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क्या डायनासोर की तरह इंसान भी विलुप्त होने वाले हैं, जानिए

Apurva Srivastav
21 Jun 2023 6:25 PM GMT
क्या डायनासोर की तरह इंसान भी विलुप्त होने वाले हैं, जानिए
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बहुत से जीव आज धरती से विलुप्त हो चुके हैं, यानी आज से 200, 400 साल पहले जो जीव धरती पर हुआ करते थे वो आज धरती पर मौजूद नहीं हैं। इसी तरह अब मनुष्य भी विलुप्त होने के कगार पर पहुंच रहा है। यह कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं है बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य हैं। दरअसल, जब मनुष्य बच्चों को जन्म देते हैं तो वाई क्रोमोजोम बच्चों के लिंग निर्धारण के लिए जिम्मेदार होते हैं। आपको बता दें कि वाई क्रोमोसोम केवल पुरुषों में पाए जाते हैं, लेकिन अब ये वाई क्रोमोसोम पुरुषों के अंदर से कम होते जा रहे हैं। यानी धीरे-धीरे ये विलुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएंगे। यदि ऐसा होता है, तो मनुष्य नए सेक्स जीन विकसित नहीं कर पाएंगे और धीरे-धीरे विलुप्त होने के कगार पर पहुंच जाएंगे।
इंसानों का क्या हाल है?
साइंस अलर्ट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों में वाई क्रोमोजोम धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं। यानी कुछ लाख साल बाद ये पूरी तरह से गायब हो जाएंगे। यदि ऐसा होता है, तो पुरुषों के शुक्राणु प्रजनन के लिए किसी काम के नहीं रहेंगे और महिलाएं फिर से गर्भवती नहीं हो पाएंगी, और फिर धीरे-धीरे मानव सभ्यता लुप्त होने लगेगी। हालांकि, कई वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि अगर भविष्य में ऐसा होता है तो इंसान इसका विकल्प ढूंढ़ लेगा और एक नया लिंग निर्धारण जीन विकसित कर लेगा। लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि नए जीन से विकसित बच्चा इस दुनिया में इंसानों के साथ कितना जिंदा रह पाएगा, यह इस पर निर्भर करेगा।
ये वाई क्रोमोसोम कैसे काम करते हैं?
दरअसल किसी भी नए व्यक्ति का लिंग निर्धारण करने के लिए X और Y क्रोमोसोम की जरूरत होती है, आपने 10वीं में ही पढ़ा होगा कि महिलाओं में दो X क्रोमोजोम और पुरुषों में X और Y क्रोमोजोम होते हैं। लेकिन अब वाई क्रोमोजोम पुरुषों से गायब होते जा रहे हैं। यानी अगर वाई क्रोमोसोम गायब हो जाते हैं तो इस धरती पर इंसान पैदा नहीं होंगे और अगर ऐसा होता है तो मानव सभ्यता की नस्ल विकसित नहीं हो पाएगी और फिर इंसान विलुप्त हो जाएंगे।
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