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ताजमहल समेत सभी स्मारकों का दीदार 15 मई तक नहीं कर सकेंगे।

Admin4
17 April 2021 11:58 AM GMT
ताजमहल समेत सभी स्मारकों का दीदार 15 मई तक नहीं कर सकेंगे।
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देश के सभी स्मारकों, संग्रहालयों और संरक्षित स्थलों को बंद करने का निर्णय लिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार 3693 स्मारक और 50 संग्रहालय 15 मई तक बंद रहेंगे। इस दौरान पर्यटकों के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। वहीं सोमनाथ मंदिर और पूरी जगन्नाथ मंदिर में रोजाना पूजा होगी लेकिन श्रधालुओं को मंदिर में आने की अनुमति नहीं होगी।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते रोजाना मरीजों की सख्या में इजाफा हो रहा है। इस मद्देनजर देश के कई राज्यों में वीकेंड यानी साप्ताहिक लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसके अलवा, उत्तर प्रदेश में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, अब पर्यटन पर भी कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का असर दिखने लगा है। खबरों की मानें तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने देश के सभी स्मारकों, संग्रहालयों और संरक्षित स्थलों को बंद करने का निर्णय लिया है।
इसका तात्पर्य यह है कि अब आप ताजमहल समेत सभी स्मारकों का दीदार 15 मई तक नहीं कर सकेंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार, 3693 स्मारक और 50 संग्रहालय 15 मई तक बंद रहेंगे। इस दौरान पर्यटकों के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। वहीं, सोमनाथ मंदिर और पूरी जगन्नाथ मंदिर में रोजाना पूजा होगी, लेकिन श्रधालुओं को मंदिर में आने की अनुमति नहीं होगी।
आपको बता दें कि दिल्ली के लाल किले किले को मृत कौए में एवियन इन्फ्लुएंजा पाए जाने के चलते इस साल 19 जनवरी को बंद कर दिया गया था। उस समय से लाल किला बंद है। अब लाल किला भी 15 मई तक बंद रहेगा। देश की राजधानी दिल्ली में 170 ऐतिहासिक स्थल हैं। इनमें कुतुबमीनार, हूमांयू का मकबरा और लाल किला प्रमुख हैं। इन जगहों पर पर्यटक अधिक आते हैं। ऐसा माना जाता है कि तकरीबन दस हजार पर्यटक रोजाना आते हैं।

कोरोना वायरस महामारी के चलते देश के सभी स्मारकों को पिछले साल मार्च महीने में बंद कर दिया गया था। जब स्थिति सामान्य हुई, तो जुलाई में खोल दिया गया था। ख़बरों की मानें तो कोरोना वायरस संक्रमितों के मामले में भारत दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका पहले स्थान पर है। भारत में संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी के चलते भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने यह फैसला लिया है।


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