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कोरोना से मुकाबला करने में 'शार्क मछली की एंटीबॉडी' हो सकती है मददगार - स्टडी

Bhumika Sahu
20 Dec 2021 3:56 AM GMT
कोरोना से मुकाबला करने में शार्क मछली की एंटीबॉडी हो सकती है मददगार - स्टडी
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Shark antibody-like proteins neutralize COVID-19 virus : वैज्ञानिकों अब शार्क मछली की एंटीबॉडी में इस वायरस और इसके नए वेरिएंट से मुकाबले की नई संभावना दिखी है. अमेरिका की विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी द्वारा की गई एक स्टडी में दावा किया गया है कि शार्क की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम (Immune System) में पाए जाने वाला एंटीबॉडी जैसा प्रोटीन न सिर्फ कोरोना वायरस बल्कि इसके वेरिएंट की रोकथाम में भी मददगार हो सकता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले दो सालों से पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले कोरोनावायरस (Coronavirus) के इलाज में लगे साइंटिस्टों को अब एक जीव में ऐसी एंटीबॉडी मिली है, जो इसके वेरिएंट से मुकाबला कर सकती है. आपको बता दें कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के नए-नए वेरिएंट लगातार साइंसिटों की चुनौतियां बढ़ा रहे हैं. ऐसे में वैज्ञानिकों अब शार्क मछली (shark fish) की एंटीबाडी (Antibody) में इस वायरस और इसके नए वेरिएंट से मुकाबले की नई संभावना दिखी है.

अमेरिका की विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी (University of Wisconsin) द्वारा की गई एक स्टडी में दावा किया गया है कि शार्क की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम (Immune System) में पाए जाने वाला एंटीबाडी जैसा प्रोटीन न सिर्फ कोरोना वायरस बल्कि इसके वेरिएंट की रोकथाम में भी मददगार हो सकता है. यह प्रोटीन वीएनएआर (VNAR) के नाम से जाना जाता है, जो मानव एंटीबॉडी (Human Antibody) के आकार का दसवां हिस्सा होता है.रिसर्चर्स के अनुसार, यह प्रोटीन आकार में भले छोटा होता है, लेकिन ये कोरोना के स्पाइक प्रोटीन (spike protein) से खास तरीके से जुड़ सकता है. इससे वह संक्रमण को रोकने में ज्यादा सक्षम हो सकता है.
कोरोना अपने इसी प्रोटीन के जरिये मानव कोशिकाओं को संक्रमित करता है. उन्होंने कहा कि मानव एंटीबॉडी के मुकाबले इस प्रोटीन के उपयोग से किफायती दवा विकसित हो सकती है. इसका अभी तक मनुष्यों में परीक्षण नहीं किया गया है.
क्या कहते हैं जानकार
विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी (University of Wisconsin) में डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी एंड लैबोरेट्री मेडिसिन (Department of Pathology and Laboratory Medicine) में एसोसिएट प्रोफेसर और इस स्टडी के रिसर्चर आरॉन लेबेयू (Aaron LeBeau) ने कहा, 'बड़ी चुनौती यह है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट उभर रहे हैं. हम शार्क के वीएनएआर से नया हथियार तैयार कर रहे हैं, जिसके उपयोग से इस महामारी का मुकाबला हो सकता है.'
उन्होंने बताया, 'एंटीबाडी जैसा छोटे आकार का यह प्रोटीन कोने-कोने में उन जगहों पर भी पहुंच सकता है, जहां मानव एंटीबाडी नहीं पहुंच पाती है. इस क्षमता के चलते यह प्रोटीन संक्रमण रोकने में ज्यादा सक्षम हो सकता है.'


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