जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व किडनी दिवस (World Kidney day) हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व किडनी दिवस 10 मार्च 2022 को मनाया जाएगा। इस खास दिन को मनाने के पीछे का मकसद लोगों को शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग के प्रति सचेत और जागरूक करना है। संतुलित दिनचर्या से गुर्दे (किडनी) की बीमारियों से बचा जा सकता है। विश्व किडनी दिवस 2022 की थीम, किडनी हेल्थ फॉर आल(Kidney For All) रखी गई है।
चिकित्साविदों का मानना है कि आयुर्वेद में वर्णित जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल से न सिर्फ लंबे समय तक गुर्दों को स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है बल्कि वे इलाज में भी प्रभावी है। विश्व के पांच मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट भी इस बात को बल देती हैं।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के आयुर्वेद संकाय के डीन प्रोफेसर के. एन. द्विवेदी के अनुसार पुनर्नवा, गोक्षुरू, वरुण, गुडुची, कासनी, तुलसी, अश्वगंधा तथा आंवला जैसी औषधियों के सेवन से गुर्दे की क्रियाप्रणाली में सुधार होता है। इससे गुर्दे से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है और यदि कोई विकार पहले ही उत्पन्न हो चुका हो तो उसे ठीक करने में कारगर साबित होती है। इन्हीं जड़ी-बूटियों से बने आयुर्वेदिक फार्मूला नीरी-केएफटी तैयार किया गया है जिसके सकारात्मक प्रभाव पाए गए हैं।
द्विवेदी ने बताया यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर किडनी को शक्ति प्रदान करती है। इसमें कुल 20 बूटियां शामिल हैं जिसमें से वरुण मरीजों में क्रिएटिनिन के स्तर को घटाता है। वहीं गोक्षुरू, जिसे गोखरू भी कहा जाता है, यह नेफ्रॉन की क्षमता को बूस्ट करती है। जिससे गुर्दे की छानने की प्रक्रिया बेहतर होती है। इससे गुर्दा रोगियों में डायलिसिस का खतरा टल जाता है तथा जो डायलिसिस पर हैं, उनके डायलिसिस चक्र में कमी दर्ज की गई है।
इन साइंस जर्नल में प्रकाशित हुए अध्ययन
पांच साइंस जर्नल, साइंस डायरेक्ट, गुगल स्कालर, एल्सवियर, पबमेड और स्प्रिंजर में प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार नीरी केएफटी का समय रहते इस्तेमाल शुरू हो जाए तो गुर्दों को फेल होने से बचाया जा सकता है।
नीरी केएफटी किडनी की सूक्ष्म संरचना और कार्यप्रणाली का उपचार करने में कारगर है तथा इसके सेवन से गुर्दे के रोगियों में क्रिएटिनिन, यूरिया और यूरिक एसिड की मात्रा में कमी आई है। ये पैरामीटर गुर्दे की सेहत को इंगित करते हैं।