लाइफ स्टाइल

बॉस को नाराज़ करने के 7 अचूक नुस्ख़े, पंगा लेने का मूड हो तो ज़रूर आज़माएं

Kajal Dubey
29 April 2023 5:41 PM GMT
बॉस को नाराज़ करने के 7 अचूक नुस्ख़े, पंगा लेने का मूड हो तो ज़रूर आज़माएं
x
हालांकि ऐसा होना नहीं चाहिए, पर अक्सर होता यही है कि आप चाहे कितनी भी दमतोड़ (कॉर्पोरेट कर्मचारियों के मामले में कुर्सीतोड़) मेहनत कर लें, पर प्रमोशन और अच्छी इन्क्रिमेंट के हक़दार तभी बनते हैं, जब बॉस ख़ुश हों. अब बॉस को ख़ुश करने का कोई ग़लत मतलब न निकालें. इसके लिए आपको अपना काम कुशलता से करना होगा और बॉस के साथ बेहतर संवाद स्थापित करना होगा. आपके इरादे भले ही कितने नेक हों, पर यदि आप कुछ ऐसी बातें कह देते हैं, जो सचमुच प्रोफ़ेशनल नहीं होतीं तो बॉस आपको लेकर नकारात्मक नज़रिया बनाने लगते हैं. वैसे किसे कौन-सी बात बुरी लग जाए हम नहीं कह सकते, पर कॉमन सेंस का इस्तेमाल करके कुछ बातों से तो बच ही सकते हैं. बॉस का व्यवहार कितना भी दोस्ताना क्यों न हो, आप ऐसा करने से बचें...
1. इतने पैसे में इतना ही काम हो सकता है
ऐसा अक्सर कलीग्स आपस में मज़ाक करते हुए एक-दूसरे से कहते हैं. पर ऐसा मज़ाक बॉस के साथ करने से पहले दो बार सोच लें. भले ही आप ऐसा कहकर बॉस को बताना चाह रहे हों कि आपकी सैलरी बढ़नी चाहिए, पर वे इसे आपकी कामचोरी से जोड़कर देख सकते हैं. उन्हें लग सकता है कि आप नई ज़िम्मेदारियां स्वीकार नहीं करना चाहते. सैलरी और काम की ज़िम्मेदारी दोनों भले ही एक-दूसरे पर डिपेंड रहनेवाली बातें हों, पर इस तरह किसी काम को न करने के लिए कम सैलरी की बात करना अनप्रोफ़ेशनल है. आपको सैलरी से जुड़ी बात डिस्कस करनी हो तो बॉस से समय लेकर अलग से चर्चा करें. वहां भी नौकरी छोड़ने की धमकी देने के बजाय अपनी नेगोशिएशन स्किल्स का इस्तेमाल करके अपनी बात मनवाने की कोशिश करें.
2. मैं उसके साथ काम नहीं कर सकता/सकती
ऑफ़िस में हमें सभी लोग पसंद हों यह ज़रूरी नहीं है. अगर हमें नापसंद व्यक्ति किसी दूसरी टीम का हो तो कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, पर जब वह आपका टीम मेंबर हो तब मामला फंस जाता है. मामला तब और गंभीर हो जाता है, जब बॉस किसी ख़ास प्रोजेक्ट पर आपको उसके साथ काम करने कह देते हैं. ऐसे में भूलकर भी न कहें कि ‘मैं उसके साथ काम नहीं कर सकता/सकती.’ इससे बॉस को यह मैसेज जाएगा कि आप टीम पर्सन नहीं हैं. तो अगर बॉस किसी के साथ काम करने कहें तो मन मारकर ही सही उसके साथ काम कर लें. हां, अगर उस काम के दौरान उस व्यक्ति ने आपके साथ असहज करने वाली कोई हरकत की या उसका व्यवहार अनप्रोफ़ेशनल हो तो बॉस से शिकायत ज़रूर करें.
