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क्या जवानी के जोश में लोग क्षमता से ज्यादा एक्सरसाइज तो नहीं कर रहे

Kajal Dubey
22 May 2023 12:02 PM GMT
क्या जवानी के जोश में लोग क्षमता से ज्यादा एक्सरसाइज तो नहीं कर रहे
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सिर्फ राजू ही नहीं, उनसे पहले टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ल और साउथ इंडियन एक्टर पुनीत राजकुमार की मौत भी हार्ट अटैक की वजह से हुई। उनके बारे में भी यही कहा जा रहा था कि वो भी किसी न किसी तरह हार्ड वर्कआउट में शामिल थे। अगर आपने गौर किया हो, तो इन सभी की उम्र बहुत ज्यादा नहीं थी। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या हार्ड वर्कआउट हार्ट अटैक या अन्य दिल से जुड़ी परेशानियों को न्योता तो नहीं दे रहा, कितनी देर एक्सरसाइज करना सही है, क्या जवानी के जोश में लोग क्षमता से ज्यादा एक्सरसाइज तो नहीं कर रहे, क्या दुबला-पतला होने का जुनून आपके दिल को तो नुकसान नहीं पहुंचा रहा? चलिए मन में उठते इन वालों के जवाब हम जानते है...
कितनी देर करनी चाहिए एक्सरसाइज
सबसे पहले हमें यह जानना बेहद जरुरी है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए कितनी देर एक्सरसाइज करना ठीक रहता है। ऐसे में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) का मानना है कि फिजिकल एक्टिविटी आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने और आपके ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकती है। वयस्कों को हर हफ्ते 2 घंटे और 30 मिनट की मोडरेट इंटेंसिटी एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है जिसमें तेज चलना, साइकिल चलाना, वेट ट्रेनिंग, योग, स्ट्रेचिंग आदि शामिल हैं। बच्चों और किशोरों को रोजाना करीब एक घंटे की फिजीकल एक्टिविटी करनी चाहिए।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, शोध में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि उच्च तीव्रता वाले व्यायाम दिल के रोगों से पीड़ित लोगों में अचानक कार्डियक अरेस्ट और उससे मौत का जोखिम को बढ़ा देते है। यह हार्ट रिदम डिसऑर्डर के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। Clevelandclinic का मानना है कि ज्यादा हार्ड एक्सरसाइज करना दिल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। यह उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है जिन्हें दिल से जुड़े रोग विरासत में मिले हैं।
जोरदार गतिविधि करने से पहले दिल को जानें
अगर आप जिम शुरू कर रहे हैं या ऐसा काम करने जा रहे हैं जिसमें शरीर का जोरदार इस्तेमाल होने वाला है, तो आपको कुछ टेस्ट करा लेने चाहिए। इसमें एक ट्रेडमिल टेस्ट है, जिससे आपके दिल के हाल का पता चल सकता है। इन दिनों सीटी एंजियोग्राफी भी होती है जो बता सकती है कि कहीं आपके हार्ट में 40 से 50 प्रतिशत ब्लॉकेज है या नहीं।
अगर आप कुछ महीनों या साल के अंतराल के बाद वर्कआउट करना शुरू कर रहे है तो आपको ऊपर बताए टेस्ट करा लेने चाहिए। इसके अलावा डायबिटीज मरीजों और महिलाओं के लिए इस तरह की जांच विशेष रूप से आवश्यक है, क्योंकि उन्हें छाती में एक सामान्य दर्द के रूप में दिल का दौरा पड़ने का अनुभव नहीं हो सकता है।
ट्रेडमिल पर दौड़ने से क्या होता है
जब ट्रेडमिल की स्पीड बहुत ज्यादा होती है, तो इसका हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर पर डबल असर पड़ता है। जिससे दिल के लिए ऑक्सीजन ज्यादा चाहिए होता है। लंबे समय ऐसी स्थिति बनी रहने से हार्ट के लिए सर्कुलेशन में तनाव पैदा हो सकता है जिससे नसों में ब्लॉकेज होना, ब्लड प्रेशर कम होना या दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है।
ट्रेडम‍िल पर रन‍िंग का सही तरीका
- ट्रेडम‍िल पर रन‍िंग करने से पहले वॉर्म अप करना न भूलें, वॉर्म अप करने से मसल्‍स पर जोर नहीं पड़ता।
- ट्रेडम‍िल चलाते समय आप स्‍पोर्ट शूज ही पहनें, स्‍पोर्ट शूज की मदद से आप सही ग्रि‍प बना पाएंगे और पैर व मसल्‍स पर जोर भी नहीं पड़ेगा।
- आपको ट्रेडम‍िल पर इंकलाइंड और ड‍िकलाइन दोनों मोड्स पर ट्रेडम‍िल चलानी चाह‍िए, क‍िसी एक मोड पर ज्‍यादा ट्रेडम‍िल चलाने से शरीर को नुकसान हो सकता है।
- ट्रे्डम‍िल चलाते समय ज्‍यादातर लोग इमरजेंसी क्‍ल‍िप का इस्‍तेमाल नहीं करते हैं, ट्रेडम‍िल में दौड़ते समय क‍िसी इमरजेंसी की स्‍थ‍िति‍ में आप उस इमरजेंसी क्‍लि‍प को अपनी टीशर्ट से अटैच कर लें और जरूरत पड़ने पर आप इसका यूज कर सकते हैं।
- ट्रेडम‍िल पर दौड़ते समय पॉश्‍चर का ध्‍यान रखें, अगर आपका पॉश्‍चर गलत होगा तो आपको मसल्‍स में दर्द की समस्‍या हो सकती है और नेक पेन हो सकता है।
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