुन, तुलसी, नींबू,संतरा, पपीता, तरबूज, पालक , अदरक, कच्ची हल्दी और गिलोय का सेवन करे।
अखरोट और लहुसन का पेस्ट बना लें। इसके बाद कढ़ाई में गाय का घी डालकर इसमें थोड़ी सी अजवाइन, जीरा, हींग डाल दें और लहसुन और अखरोट को डालकर हल्का भून लें। इसे 2-2 चम्मच खाएं।
लौकी की सब्जी खाएं और लौकी का सूप पिएं।
पुदीना, धनिया और लौकी का पेस्ट बनाकर गाय के घी में जीरा, अजवाइन और हींग डालकर भून लें और इसका सेवन करें।
खाली पेट संतरे का सेवन करें।
नारियल पानी के साथ शहद खाएं।




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