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लाइफ स्टाइल
सफाई के बाद ढक्कन बंद करके करें फ्लशिंग, हो सकती हैं गंभीर बीमारियां
Tulsi Rao
3 Jun 2022 5:02 AM GMT

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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। New Study on Toilet Flushing: घर के टॉयलेट की साफ-सफाई के लिए उसमें नियमित रूप से फ्लश करते रहना जरूरी माना जाता है. लेकिन हमें फ्लश करते वक्त टॉयलेट शीट के ढक्कन को बंद कर देना चाहिए या खुला रखना चाहिए, इस पर अधिकतर लोग कंफ्यूज रहते हैं. आज हम इसी मुद्दे पर आपको बहुत काम की बात बताने जा रहे हैं.
सफाई के बाद ढक्कन बंद करके करें फ्लशिंग
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकन जर्नल ऑफ इंफेक्शन कंट्रोल ने वर्ष 2015 में एक अपडेट रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि जब भी आप टॉयलेट शीट को फ्लश करें तो उसके ढक्कन को हमेशा बंद कर लें. ऐसा न करने पर उसमें छिपे वायरस और बैक्टीरिया पानी का फ्लश होते ही उड़कर बाहर फैल जाते हैं और घर के लोगों बीमारी का कारण बन जाते हैं.
खुले में फ्लशिंग से बाहर आ जाते हैं बैंक्टीरिया
स्टडी के अनुसार गंदे पड़े शौचालयों में Nuclei Bioaerosols नामक वायरस पनपते रहते हैं. जब बिना ढक्कन लगाए टॉयलेट शीट को फ्लश किया जाता है तो उसमें छिपे ये वायरस बाहर फैल जाते हैं और नोरोवायरस, सार्स और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के फैलाव में बड़ी भूमिका निभाने लगते हैं.
रिसर्च में कहा गया है कि टॉयलेट शीट में छिपे ये वायरस नमी में ही पनपते हैं. ऐसे में जब आप बिना ढंके तेज स्पीड में फ्लश चलाते हैं तो पानी की कुछ बूंदे बाहर गिरने का भी अंदेशा होता है. ऐसे में ये वायरस टॉयलेट के बाहर आ जाते हैं और सांस या दूसरे तरीके से आपके शरीर में प्रवेश कर बीमार कर सकते हैं. इसलिए अगली बार जब भी टॉयलेट की सफाई के बाद फ्लश चलाएं तो उसके ढक्कन को बंद कर लें.
टॉयलेट शीट की नियमित सफाई होती है जरूरी
माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ जेनेट हिल कहती हैं कि टॉयलेट शीट में मानव मल और यूरिन जाता है. इन दोनों में लाखों-करोड़ों की संख्या में बैक्टीरिया होते हैं. फ्लश करने के वजह से इनमें से अधिकतर बैक्टीरिया बह जाते हैं. इसके बावजूद कुछ बैक्टीरिया आपकी शौचालय शीट से चिपके रह जाते हैं. जिन्हें खत्म करने के लिए शीट की नियमित सफाई करनी जरूरी होती है. सफाई के बाद फ्लश चलाकर शीट को साफ किया जाता है. लेकिन फ्लश चलाने से पहले शीट के ढक्कन को बंद जरूर कर लेना चाहिए.
हो सकती हैं गंभीर बीमारियां
वे स्पष्ट करती हैं कि अपने मल-यूरिन के बैक्टीरिया से किसी के बीमार होने के चांस बहुत कम होते हैं, लेकिन अगर उस टॉयलेट को दूसरे लोग भी यूज कर रहे हैं तो संक्रमण के चांस बन जाते है. इनमें उल्टी, दस्त, बुखार, हैजा, डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं. जिनके इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है.
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