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संगमनगरी के शहरी क्षेत्र की 59 महिलाएं (एशियन कटऑफ के अनुसार) मोटापे का शिकार हैं और 11.1 प्रतिशत महिलाओं में सामान्य से अधिक वजन निकला. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कटऑफ के अनुसार संगमनगरी की 59 महिलाएं मोटापे की समस्या से जूझ रही हैं. राष्ट्रीय पोषण ब्यूरो में भी ऐसे ही आंकड़े पाए गए थे. 20 से 49 साल की 570 महिलाओं पर किए गए अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है कि मोटापे का प्रमुख कारण खान-पान की खराब आदत है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के सेंटर ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की नीलम यादव और जूमी सिंह की यह अध्ययन रिपोर्ट बायोकेमिकल और सेलुलर आर्काइव जर्नल के अक्टूबर 2022 अंक में प्रकाशित हुई है.
प्रत्येक महिला से भोजन के पैटर्न (दिन में तीन से छह बार तक भोजन करने या कोई निर्धारित पैटर्न नहीं), आहार व्यवहार (शाकाहारी, मांसाहारी आदि), दालें या फलियां, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, अंडे, मुर्गी, मांस या मछली आदि के सेवन की जानकारी ली गई. अध्ययन में शामिल महिलाओं में से 11.1 प्रतिशत का वजन अधिक निकला जबकि बाकी महिलाओं में ग्रेड-वन व ग्रेड-टू स्तर का मोटापा मिला है. सामान्य तौर पर कहा जा सकता है कि प्रयागराज में महिलाओं का खान-पान की आदत अच्छी नहीं है. अधिक ऊर्जा और कम पोषण वाले भोजन, चीनीयुक्त व मीठे पेय पदार्थ के लगातार सेवन के साथ-साथ दैनिक आहार में पोषक तत्वों की अनुपस्थिति के कारण ये महिलाएं बीमारियों के खतरे से भी जूझ रही हैं.
विशेषज्ञों का सुझाव है कि मोटापे और आहार संबंधी विकारों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, महिलाओं को स्वस्थ आहार लेने के लिए प्रोत्साहित करने के उपाय किए जाने चाहिए. महिलाओं को स्वस्थ खाने की आदतों को बढ़ावा देने के लिए जागरुक करने की आवश्यकता है.
खास-खास
● 570 महिलाओं में से सर्वाधिक 209 (36.7) की आयु 20 से 29 वर्ष
● 379 महिलाएं विवाहित हैं और 323 एकल परिवार में रहती हैं
● 53.6 प्रतिशत महिलाएं शाकाहारी जबकि 39.2 फीसदी मांसाहारी हैं
इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क
Tara Tandi
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