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लाइफ स्टाइल
Asthma Risk: अपनी गलतियों से अस्थमा का शिकार हो रहे हैं युवा, जानें इससे बचने का उपाय
Tulsi Rao
4 Aug 2022 4:20 AM GMT
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Asthma Treatments: लोगों के जीवन में कई तरह के बदलाव आ चुके हैं. खान-पान में बदलाव आ चुका है. पर्यावरण की बात करें, तो वो भी प्रदूषित है. दुनियाभर में सिगरेट, हुक्का, और धुएं वाले पदार्थ मौजूद हैं,जिसके सेवन से हम खुद को नुकसान पहुंचाने के साथ अपने आस-पास के वातावरण को भी गंदा करते हैं. देखा जाए तो इंसान ने खुद को प्रकृति से अलग कर लिया है, इसीलिए कोरोना और मंकीपॉक्स जैसे बीमारियां तेजी से फैल रही हैं. इसी वजह से आज भारत में लगभग 20 मिलियन दमा के रोगी हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने ये दावा किया है. कि अगर हम अपने नेचर का ध्यान नहीं रखेंगे तो ये जानलेवा बीमारी बढ़ती ही जाएगी और लोगों की जिंदगी को कठिन बनाते जाएगी.
देश का निकला कचरा
आज के समय में शहरों से एक दिन में करीब मिलियन टन कचरा निकलता है. जिसका अभी तक कोई सुरक्षित उपचार नहीं निकला है. इसे कहां जलाना चाहिए और कहा नहीं, कई क्षेत्रों में इन्ही कचरों का पहाड़ देखने को मिलता है और कई जगहों पर इसे बिना सोचे समझे जला दिया जाता है. इससे निकलने वाला प्रदूषित धुआं आपके फेफड़ों को अच्छे से सांस लेने में दिक्कत पहुंचाता है. जिसकी वजह से कई लोग दमा के रोगी हो जाते हैं.
दिमाग और फेफड़ों का कनेक्शन
आपका फेफड़ा आपके दिल, दिमाग को मजबूत रखने में मदद करता है. जब आप शुद्ध ऑक्सीजन लेते हैं तो आपका दिमाग एक्टिव चलता है और आप दिनभर बेहतर महसूस करते हैं. वहीं जब आप किसी भी धुएं वाली पदार्थों का सेवन करते है, जैसे- सिगरेट, बीड़ी, हुक्का तो वो शुद्ध ऑक्सीजन को भी जहरीली बना देती है. जिससे आपका फेफड़ा खराब होने लगता है और आप अस्थमा के शिकार हो जाते हैं.
क्या है इलाज
रोजाना दफ्तर जाने वाले लोग और स्कूल, कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स को फेफड़े खराब होने की समस्या जल्दी हो सकती है. आप में से कई लोग सिगरेट का सेवन करते होंगे, तो कई लोग उसी धुएं का शिकार होते होंगे, ऐसे में आपको रोजाना लगभग 500 मीटर चलना चाहिए और दौड़ना चाहिए और अगर आपके पास समय नहीं है तो स्वास के लिए आप घर पर योग कर सकते हैं. इससे आपका फेफड़ा स्वस्थ रहेगा और आप दमा का शिकार होने से बचे रहेंगे.
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