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लंबे समय तक बनी रहने वाली एक ऐसी हालत है जिसमें धीरे-धीरे दिल की हालत बिगड़ती जाती है. हालांकि, हार्ट फ़ेलियर की समस्या किसी के भी साथ हो सकती है, लेकिन बुजुर्ग या उम्रदराज़ लोगों में HF का सबसे ज़्यादा ख़तरा रहता है
जनता से रिश्ता। लंबे समय तक बनी रहने वाली एक ऐसी हालत है जिसमें धीरे-धीरे दिल की हालत बिगड़ती जाती है. हालांकि, हार्ट फ़ेलियर की समस्या किसी के भी साथ हो सकती है, लेकिन बुजुर्ग या उम्रदराज़ लोगों में HF का सबसे ज़्यादा ख़तरा रहता है[1]. आमतौर पर डॉक्टर हार्ट फ़ेलियर की परेशानी वाले लोगों को अपनी लाइफ़स्टाइल में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की सलाह देते हैं. ये बदलाव दिल की तेज़ी से बिगड़ती रफ्तार को कम करने और लक्षणों पर काबू पाते हुए स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करते हैं[1].
हार्ट फ़ेलियर क्या है?
जब हार्ट यानी दिल, शरीर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए खून को सही तरह से पंप नहीं कर पाता है, तो इसका सीधा असर दिल के दोनों ओर या एक तरफ हो सकता है. इसका मतलब यह नहीं है कि हार्ट ने काम करना बंद कर दिया है बल्कि इसका ये मतलब होता है कि हार्ट पूरी क्षमता से ब्लड को पंप नहीं कर पा रहा है2.
हार्ट की कार्यक्षमता कमज़ोफेफड़ोंर होने पर नजर आते हैं यह लक्षण[2]:
लंग्स में खून और तरल पदार्थ का जमा होना
पंजे, टखने और पैरों में फ्लूइड यानी तरल का जमा (एडिमा) होना
बहुत ज़्यादा थकान होना
सांस लेने में परेशानी होना
किन वजहों से होता है हार्ट फ़ेलियर?
आमतौर पर हार्ट फ़ेलियर दिल के एक और स्थिति की आखिरी स्टेज़ होती है.
जिन वजहों से हो सकता है हार्ट फ़ेलियर, वो इस प्रकार हैं[3]:
कोरोनेरी धमनियों की बीमारी (धमनियों में रुकावट)
हार्ट के वॉल्व में परेशानी
हाई ब्लड प्रेशर
दिल से जुड़ी जन्मजात बीमारी
अनियमित हार्ट रेट
कार्डियोमायोपथी (हार्ट की धमनियों की बीमारी)
हार्ट अटैक
फेफड़ों की बीमारी
डायबिटीज़ (मधुमेह)
हायपरथायरोइडिज्म
बहुत ज़्यादा नशीले पदार्थों का सेवन, जैसे ज़्यादा शराब पीना
क्या लाइफ़स्टाइल में बदलाव करने से हार्ट फ़ेलियर से प्रभावित लोगों को फ़ायदा मिल सकता है?
स्टडीज़ कहती हैं कि लाइफ़स्टाइल के अहम् पहलु, जैसे कि ख़राब डाइट, मोटापा और एक्सरसाइज़ की कमी HF के शुरुआती लक्षण हैं. कई स्टडीज़ में साबित हुआ है कि लाइफ़स्टाइल मैनेजमेंट से HF को रोकने और कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है[4].
अगर आप HF से प्रभावित हैं, तो इन सुझावों से आपको सेहतमंद बनने में मदद मिल सकती है[4,5]:
धूम्रपान छोड़ें: सिगरेट में निकोटीन होता है, जो ब्लड प्रेशर और दिल के धड़कने की रफ़्तार को बढ़ाता है. धूम्रपान करने से रक्त वाहिकाओं में चिपचिपा पदार्थ जमा हो जाता है. स्मोकिंग छोड़ने से दिल की सेहत बेहतर हो सकती है.
