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नकारात्मक विचार और चिंता के कारण होती है एंजायटी, दिमाग को शांत रखने के लिए फॉलो करे ये टिप्स

Tulsi Rao
7 Aug 2021 9:48 AM GMT
नकारात्मक विचार और चिंता के कारण होती है एंजायटी, दिमाग को शांत रखने के लिए फॉलो करे ये टिप्स
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इन दिनों एंजायटी कई लोगों द्वारा अनुभव की जा रही है। एंजायटी एक ऐसी बीमारी है जिसमें नाकारात्मक विचार, चिंता और डर का आभास होता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इन दिनों एंजायटी कई लोगों द्वारा अनुभव की जा रही है। एंजायटी एक ऐसी बीमारी है जिसमें नाकारात्मक विचार, चिंता और डर का आभास होता है। ये बात हर कोई जानता है कि हमारे शरीर में हो रही हर एक गतिविधि को मस्तिष्क की मदद से शांत किया जा सकता है। चिंता आपके दिमाग की ऊर्जा को खत्म कर देता है। जिसकी वजह से आपका चिंता का स्तर बढ़ जाता है। हालांकि किसी भी बारे में सोचना गलत नहीं है, लेकिन इस हद तक सोचना कि ये आपके लिए खतरा बन जाए, तो ऐसे में ये गलत साबित होता है। वहीं तनाव से निपटने, शांत और सकारात्मक रहने से एंजायटी को होने से रोका जा सकता है। तो चलिए जानते हैं, कैसे रखें अपने दिमाग को शांत।

1) अपनी घबराहट को शांत करना मुश्किल है। किसी प्रकार के डर को दूर करना मुश्किल होता है, जो आपके मन में कहीं ना कहीं होता ही है। ऐसे में इस डर को खत्म करने के बजाय आप चिंता में डूब जाते हैं। ऐसे में आप अपनी एक डायरी बनाएं और अपने हर एक डर, चिंता का और तनाव का कारण लिखें। इससे आपका मन हल्का हो जाता है। साथ ही आपका ध्यान आपके डर से हट जाता है। आप रोजाना होने वाली बातों को या फिर उन बातों को डायरी में लिखें जो आपको परेशान करती हैं।
2) फिजिकल एक्टिविटी एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। एंजायटी के दौरान ये ऐसी चीज हो सकती है जिसे आप सबसे आखिरी मर्ज के तौर पर करें, लेकिन हकीकत में ये व्यायाम प्राकृतिक तरीका है, जो चिंता को कम करता है। एक्सरसाइज करने से एंडोर्फिन और सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, जो व्यक्ति को भावनात्मक रूप से अच्छा महसूस कराने में मदद करता है। जब आप अंदर से अच्छा महसूस करते हैं, तो आपका नजरिया बदल जाता है। ऐसे में रोजाना आप 30 मिनट की फिजिकल एक्सरसाइज जरूर करें।
3) इन दिनों लोग वर्तमान समय को एंजॉय करने की जगह भविष्य की प्लानिंग में समय निकाल देते हैं। जबकि हमें वर्तमान को खुल कर जीना चाहिए। आने वाली चुनौतियों और बीते कल की गलतियों पर ध्यान ज्यादा केंद्रित नहीं करना चाहिए। ऐसे में हर दिन खुश रहना चाहिए और हर एक पल को जीना चाहिए।
4) अपने विचारों से अवगत होना चिंता का मुकाबला करने के सबसे महत्तवपूर्ण चरणों में से एक है। आपको अपने विचारों पर खुद नियंत्रण रखना होगा। यदि आपके मन में कोई नकारात्मक विचार आता है, तो आपको उस विचार को ये सोचना चाहिए कि ये एक ऐसा विचार है जिसमें आपको शामिल होने की जरूरत नहीं है।
कई बार चिंता आपके दिमाग पर हावी हो जाती है, तो ऐसे में आप अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें। क्योंकि एंजायटी ऐसी बीमारी है जिससे आपकी हेल्थ पर फर्क पड़ता है। ऐसे में डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।


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