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झारखंड के इस गाँव में एक परिवार के साथ रहती है डायन

Bhumika Sahu
16 Jun 2022 5:39 AM GMT
झारखंड के इस गाँव में एक परिवार के साथ रहती है डायन
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आज के पढ़े-लिखे और विकसित युग में भी लोग भूत-प्रेत और डायन आदि को मानते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज के पढ़े-लिखे और विकसित युग में भी लोग भूत-प्रेत और डायन आदि को मानते हैं। इसके नाम पर हर साल होने वाली तमाम हिंसा में सैंकड़ों लोगों की मौत होती है, जबकि हजारों लोग घायल होते हैं। सबसे ज्यादा इसके शिकार महिलाएं और बच्चे होते हैं। खासकर, कम शिक्षित और आदिवासी क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं ज्यादा देखने को मिलती हैं। इसी क्रम में झारखंड की घटना इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है। हालांकि, घटना पुरानी है, मगर हिंसा जब-तब होती रहती है और सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है। दरअसल, झारखंड के एक गांव में दो महीने में तीन लोगों की मौत हुई। तीनों का कोई कनेक्शन नहीं था और तीनों मौतें अलग-अलग वजहों से हुई थीं।

पंचायत बैठी, जिमसें सौ लोग शामिल हुए, इसमें एक ओझा भी था
बहरहाल, कुछ लोगों को इस मौत को लेकर चिंता सताई और उन्होंने गांव में पंचायत बुलवाई। इसमें अलग-अलग जगहों से करीब सौ लोग शामिल हुए। ओझा को बुलाया गया, जो तंत्र-मंत्र विद्या में माहिर था। बैठक में इस ओझा ने बताया कि ये तीनों मौत निकोदिन टोपनो और घरवालों की वजह से हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि उस परिवार में एक डायन है। वह लोगों को खा रही है।
पंचायत में तय हुआ कि टोपनो के परिवार का सफाया कर दिया जाए

पंचायत के सभी लोगों ने उसकी बात पर भरोसा किया और तय हुआ कि टोपनो के परिवार का सफाया कर दिया जाए यानी की सभी की हत्या कर दी जाए। पंचायत में कुछ महारथी चुन लिए गए, जिन्हें इस घटना को अंजाम देना था। उन्हें शराब पिलाई गई और टोपनो के घर भेज दिया गया। सभी को रात में काट डाला गया। सिर्फ 8 साल की एक बच्ची बच गई, क्योंकि वह उस दिन रांची में अपने एक रिश्तेदार के घर थी। पुलिस आई और 8 लोगों को गिरफ्तार कर चली गई। बताया जा रहा है झारखंड को बने करीब 22 साल हुए और इस बीच में ओझा और तांत्रिकों के चक्कर में भूत-प्रेत के नाम पर करीब एक हजार लोगों की हत्या हुई, जिसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।


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