लाइफ स्टाइल

आखिर किसने और क्यों की थी शीशे में चेहरा देखने की शुरुआत?

SANTOSI TANDI
13 Jun 2023 1:52 PM GMT
आखिर किसने और क्यों की थी शीशे में चेहरा देखने की शुरुआत?
x
आखिर किसने और क्यों की थी शीशे
अगर मैं कहूं कि क्या आप शीशे के बिना तैयार हो सकते हैं? आप कहेंगे कि यह कैसी बात है। नहाने के बाद हम सभी शीशे में ही तो अपना चेहरा देख पाते हैं। अब आप उस समय की कल्पना करें जब लोगों के पास शीशा नहीं हुआ करता था और सोचें कि आखिर शीशा आया कैसे। इसे सवाल का जवाब बताने के लिए हम आपके लिए लेकर आए हैं शीशे से जुड़ी बेहद दिलचस्प जानकारी। आइए जानते हैं आखिर शीश की शुरुआत हुई कैसे।
कैसे हुई थी शीशे की शुरुआत
शीशे के इतिहास पर गौर करने पर इसकी शुरुआत का श्रेय जर्मन रसायन विज्ञानी जस्टस वॉन लिबिग को दिया जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने साल 1835 में शीशे का आविष्कार किया था। सालों पहले के शीशे की बनावट की बात करें तो वो बहुत अलग हुआ करती थी। आज के शीशे उस जमाने के शीशे से काफी बेहतर नजर आते हैं।
इसे भी पढ़ेंःघर पर लगे शीशे को साफ करने के लिए जरूर अपनाएं ये हैक्स
पानी में देखा करते थे चेहरे
आविष्कार के बाद शीशे का इस्तेमाल बहुत कम लोग किया करते थे क्योंकि उस समय शीशा खरीदना सिर्फ कुछ ही लोगों के लिए मुमकिन था। ऐसे में जो लोग शीशा नहीं खरीद पाते थे वो शीशे की जगह पानी में अपना चेहरा देखा करते थे। शुरुआती समय में लोगों को लगता था कि शीशा का जादुई वस्तु है जिसकी मदद से हम खुद को भी देख पा रहे हैं, लेकिन समय के साथ शीशे आम हो गए। (घर की इन जगहों पर भूलकर भी न लगाएं शीशा)
शीशे से किया जा सकते हैं भगवान के दर्शन?
आज हमारे पास चेहरे को देखने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। फोन के कैमरे में भी हम अपना चेहरा देख सकते हैं। परंतु सालों पहले लोगों के लिए खुद को शीशे में देखना बड़ी बात होती थी। ऐसे में जो लोग पहली बार शीशा देखते थे उन्हे लगता था कि शीशे को देख उन्हे भगवान के दर्शन हो जाएंगे।
इसे भी पढ़ेंःकिचन कैबिनेट के गंदे शीशे हो जाएंगे साफ, बस फॉलो करें ये टिप्स
अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
Next Story