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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शायद ही ऐसा कोई फूडी होगा जिसे मोमोज नहीं पसंद। लॉकडाउन के वक्त जब यह स्ट्रीटफूड बिकना बंद हुआ तो लोगों ने इसे घर पर बनाकर खाया। रीसेंटली एक खबर आई जिसने मोमोज खाने वालों को डरा दिया। एक 50 साल के शख्स की मौत गलत तरह से मोमो खाने की वजह से हो गई। इस व्यक्ति की पोस्ट मॉर्टम सीटी रिपोर्ट के मुताबिक स्वांसनली में कुछ फंस जाने की वजह से शख्स की मौत हुई। ऐसा सिर्फ मोमो खाने से ही नहीं बल्कि खाने की किसी भी चीज के फंस जाने से हो सकता है। हालांकि एम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा कॉमन नहीं हैं। इस घटना के बाद ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) ने मोमोज को जल्दबाजी में निगलने के बजाय ठीक से चबा-चबाकर खाने की वॉर्निंग जारी की है।
कुछ भी खाते वक्त हो सकता है ऐसा
एम्स के फोरेंसिक डिपार्टमेंट के मुताबिक, 50 साल के शख्स की मौत मोमो फंस जाने की वजह से हो गई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर तहसीन एक पेटीवाला ने बताया, खाना कभी-कभी फूड पाइप में जाने के बजाय श्वांसनली में चला जाता है। ऐसा नॉर्मल कंडीशन में भी हो जाता है। डॉक्टर ने बताया कि सिर्फ मोमो खाते वक्त ही नहीं बल्कि ऐसा कुछ और खाते वक्त भी हो सकता है। इसलिए निगले के बजाय चबाना बेहद जरूरी है।
हंसने या बात करने पर भी फंस सकता है खाना
डॉक्टर ने बताया कि अगर छोटा सा भी कोई कण श्वांसनली में चला जाए तो कफ रिफलैक्स इसको तुरंत बाहर करता है। मोमो से मौत होने वाली घटना रेयर है लेकिन ऐसा पॉपकॉर्न, नट्स, कैंडी या च्यूइंगम खाते वक्त भी हो सकता है। खाना खाते वक्त अगर बात करें या हंसे तो भी खाना फंस सकता है।
अगर ऐसा हो जाए तो क्या करें
डॉक्टर पेटीवाला बताते हैं, अगर किसी के खाना फंस जाए और व्यक्ति जोर से खांस रहा है और नीला नहीं पड़ रहा है तो कुछ करने की जरूरत नहीं है। अगर शख्स आपकी बात का जवाब बोलकर दे ले रहा है इसका मतलब एयरवे में खाना आंशिक रूप से फंसा है। व्यक्ति को कुछ भी पीने को न दें क्योंकि हवा पहुंचने वाला स्पेस लिक्विड ले लेगा। हालांकि अगर कोई बोल नहीं पा रहा, सिर हिलाकर जवाब दे रहा है तो इमरजेंसी हेल्प की जरूरत है। तुरंत एंबुलेंस को बुलाएं। शख्स के पीछे खड़े होकर दोनों उसके पेट पर लाकर ऊपर की ओर झटका देने से फंसा हुआ खाना निकल सकता है। आपको यह प्रक्रिया (Heimlich Maneuvre) नहीं आती तो बेहतर होगा सांस दें और चेस्ट कंप्रेशन देने लगें जब तक एंबुलेंस नहीं आती।