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आखिर भगवान राम को क्यों कहा जाता है आदिपुरु

SANTOSI TANDI
12 Jun 2023 8:03 AM GMT
आखिर भगवान राम को क्यों कहा जाता है आदिपुरु
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आखिर भगवान राम
प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान अब राम, सीता और रावण के किरदार पर बड़े पर्दे पर दिखने वाले हैं। 16 जून को 'आदिपुरुष' रिलीज हो रही है। इस फिल्म के विजुअल इफेक्ट्स कमाल के हैं और ट्रेलर देखकर आपको पता चल सकता है कि राम और रावण का घमासान कितना भीषण होने वाला है। इस फिल्म की रिलीज पहले होने वाली थी, लेकिन इसके विजुअल इफेक्ट्स सही नहीं थे जिसके कारण इसे जून तक टाल दिया गया।
जब से 'आदिपुरुष' का ट्रेलर रिलीज हुआ है तब से ही इस शब्द को गूगल पर सर्च किया जाने लगा है। इस बात को तो हम जानते हैं कि भगवान राम को ही आदिपुरुष कहा जाता है, लेकिन ऐसा क्यों है इसके बारे में भी कुछ जानकारी तो होनी चाहिए। जब भी रामायण का जिक्र होता है तब भगवान राम की दो उपाधियों का बखान किया जाता है। एक मर्यादा पुरुषोत्तम और दूसरा आदिपुरुष। अब सवाल ये उठता है कि सिर्फ भगवान राम को ही यह उपाधि क्यों मिली है?
आदिपुरुष का मतलब
यह दो अलग शब्दों से मिलकर बना है, आदि और पुरुष। वैसे तो आदि के कई मतलब होते हैं, लेकिन यहां आदि का मतलब पहला या आरंभ से है। यानी आदिपुरुष का शाब्दिक अर्थ है पहला मानव।
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हिंदू पौराणिक कथाओं में किसे कहा गया है आदिपुरुष?
आदिपुरुष का जिक्र आपको कई पौराणिक कथाओं में मिल जाएगा। हालांकि, अलग-अलग कथाओं में आदिपुरुष का वर्णन बदल गया है।
ब्रह्म पुराण या आदि पुराण की कथा
ब्रह्म पुराण में सृष्टि की रचना का जिक्र है। इसकी एक कथा के अनुसार जब सृष्टि का निर्माण हुआ तब सबसे पहले विष्णु का जन्म हुआ। विष्णु के सामने सिर्फ पानी ही था। वहीं उन्होंने तपस्या की। कुछ समय बाद उनकी नाभि से एक कमल पर बैठे ब्रह्मा का जन्म हुआ। ब्रह्मा जी ने पानी यानी नीर पर बैठे हुए नर को नारायण कहा। विष्णु प्रथम पुरुष थे इसलिए उन्हें आदिपुरुष की उपाधि दी गई। ब्रह्म पुराण में ब्रह्मा जी ने सृष्टी के तमाम पहलुओं की रचना के बारे में लिखा और कलयुग का जिक्र भी किया इसलिए इसे आदि पुराण भी कहते हैं।
कलयुग में आदि पुरुष का मतलब
आपने यह तो सुना होगा कि हिंदू धर्म में वैष्णव (विष्णु को मानने वाले) और शैव्य (शिव को मानने वाले) दो तब्के हैं। पौराणिक कथाओं में ये दोनों ही ईश्वर एक दूसरे की अराधना करते पाए गए हैं। हमें विष्णु और ब्रह्मा के जन्म की कथा तो मिलती है, लेकिन शिव का ना ही आदि ना ही अंत है। यही कारण है कि समय-समय पर विष्णु और शिव दोनों को ही प्रथम पुरुष माना गया है। यही कारण है कि आदिपुरुष इन दोनों को ही कहा जाता है। यहां आदिपुरुष का मतलब होगा ईश्वर।
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आखिर कैसे भगवान राम का नाम पड़ा आदिपुरुष?
विष्णु के दसवें अवतार थे भगवान राम। उन्हें मानव माना जाता है जिन्होंने मानवों की तरह ही सभी सांसारिक दुखों को भोगा है। भगवान राम को मनुष्यों के लिए आदर्श माना जाता है जिन्होंने जीवन के मूल सिद्धांतों को स्थापित किया। उन्होंने मनुष्य धर्म निभाया और सभी मर्यादाओं को जिया। ऐसे ही श्री कृष्ण को भी सदी का रक्षक माना जाता है जिनकी मृत्यु के बाद ही कलयुग की स्थापना हुई। पर क्योंकि राम त्रेता युग में हुए थे और कृष्ण द्वापर में इसलिए राम कृष्ण के समय से बहुत पहले पृथ्वी पर आए थे। यही कारण है कि भगवान राम को आदि पुरुष कहा जाता है।
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