3. इसमें मेरी कोई ग़लती नहीं है
ग़लती होने पर अक्सर लोग यह साबित करने का बहाना ढूंढ़ने लगते हैं कि इसमें उनकी कोई ग़लती नहीं है. वे ख़ुद के बच निकलने का रास्ता तलाशने लगते हैं. जब आप बहाने तलाशते हैं तो वो आपको मिल भी जाते हैं. पर्सनल लाइफ़ की अपनी यह आदत लोग ऑफ़िस में भी अप्लाई करने लग जाते हैं. कुछ गड़बड़ होने के बाद सबसे पहले ख़ुद को बचाने का रास्ता खोजने लगते हैं. जब बॉस कारण जानना चाहते हैं तब सीधे कह देते हैं इसमें मेरी कोई ग़लती नहीं है. एक-दो बार ऐसा कहना चल जाता है, पर अगर हर बार आप आप ज़िम्मेदारी स्वीकार करने के बजाय दूसरों की ओर उंगली
4. यह तो हो ही नहीं सकता
कुछ लोगों की आदत होती है, किसी भी नए काम के लिए पहले ‘ना’ करने की. अगर आप भी ऐसे ही लोगों में आते हों तो अपनी इस आदत को कम से कम ऑफ़िस में तो ख़ुद पर हावी न होने दें, ख़ासकर बॉस के सामने. यदि बॉस बहुत मु श्क़िल या नामुमक़िन-सा लगनेवाला कोई टास्क असाइन कर रहे हों तो भी सीधे-सीधे मना करने से बचें. भले ही आप बॉस के कितने ही मुंह लगे हों, पर यह बात जान लीजिए कि मैनेजर्स को सॉल्यूशन चाहिए होता है. यही उनका काम है. आप उस असानइमेंट के बारे में अच्छे से सोच-समझकर अपनी रिपोर्ट बनाएं. अगर हो सकता है तो आपको और कौन-से रिसोर्सेस चाहिए वह बॉस से मांग लें. अगर नहीं हो सकता है तो उसके भी प्रैक्टिकल कारण गिनाते हुए बॉस के सामने अपना पक्ष रखें.
5. यह हमारा आज़माया हुआ असफल तरीक़ा है
जब नए बॉस आते हैं, तब नए आइडियाज़ भी लाते हैं. अगर आपकी टीम या कंपनी की लिडरशिप चेंज हुई है तो कुछ बदलावों के लिए तैयार रहें. हो सकता है नए बॉस के कुछ आइडियाज़ आपकी टीम पहले भी आज़मा चुकी हो, जो सफल न रहे हों. बॉस द्वारा उन आइडियाज़ का ज़िक्र करने पर सीधे-सीधे यह कहना कि यह हमारा आज़माया हुआ असफल तरीक़ा है, उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा सकता है. किसी भी कन्कल्यूज़न पर पहुंचने से पहले उनकी पूरी बात सुनें. हो सकता है, उनका तरीक़ा सुनने में पुराने असफल तरीक़े जैसा लगे, पर उसमें कुछ ऐसी बातें हों, जिनके बारे में आपकी टीम ने पहले विचार ही न किया हो.
6. मेरे पास बहुत काम है
ऑफ़िस के काम से ओवरबर्डन्ड कौन नहीं होता? ऑफ़िस के सबसे निकम्मे कर्मचारी से आप पूछेंगे तो वह भी यही कहेगा ‘मेरे पास तो सांस लेने तक की फ़ुर्सत नहीं है.’ तो यह सिद्ध हो गया कि ऑफ़िस में हर कोई बिज़ी होता है. अब ऐसे में अगर बॉस कोई नया काम असाइन करें तो उन्हें यह डायलॉग चिपकाने की कोशिश न करें कि ‘मेरे पास पहले से ही बहुत काम है या मैं ओवरबर्डन्ड हूं.’ ऐसा सुनकर बॉस यही सोचेंगे कि आप काम से बचने वालों में से हो. अब उनकी नज़र में कामचोर वाली इमेज बन जाएगी तो आपकी आगे की राह मुश्क़िल हो जाएगी.
7. नहीं, हम तो यह ऐसे ही करते हैं
नया बॉस किसी काम को करने का अपना तरीक़ा लागू करना चाहता है, जो कि सही भी है. लेकिन किसी एक ऑफ़िस में लंबे समय तक काम करनेवाले लोग अपना तरीक़ा डेवलप कर चुके होते हैं और समय के साथ उसके साथ कम्फ़र्टेबल भी हो जाते हैं. जब अचानक नया बॉस काम के तौर-तरीक़े बदलने कहता है तो स्वाभाविक है कि उन्हें अपने कम्फ़र्ट ज़ोन से निकलने का डर लगता है. ऐसी स्थिति में कई बार पुराने कर्मचारी नए बॉस को बताते हैं कि ‘हम तो यह काम ऐसे ही करते रहे हैं.’ इस सेंटेंस के साथ वे बॉस के साथ अपना रिश्ता ख़राब करने की शुरुआत कर देते हैं.
Next Story