- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- वजन घटाने के साथ- साथ...
वजन घटाने के साथ- साथ इन 5 बीमारियों में होगा फायदा, बस पिएं ये चीज़
![वजन घटाने के साथ- साथ इन 5 बीमारियों में होगा फायदा, बस पिएं ये चीज़ वजन घटाने के साथ- साथ इन 5 बीमारियों में होगा फायदा, बस पिएं ये चीज़](https://jantaserishta.com/h-upload/2020/10/23/829960-kamaa.webp)
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर दिन ग्रीन-टी का सेवन करने वालों के लिए अच्छी खबर है. ग्रीन-टी आपके दिल, दिमाग के अलावा स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं. नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के हालिया रिसर्च के अनुसार ग्रीन-टी में मौजूद कैफीन 'एडिनोसिन' को नहीं बनने देती है. 'एडिनोसिन' एक अहम न्यूरोट्रांसमीटर है जो यह निर्धारित करता है कि व्यक्ति कब सुस्त या तरोताजा महसूस करेगा. अगर आपके शरीर में एडिनोसिन की मात्रा ज्यादा होगी तो यह तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाएगा.
इसके अलावा ग्रीन-टी में एल-थियानिन नाम का एक यौगिक भी भरपूर मात्रा पाया जाता है. एल-थियानिन आपके शरीर में मौजूद स्ट्रेस हार्मोन 'कॉर्टिसोल' का स्तर घठाने और फील गुड हार्मोन 'सेरोटोनिन' को बढ़ाने में मददगार है. इसके अलावा यह याददाश्त, तर्क शक्ति और एकाग्रता में इजाफा करता है.
आइये जानते हैं ग्रीन-टी पीने के फायदे
वजन घटाने में सहायक
अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं और मोटापा कम करना चाहते हैं तो ग्रीन-टी इसमें मददगार साबित हो सकती है. ग्रीन-टी मेटाबॉलिज्म स्पीड को तेज करती है. इससे आपका शरीर ज्यादा एनर्जी बर्न करती है.
एंजाइटी होता है कंट्रोल
यह पेय पदार्थ एंजाइटी खत्म करती है और आपको रिलैक्स करने में मदद करती है. कई रिसर्च भी ये साबित कर चुकी हैं कि ग्रीन-टी एंजाइटी के सिम्टम्स को खत्म कर देती है.
कॉलेस्ट्रॉल घटाता है
एक दिन में कई कप ग्रीन टी पीने से अनहेल्दी कॉलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है. एक रिसर्च के दौरान पाया गया कि जो लोग ग्रीन टी या ब्लैक टी लेते हैं उनका कॉलेस्ट्रॉल कम करता है.
ब्लड प्रेशर घटाने में कारगर
कॉलेस्ट्रॉल के अलावा ग्रीन-टी ब्लड प्रेशर घटाने में असरदार है. एक रिसर्च के मुताबिक हफ्ते में कम से कम छह कप ग्रीन-टी पीने वालों के हाइपरटेंशन का शिकार होने का खतरा 33 फीसदी कम मिला था.
हड्डियां-मांसपेशियां बनेंगी मजबूत
ग्रीन-टी से हड्डियां और मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं. इस पेय पदार्थ में मौजूद फ्लैवेनॉयड जहां हड्डियों-मांसपेशियों में क्षरण की शिकायत दूर रखते हैं, वहीं फाइटोएस्ट्रोजन ऊतकों को नुकसान नहीं पहुंचने देते.