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विशेषज्ञों के अनुसार, युवावस्था में तेजी से बढ़ रही है हार्ट फेलियर की समस्या, आप भी न करें ऐसी गलतियां 

Deepa Sahu
4 April 2021 2:50 PM GMT
विशेषज्ञों के अनुसार, युवावस्था में तेजी से बढ़ रही है हार्ट फेलियर की समस्या, आप भी न करें ऐसी गलतियां 
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विशेषज्ञों के अनुसार

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: एक समय था जब हृदय रोग और इससे जुड़ी स्थितियां सिर्फ बुढ़ापे में ही देखने को मिलती थीं। लेकिन अब समय बदल चुका है। जीवन शैली का सही न होना, खाने की आदतों में बदलाव और पौष्टिकता की कमी के साथ-साथ तनाव, चिंता और मोटापे जैसे कारकों ने युवाओं को भी हृदय रोग का शिकार बना दिया है। इतना ही नहीं कई सारे कम उम्र को लोगों में दिल का दौरा पड़ने जैसी गंभीर समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं। कम उम्र में होने वाली ऐसी समस्या न सिर्फ जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर देती है साथ ही आप कई अन्य बीमारियों के भी शिकार हो जाते हैं।

आइए जानते हैं इस स्थिति में युवाओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे वह स्वयं को इस तरह की गंभीर बीमारियों से सुरक्षित कर सकें? हृदय रोग से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो हार्ट फेलियर एक प्रकार की क्रोनिक स्थिति है। यह समस्या तब होती है जब हृदय पर्याप्त रूप से रक्त को पंप करने में असमर्थ हो जाता है, जिसके चलते शरीर में ऊतकों की चयापचय मांग पूरी नहीं हो पाती है। हृदय में इस तरह की कमजोरी के कारण रक्त की आपूर्ति प्रभावित होती है जिसके कारण थकान, सांस की तकलीफ और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर दिक्कतें कम आयु में ही हो सकती हैं।

धमनियों की दीवारों में फैट के निर्माण और दीर्घकालिक तनाव के कारण कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाने के कारण इस तरह की समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। इसके अलावा युवा आजकल बहुत ज्यादा धूम्रपान करने लगा है, यह भी हृदय रोगों के मुख्य कारणों में से एक है। इसके अलावा जिन लोगों को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कोरोनरी धमनी की बीमारी या हृदय के वाल्व की समस्या है उन्हें भी ऐसी दिक्कत हो सकती है। कम उम्र में ही हृदय रोगों के शिकार हो जाने के कारण दैनिक गतिविधियां जैसे चलना, सीढ़ियों पर चढ़ना या कुछ काम से बाहर जाना आदि भी काफी कठिन हो जाता है। वहीं यदि आपको हार्ट फेलियर की दिक्कत हो गई है तो इसे ठीक नहीं किया जा सकता है। इसके कारण हृदय की पंपिंग क्रिया दिन ब-दिन कमजोर होती जाती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक हृदय रोग समय के साथ बढ़ते जाते हैं, इनके शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक होता है। हृदय रोग के प्रत्येक चरण के प्रबंधन के लिए वर्तमान में विभिन्न विधियां और उपचार उपलब्ध हैं। जीवनशैली में परिवर्तन और नियमित व्यायाम के साथ खान-पान को सुधारने से युवा अवस्था में बढ़ रही हृदय रोग की समस्याओं से खुद को बचाया जा सकता है।


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