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मासिक धर्म की प्रक्रिया संतुलित रखता है अशोकारिष्ट

Apurva Srivastav
5 May 2023 5:23 PM GMT
मासिक धर्म की प्रक्रिया संतुलित रखता है अशोकारिष्ट
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अशोकारिष्ट के फायदे (Benefits of Ashokarishta in hindi)
अशोकारिष्ट के सेवन से मासिक धर्म की प्रक्रिया संतुलित रहती है। यह महिलाओं को पोषण प्रदान करता है जिससे उनके शरीर में खून की मात्रा एवं प्रजनन तंत्र नियंत्रित रहता है। यह महिलाओं में बिगड़ी हार्मोनल स्थिति को भी बेहतर बनाये रखने में मदद करता है जिससे बहुत फायदा मिलता है। साथ ही इसके नियमित इस्तेमाल से कमर दर्द की समस्या में भी राहत मिलती है।
अशोकारिष्ट के उपयोग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे कई प्रकार की बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है। इसमें इम्यून मॉड्यूलेटर (Immune-Modulator) पाया जाता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। यह शरीर को कई बीमारियों के साथ-साथ लगभग हर प्रकार के संक्रमणों के खतरों से भी बचाता है।
अशोकारिष्ट में डाइजेस्टिव (Digestive) एवं कार्मिनेटिव (Carminative) गुण पाया जाता है जो शरीर की पाचन शक्ति में वृद्धि करने के साथ-साथ पेट में गैस संबंधी परेशानियों से भी निजात दिलाता है। इसमें मौजूद इन्हीं गुणों के कारण हम पेट में गैस, अपच एवं पेट में ऐंठन जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं।
अशोकारिष्ट के उपयोग से ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) की समस्या में राहत मिलती है। एक उम्र में बाद महिलाओं में मासिक धर्म बंद हो जाता है जिसके कारण उनके शरीर में कई बदलाव होते हैं इस स्थिति को मेनोपॉज कहते हैं। इस स्थिति में उनकी हड्डियों में मिनरल्स की मात्रा कम हो जाती है। अशोकारिष्ट हड्डियों के घनत्व को बढ़ा कर उसमे मिनरल्स की मात्रा को नियंत्रित रखता है जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या में बहुत राहत मिलती है। इसके आलावा अशोकारिष्ट के सेवन से अन्य बीमारियों के खतरों से भी बचा जा सकता है।
अशोकारिष्ट के उपयोग से अल्सर जैसी बीमारी के लक्षणों को आसानी से घटाया जा सकता है। इसमें एंटी-अल्सर (Anti-Ulcer) के गुण पाए जाते हैं जो अल्सर की समस्या में बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना नियमित रूप से इसका सेवन करने से इस से जल्द छुटकारा पाया जा सकता है।
अशोकारिष्ट के इस्तेमाल से शरीर की सूजन को घटाया जा सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) एवं एंटी-माइक्रोबियल (Anti-microbial) गुण पाए जाते हैं जिससे हमारे शरीर की सूजन को कम करने में आसानी होती है। इसके अलावा अशोकारिष्ट में कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं जो अंडाशय, गर्भाशय एवं अन्य प्रजनन अंगों को हानि से बचाते हैं।
अशोकारिष्ट के नियमित उपयोग से हम कई प्रकार की बीमारियों के खतरों से बचे रहते हैं। इसमें फिनोलिक एसिड (Phenolic acid) के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट (Anti-oxident) के गुण भी पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में मुक्त कणों की संख्या को घटाने का कार्य करते हैं। शरीर में मुक्त कणों की संख्या बढ़ जाने से कई गंभीर बीमारियां जैसे बढ़ती उम्र के प्रभाव, तंत्रिका तनत्र संबंधी विकार, रोग प्रतिरोधक तंत्र संबंधी विकार एवं हृदय संबंधी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अशोकारिष्ट के सेवन से इन सभी समस्याओं से बचे रहने में आसानी होती है।
महिलाओं को अशोकारिष्ट का सेवन करने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। इसके सेवन से पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome – PCOS) की समस्या से बचा जा सकता है। यह महिलाओं में होने वाली एक बीमारी है जो अधिकतर रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में होती है। इस बीमारी में उनका हार्मोनल असंतुलित हो जाता है एवं उनके शरीर में मेल हॉर्मोन्स की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण ओवरीज़ पर एक से अधिक सिस्ट हो जाते हैं। अशोकारिष्ट पीने से महिलाओं में हार्मोनल संतुलित रहता है जिससे इस समस्या से बचने में आसानी होती है।
स्तनपान करा रही महिलाओं को अशोकारिष्ट के सेवन से कई लाभ होते हैं। इसका बच्चे पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। इसके अलावा इसमें कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जो जोड़ों एवं हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
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