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कोविड जैसे लक्षणों वाला एक नया वायरल संक्रमण, श्वसन तंत्र को करता है अटैक

Tara Tandi
10 Sep 2023 9:32 AM GMT
कोविड जैसे लक्षणों वाला एक नया वायरल संक्रमण, श्वसन तंत्र को करता है अटैक
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कोरोनावायरस का वैश्विक स्वास्थ्य जोखिम वैज्ञानिकों के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है, इसके नए वैरिएंट्स के जोखिमों को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ अलर्ट कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल के महीनों में ओमिक्रॉन के दो नए वैरिएंट्स एरिस और पिरोला के मामले सबसे अधिक रिपोर्ट किए गए हैं, जिसके कारण संक्रमण के बढ़ने का जोखिम देखा जा रहा है। कोरोना के जारी खतरे के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसी से मिलते-जुलते एक नए वायरल संक्रमण के खतरे को लेकर अलर्ट किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक दुनिया के कई देशों में इस साल की शुरुआत से ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले बढ़े हैं।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) भी कोरोना की ही तरह से श्वसन पथ को संक्रमित करता है, हालांकि कोरोना के इतर इस वायरस के कारण ऊपरी और निचले दोनों श्वसन पथ में संक्रमण का खतरा हो सकता है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि शिशुओं और बुजुर्गों, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उनमें मेटान्यूमोवायरस के कारण गंभीर बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। इसके लक्षण आमतौर पर सामान्य फ्लू की तरह के ही होते हैं ऐसे में लोग इस संक्रमण को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं।
अमेरिका में बढ़े थे संक्रमण के मामले
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के कई हिस्सों में इस साल की शुरुआत में फिर मई-जून के महीनों में एचएमपीवी के कारण संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े थे। मार्च में, अमेरिका में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के लिए लगभग 11 प्रतिशत पीसीआर और 20 प्रतिशत एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट सकारात्मक आए थे।
महामारी से पहले के स्तर की तुलना में इसकी पॉजिटीविटी दर में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को इस वायरल संक्रमण के जोखिमों को देखते हुए बचाव के लिए उपाय करते रहने की आवश्यकता है।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के बारे में जानिए
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक वायरस है जो आमतौर पर सामान्य सर्दी के समान लक्षण पैदा करता है। यह अक्सर ऊपरी श्वसन संक्रमण का कारण बनता है, लेकिन कभी-कभी इसके संक्रमण के कारण निचले श्वसन पथ से संबधित रोगों जैसे निमोनिया, अस्थमा जैसी समस्या हो सकती है। एचएमपीवी का संक्रमण क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) की समस्या वाले लोगों के जोखिमों को भी बढ़ाने वाला हो सकता है।
ज्यादातर मामलों में 5 साल से कम आयु के बच्चों में इस वायरस से संक्रमण होने का खतरा अधिक देखा जा रहा है।
सामान्य फ्लू से कितना अलग है ये संक्रमण
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, अक्सर सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है, लेकिन कुछ लोगों में इसके कारण गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा हो सकता है। पहले संक्रमण से शरीर में सुरक्षा (प्रतिरक्षा) विकसित हो जाती है जो दूसरी बार संक्रमण की स्थिति में रोग की गंभीर स्थिति से बचाने में मदद करती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इसके लक्षण कोरोना से भी मिलते-जुलते होते हैं पर सभी लोगों को इसमें अंतर करना और बचाव के लिए प्रयास करना बहुत आवश्यक हो जाता है।
लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी होता है। फ्लू की समस्याओं के अलावा कुछ लोगों में ये गला खराब होने, घरघराहट, सांस की तकलीफ (डिस्पेनिया) और त्वचा पर चकत्तों का भी जोखिम बढ़ाने वाला हो सकता है। अगर इस रोग का समय पर निदान न किया जाए तो ये कई प्रकार के गंभीर समस्याओं को भी बढ़ाने वाला हो सकता है।
एचएमपीवी की जटिलताओं के कारण सांस की नली में सूजन, ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया, अस्थमा या सीओपीडी की गंभीरता और कान में संक्रमण होने का भी खतरा रहता है। यही कारण है कि इस तरह के संक्रामक रोगों से बचाव के लिए प्रयास करते रहना जरूरी हो जाता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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