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गर्भवती महिलाओं के लिए फरिश्ता बने 'ऑक्सीजन मैन'

HARRY
16 Oct 2022 11:30 AM GMT
गर्भवती महिलाओं के लिए फरिश्ता बने ऑक्सीजन मैन
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कोरोना महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले ऑक्सीजन लंगर के जरिये सैंकडों मरीजों के जीवन की डोर को बांधे रखने वाला खालसा हेल्प इंटरनेशनल अब गरीब गर्भवती महिलाओं का संकटमोचक बना है. दरअसल, कोरोना काल में आक्सीजन मैन के नाम से देशभर में प्रसिद्ध हुए इंदिरापुरम स्थित श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा सभा के प्रधान गुरप्रीत सिंह रम्मी ने अब स्वस्थ समाज के लिए आपरेशन 'प्रेग्नो केयर शुरू किया है. ऐसी गर्भवती महिलाओं को गोद ले रहा है और उनकी दूसरे माह से प्रसव कराने तक पूरी तरह देखभाल कर रहा है.

इस दौरान रम्मी ने बताया कि गुरुद्वारा में संचालित डिस्पेंसरी में इलाज के लिए आने वाली गरीब महिलाओं में गर्भावस्था और स्वास्थ्य सेवा के तहत प्रेग्नो-केयर को शुरु करने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा, लगभग सात महीने पहले एक गर्भवती महिला को गोद लेने के साथ प्रेग्नो-केयर की शुरुआत की गई. फिलहाल 30 गर्भवती महिलाओं के इलाज, जांच और प्रसव की व्यवस्था हम कर रहे हैं. अब तक सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की मदद से चार महिलाओं का प्रसव भी कराया गया है.

वहीं, रम्मी ने बताया कि जिन चार महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है उनमें आरिफा (23) पत्नी रियाजुद्दीन निवासी गाजियाबाद, मीनाक्षी (24) पत्नी अमित कुमार, निवासी नंदग्राम (गाजियाबाद), काजल कुमारी (21) पत्नी पंकज कुमार निवासी दादरी और आलो (24) पत्नी फैजल निवासी मकनपुर (गाजियाबाद) शामिल हैं. सभी महिलाओं ने दूसरे बच्चे के रूप में बेटी को जन्म दिया है. आरिफा, मीनाक्षी, काजल और आलो ने क्रमशः 23,26, 29 और 30 सितंबर को बेटियों को जन्म दिया है.

रम्मी बोले- खालसा हेल्प प्रसव में सरकारी अस्पतालों की लेता है मदद

गुरुद्वारा सभा के प्रधान गुरप्रीत सिंह रम्मी ने बतया कि प्रेग्नो-केयर के तहत गर्भवती महिलाओं को परामर्श, विटामिन और अन्य पोषक तत्व प्रदान करने, इलाज, जांच के साथ-साथ इस बात पर पूरा जोर दिया जाता है. वे किसी भी हाल में संकोच नहीं करें और संपर्क कर अपनी स्थिति से जरूर अवगत कराएं. उन्होंने कहा कि खालसा हेल्प प्रसव में सरकारी अस्पतालों का सहयोग लेता है, लेकिन उसने प्राइवेट अस्पतालों को भी अपने साथ जोड़ा है और स्थिति के अनुरूप उनका भी सहयोग लिया जाता है.

खालसा हेल्प की मदद से ही मिल पाया इलाज, बची जान

वहीं, खालसा हेल्प इंटरनेशनल के तहत स्वास्थ्य सेवा का जिम्मा संभाल रहे गौरव कुमार ने बताया कि प्रसव के दौरान सबसे अधिक कठिनाई का सामना आलो को करना पड़ा. कुमार ने कहा, आलो को प्रसव के लिए गाजियाबाद के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इस दौरान उसके काला पीलिया (हेपेटाइटिस-सी) से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई. प्रसव के बाद उसे इलाज के लिए पहले दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल और फिर लेडी हार्डिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया.अस्पताल में इलाज के बाद अपने बच्चे को नियमित जांच के लिए गुरुद्वारा स्थित डिस्पेंसरी में लाई आलो ने बताया, मेरी बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है, लेकिन मुझे अभी भी कमजोरी है, डॉक्टरों का कहना है कि उबरने में वक्त लगेगा. यह मेरा नया जन्म है, क्योंकि खालसा हेल्प की मदद से ही मुझे सही उपचार मिल पाया और जान बची.

नवजात के टीकाकरण और अन्य जरूरतों का रखा जाता है ध्यान

कुमार ने बताया कि प्रेग्नो-केयर सिर्फ गर्भवती महिलाओं के गर्भावस्था और प्रसव तक के इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तहत नवजात के टीकाकरण और अन्य जरूरतों का भी ध्यान रखा जाता है. एक अन्य गर्भवती महिला शाइदा पत्नी मुल्तान ने कहा, मेरा प्रसव इस महीने के आखिर में होगा. डॉक्टरों ने 25 से 30 अक्टूबर के बीच का समय दिया है. अभी तक मेरी सभी जांच और अल्ट्रासाउंड मुफ्त कराए गए हैं और सभी ठीक हैं. गर्भावस्था से पहले मिले परामर्श और (गर्भावस्था के) बाद में हुई जांच और इलाज फायदेमंद साबित हुआ है

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