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लाइफ स्टाइल
आखिर 700 से भी ज्यादा महिलाएं क्यों आईं साड़ी में नजर? जानिए पूरी कहानी
SANTOSI TANDI
11 Aug 2023 10:00 AM GMT
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जानिए पूरी कहानी
आए दिन कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है और आजकल तो अपने देश से ज्यादा बाहरी देश हमारे इंडियन कल्चर को बेहद खूबसूरती के साथ दर्शाते नजर आ रहे हैं। वहीं हाल ही में ब्रिटेन की राजधानी लंदन में करीब 700 से भी ज्यादा इंडियन व ब्रिटिश महिलाएं साड़ी में वॉक करती नजर आईं। साड़ी पहनने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इस तरह 700 से भी ज्यादा महिलाएं एक-साथ साड़ी पहनकर सड़कों पर दिखाई दें तो ये थोड़ा चौंका देने वाला माहौल हो ही जाता है।
वहीं यह वॉकथॉन महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष किया गया है। इसका लक्ष्य केवल इंडियन कल्चर को बाहरी देशों में रहने वाले लोगों तक पहुंचाना है। इस वॉकथॉन का आयोजन ब्रिटिश वुमेन इन साड़ी ग्रुप द्वारा किया गया है। तो चलिए लंदन में हुई इस साड़ी वॉकथॉन के बारे में जानेंगे कुछ दिलचस्प बातें।
नेशनल हैंडलूम डे क्या है?
साल 1905 में इस दिन लॉर्ड कर्जन ने 7 अगस्त के दिन बंगाल विभाजन की घोषणा की थी। इसी के विरोध में स्वदेशी आंदोलन के तौर पर हथकरघा उद्योग को बढ़ावा दिया गया था और इसके बाद से ही 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है। (साड़ी के नए डिजाइन)
लंदन की साड़ी वॉकथॉन का उद्येश्य क्या है?
ब्रिटेन की राजधानी लंदन में ब्रिटिश वुमेन इन साड़ी ग्रुप द्वारा आयोजित इस साड़ी वॉकथॉन का उद्येश्य भारतीय संस्कृति को दर्शाना था और अपनी साड़ी को पहनकर अपने देश की सभ्यता को आगे लाना था। वहीं साड़ी को इसमें महिलाओं के लिए पॉवर ड्रेसिंग लुक भी कहा गया है।
साड़ी वॉकथॉन में किस तरह की साड़ियों को पहना गया?
इस आयोजन में सभी महिलाएं अलग-अलग तरह की साड़ी की वैरायटी में नजर आईं। वहीं ज्यादातर इसमें महिलाओं ने भागलपुरी सिल्क और मलबरी साड़ी को पहना हुआ है।
अगर आपको लंदन की यह Saree Walkathon से जुड़ी दिलचस्प बातें पसंद आए हों तो इस आर्टिकल को शेयर करना न भूलें। साथ ही, इस आर्टिकल पर अपनी राय हमें नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। ऐसे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हरजिंदगी को फॉलो करें।
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