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इस नवरात्री के व्रत में नकली साबूदाना खाने से बचे, ऐसे करें पहचान

Renuka Sahu
5 Oct 2021 4:07 AM GMT
इस नवरात्री के व्रत में नकली साबूदाना खाने से बचे, ऐसे करें पहचान
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फाइल फोटो 

व्रत करते वक्त आपने साबूदाना जरूर खाया होगा? यह एक ऐसा फूड है जो पूरे भारत में व्रत के दौरान खाया जाता है. ब

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। व्रत करते वक्त आपने साबूदाना जरूर खाया होगा? यह एक ऐसा फूड है जो पूरे भारत में व्रत के दौरान खाया जाता है. बता दें कि साबूदाना एक प्रोसेस्‍ड फूड है जो टैपिओका कंद से निकाले गए स्टार्च से बनाया जाता है. इसलिए लोग इसे व्रत के दौरान खूब खाते हैं. लेकिन, मार्केट में इसकी अधिक डिमांड के कारण आजकल नकली साबूदाना भी खूब मिल रहा है. यह देखने में बिलकुल असली साबूदाने की तरह ही दिखता है इसलिए फर्क करना मुश्किल हो जाता है. तो चलिए जानते हैं असली और नकली साबूदाने के बीच के फर्क के बारे में-

इस तरह करें असली और नकली साबूदाने की पहचान
-असली और मिलावटी साबूदाने में फर्क पहचानने के लिए साबूदाने का कुछ दाने को अपने मुंह में डाल लें. अगर यह दाने मुंह में किरकिरा महसूस हो रहे हो तो समझ लें कि यह साबूदाना नकली है.
-असली साबूदाने की यह पहचान है कि इसे मुंह में डालने पर यह स्टार्च के रूप में फील होने लगता है. इससे यह दांतों में चिपकने लगता है. वहीं नकली साबूदाना में ऐसा फील नहीं होता है.
-इसके साथ ही असली साबूदाने को पानी में फूलने पर यह कुछ ही देर में फूल जाता है. वहीं मिलावट वाला साबूदाना देर तक नहीं फूलता है.
-असली साबूदाने को आग के हवाले करने पर यह राख नहीं छोड़ता लेकिन, नकली साबूदाने को जलाने पर उसकी स्मेल आएगी और उसमें से धुआं निकलेगा.
मिलावटी साबूदाने खाने के यह है नुकसान
बता दें कि मिलावटी साबूदाने को बनाने के लिए कई तरह के ब्लीचिंग एजेंट्स और कैमिकल का फॉस्फोरिक एसिड और सल्फ्यूरिक एसिड इस्तेमाल किया जाता है जो शरीर के लिए बहुत हानिकारक है. इसमें कई आर्टिफिशियल व्हाइटनिंग एजेंट्स का भी यूज किया जाता है जिस कारण यह शरीर के कई अंगों को डैमेज कर देता है. यह किडनी और लिवर से जुड़ी बीमारियों का बहुत बड़ा कारण है. इसलिए इस तरह के मिलावटी साबूदाने के सेवन से आपको बिलकुल बचना चाहिए.


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