सही वज़न बनाए रखें: उम्र और लंबाई के अनुसार संतुलित वजन बनाए रखें. इससे आप डायबिटीज़ और दिल की बीमारी के ख़तरों को काफी हद तक कम कर सकते हैं.
तरल पदार्थों के सेवन पर नजर रखें: HF से प्रभावित लोगों के शरीर में तरल पदार्थ को बनाए रखने की प्रवृत्ति होती है. इसलिए, तरल पदार्थ के सेवन पर नज़र रखना ज़रूरी है. आपके डॉक्टर शरीर में तरल पदार्थ के जमाव को रोकने के लिए आपके लिए हर दिन ली जाने वाले तरल पदार्थों की मात्रा निर्धारित करने में आपकी मदद कर सकते हैं.
शराब से बचें: आपके लिए बेहतर होगा कि आप शराब का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें. अगर वह मना करते हैं, तो बेहतर यही होगा कि आप पूरी तरह से शराब से परहेज़ करें या फिर कम से कम पीएं.
कैफ़ीन से बचें: अगर आप HF से प्रभावित हैं, तो आपके लिए कैफ़ीन का इस्तेमाल ख़तरनाक साबित हो सकता है.
दिल के लिए सेहतमंद डाइट का सेवन करें: अगर आप HF से प्रभावित हैं, तो ट्रांस-फ़ैट सैचुरेटेड फ़ैट (मक्खन, दूध, कुकीज़ और क्रैकर्स जैसे डेयरी उत्पाद), रेड मीट, चीनी-मीठे पेय और मिठाई से बचें. इसके अलावा ज़्यादा नमक भी न खाएं. अपनी डाउट में फल, सब्जियां, फलियां और नट्स शामिल करें. अध्ययनों से पता चला है कि ये डाइट में बदलाव HF को रोक सकता हैं[4].
रोज़ाना एक्सरसाइज़ करें: एक्सरसाइज़ को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं. बेहतर फ़िटनेस के लिए अपने डॉक्टरों और थेरेपिस्ट से एक्सरसाइज़ के अलग-अलग तरीकों पर चर्चा करें. हालांकि, चलना, दौड़ना, मसल्स और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को बेहतर बताया गया है. इसके बाद भी इन सभी एक्सरसाइज़ को करने से पहले अपने डॉक्टर और थेरेपिस्ट से चर्चा करना आपके लिए ज़्यादा बेहतर रहेगा.
तनाव को कम करने की कोशिश करें: स्टडीज़ बताती हैं कि HF को मैनेज करने में योग, श्वसन व्यायाम और ध्यान फ़ायदेमंद हैं. यह गुस्से में कमी लाने के साथ तनाव को कम करता है और एक्सरसाइज़ करने की क्षमता को बढ़ाता है. HF से प्रभावित लोगों में चिंता और अवसाद का प्रबंधन करने में चैंट-आधारित ध्यान तकनीक मदद करती है. ताई-ची भी HF से प्रभावित लोगों के जीवन में सुधार ला सकती है.
सप्लीमेंट कर सकते हैं मदद: अपने डॉक्टर से बात करें और उनकी सलाह के आधार पर एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन की खुराक जैसे सप्लीमेंट का सेवन करें.
HF से प्रभावित लोग अपने लक्षणों को नियमित जांच के साथ ट्रैक करें, नियमित तौर पर दवाइयां लें, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में बनाए रखें और यौन गतिविधि से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करें. अपने डॉक्टर के साथ चर्चा करें कि क्या इंजेक्शन फ्लू से बचने में आपकी मदद कर सकता है क्योंकि फ्लू आपके दिल पर अतिरिक्त बोझ डालता है. आपकी लाइफ़स्टाइल में ये बदलाव आपके जीवन को और बेहतर बनाने में मदद सकते हैं[5]. भले ही आप HF से प्रभावित हो, लेकिन अपनी लाइफ़स्टाइल में बदलाव करें और एक खुशहाल ज़िंदगी की तरफ़ कदम बढ़ाएं!
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