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चाणक्य निति के अनुसार जरूरत के समय किसी के काम नहीं आता ऐसा पैसा और ज्ञान

Gulabi
3 March 2021 4:11 PM GMT
चाणक्य निति के अनुसार जरूरत के समय किसी के काम नहीं आता ऐसा पैसा और ज्ञान
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धन और विद्या, इन दोनों का व्यक्ति के पास होना बेहद जरूरी समझा जाता है

धन और विद्या, इन दोनों का व्यक्ति के पास होना बेहद जरूरी समझा जाता है. पैसे से संपन्न व्यक्ति कठिन समय में रास्ते निकाल लेता है और सुख को प्राप्त करता है. ऐसे ही ज्ञानी मनुष्य भी अपनी विद्या की मदद से बेहतर भविष्य के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है. लेकिन चाणक्य धन और विद्या की एक ऐसी स्थिति के बारे में बताते हैं जब ये दोनों ही किसी के काम नहीं आती और मुसीबत में मनुष्य हार जाता है. आइए जानते हैं चाणक्य की इस नीति के बारे में...

पुस्तकेषु च या विद्या परहस्तेषु च यद्धनम् ।
उत्पन्नेषु च कार्येषु न सा विद्या न तद्धनम् ॥
चाणक्य कहते हैं कि जो विद्या पुस्तकों तक ही सीमित है और जो धन दूसरों के पास पड़ा है, आवश्यकता पड़ने पर न तो वह विद्या काम आती है और न ही वह धन उपयोगी हो पाता है.
आचार्य के मुताबिक विद्या मनुष्य के कंठ में होनी चाहिए, पुस्तकों का ज्ञान पुस्तकों में ही रह जाए तो वो किसी काम का नहीं और धन हमेशा अपने हाथ में होना चाहिए, तभी इनकी सार्थकता है.


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