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लाइफ स्टाइल
शारीरिक और मानसिक विकास से संबंधित एक डिसऑर्डर है ऑटिज्म
Ritisha Jaiswal
23 Aug 2022 9:25 AM GMT

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बच्चों में जन्म के समय ऑटिज्म का पता लगाना बेहद मुश्किल होता है, क्योंकि इसके लक्षण तब नज़र नहीं आते हैं.
बच्चों में जन्म के समय ऑटिज्म का पता लगाना बेहद मुश्किल होता है, क्योंकि इसके लक्षण तब नज़र नहीं आते हैं. जब बच्चा 1-2 वर्ष का होता है, तो उसका शारीरिक विकास सही से नहीं होता, उसके हावभाव दूसरे बच्चों की तुलना में थोड़े अलग होते हैं. इसी के जरिए समझ आता है कि बच्चा ऑटिज्म से ग्रस्त है. हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि आंखों का परीक्षण करके बच्चों में शुरुआती स्तर पर ही ऑटिज्म होने का पता लगाया जा सकता है. इस परीक्षण में एक खास लाइट का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें आंखों की पुतली इस रोशनी के प्रति रिएक्ट करती है.
हिंदुस्तानटाइम्स डॉट कॉम में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए इस अध्ययन के अनुसार, एक खास उपकरण से निकलने वाली लाइट (प्यूपिलरी लाइट रिफ्लेक्स से भी जाना जाता है) में आंखों की पुतली कैसे बदलती है, इसका उपयोग करके संभवतः शुरुआती दिनों में शिशुओं में ऑटिज्म होने का पता लगाया जा सकता है. इस स्टडी की लेखिका जॉर्जिना लिंच के अनुसार, ये पोर्टेबल टेक्नोलॉजी बच्चों में ऑटिज़्म की जांच करने का एक त्वरित और आसान तरीका प्रदान कर सकती है. ये एक ऐसा उपकरण है, जो एक्सपर्ट्स को बच्चों में उनके शारीरिक विकास से संबंधित समस्याओं को शुरुआती दिनों में ही डिटेक्ट करने में मदद करेगा.
जॉर्जिना लिंच के अनुसार, जब हम इस टेक्नीक के जरिए 18 से 24 महीने के शिशुओं की जांच करते हैं, तो इसका परिणामों पर लॉन्ग-टर्म असर होता है. फ्लॉयड कॉलेज ऑफ मेडिसिन में लिंच एक सहायक प्रोफेसर हैं, जिन्होंने अभ्यास करते समय ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के साथ काम भी किया है. इस स्टडी को जर्नल न्यूरोलॉजिकल साइंसेज में प्रकाशित किया गया है. अध्ययन में 6 से 17 वर्ष की उम्र के 36 बच्चों का टेस्ट किया गया. इन बच्चों को ऑटिज़्म था. बच्चों की प्यूपिलरी लाइट रिफ्लेक्सिस का टेस्ट हाथों के मोनोक्युलर प्यूपिलोमीटर डिवाइस का उपयोग करके किया गया. यह डिवाइस एक समय में एक आंख को मापती है. परिणामों का विश्लेषण करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों ने इस रोशनी के प्रति अपने आंखों की पुतली को सिकुड़ने में लगने वाले समय में महत्वपूर्ण अंतर दिखाया. साथी ही आंखों की पुतलियों को लाइट हटाए जाने के बाद अपने मूल आकार में लौटने में अधिक समय लगा.

Ritisha Jaiswal
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