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शादी के बाद एक तरफ पत्नी और एक तरफ मां, आखिर में किसकी सुनूं? लड़कों के काम आएंगी 4 बातें

Neha Dani
2 Feb 2022 7:15 AM GMT
शादी के बाद एक तरफ पत्नी और एक तरफ मां, आखिर में किसकी सुनूं? लड़कों के काम आएंगी 4 बातें
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उस पर थोड़ा विचार करें और दोनों के नेचर के हिसाब से बेहतर समाधान लेकर सामने आएं।

शादी के पहले लाइफ कितनी सॉर्टिड होती है ना। घर में प्यार करने वाले पैरंट्स हैं और बाहर आपको प्यार करने वाली गर्लफ्रेंड। फिर बात सीरियस होती है और दो परिवारों के बीच रिश्तेदारी बन जाती है। गर्लफ्रेंड लड़के की पत्नी बन जाती है और उसकी मां की बहू। सास-बहू का ये रिश्ता न सिर्फ दोनों महिलाओं के लिए नया होता है, बल्कि लड़के के लिए भी ये बिल्कुल अलग एक्सपीरियंस होता है। शादी से पहले कभी उसने उसे प्यार करने वाली दो महिलाओं को एक छत के नीचे रहते हुए नहीं देखा था। ऐसे में उसे सामंजस्य बैठाने में परेशानी का भी सामना करना पड़ता है।

एक ओर उसकी मां है, जिसने उसे पाल-पोसकर बड़ा किया है और उसके स्नेह का कोई मुकाबला ही नहीं है। दूसरी ओर उसकी पत्नी है, जो उसे बहुत प्यार करती है और उसके लिए शादी कर अपना मायका और आराम की जिंदगी छोड़कर आई है। दो लोग एक जैसे नहीं होते, ऐसे में सास-बहू की सोच भी कई मुद्दों पर अलग हो सकती है। बस यही वो पल होता है, जिसमें अगर लड़का फंस जाए, तो उसे समझ ही नहीं आता कि अब वो क्या करे? क्योंकि वह अपनी जिंदगी की इन दोनों ही अहम इंसानों की भावनाओं को जरा सा भी हर्ट नहीं करना चाहता। तो आखिर ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए?
दूरी बनाना
इसे लेकर आपको डरपोक कहा जा सकता है, लेकिन सच तो ये है कि ये सबसे अच्छा तरीका है खुद को फंसने से बचाने का। अगर कुछ ऐसा है जिस पर मां और पत्नी की एक सोच नहीं बैठ रही और वे आपसे पूछती हैं कि आपको किसकी राय बेहतर विकल्प लग रही, तो अपने कदम पीछे खींच लें। उन्हें कहें कि वे दोनों इस मामले की ज्यादा समझ रखती हैं और आपको यकीन है कि दोनों मिलकर बेहतर निर्णय पर पहुंच सकती हैं।
समय मांगें
महिलाएं किसी भी मुद्दे को आसानी से छोड़ती नहीं हैं। ऐसे में हो सकता है कि आप भले ही पीछे हो जाएं, लेकिन वह आपको बार-बार आगे कर दें। अगर आपको मां व पत्नी ऐसी स्थिति में डाल देती हैं, जहां आपके पास एक विकल्प को चुनने के अलावा कोई चारा नहीं है, तो उनसे सोचने के लिए समय मांगें। इसके बाद दोनों ने जो राय रखी है उसके बहुत ही प्रैक्टिकल होकर प्लस-माइनस की लिस्ट तैयार करें और बाद में उसे दोनों के सामने रखें। उनसे कहें कि आप इस बारे में यही सोच सके हैं और अब वे दोनों मिलकर फैसला कर सकती हैं कि क्या ज्यादा बेहतर विकल्प है।
अलग-अलग बात करें
अगर आपको लगता है कि कोई ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी एक का पीछे हो जाना घर की शांति बरकरार रख सकता है, तो बात करने से हिचकिचाएं ना। उदाहरण के लिए अगर बाहर जाने के लिए रेस्ट्रॉन्ट का सिलेक्शन करना है और मां व पत्नी की पसंद अलग-अलग है, तो वाइफ से अकेले में बात करें। उन्हें समझाएं कि मां को खुश करने के लिए क्यों ना उनकी पसंद के रेस्ट्रॉन्ट जाया जाए?
बैलेंस बनाए रखने के लिए अगली बार पत्नी की चॉइस की प्लेस पर जाएं। उस दौरान मां को समझाएं कि कैसे पिछली बार आपकी पत्नी ने उनके खातिर अपनी पसंद को किनारे कर दिया था। इस बार क्यों ना उसकी चॉइस को पहले तवज्जो दी जाए? यूं बात करना और हर चीज में बैलेंस बनाए रखना, यकीनन आपके काम आएगा।
सलाह लें
अपने पापा या किसी भी मैरिड फ्रेंड व रिश्तेदार से सलाह लें। चूंकि वे पहले से इस स्थिति को फेस कर चुके हैं, इसलिए वे जानते हैं कि क्या कहना या करना स्थिति को बिगाड़ सकता है और कैसे सिचुएशन को शांति के साथ संभाला जा सकता है, जो पत्नी-मां दोनों को खुश रख सके। हालांकि, ये बात ध्यान में रखें कि लोगों ने जो सलाह दी, उसे आंख बंद करके फॉलो न करें। उस पर थोड़ा विचार करें और दोनों के नेचर के हिसाब से बेहतर समाधान लेकर सामने आएं।


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