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लाइफस्टाइल | अगर आप अपनी ज़िंदगी को आसान बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो सबसे पहले आपको ‘मिनिमलिज़्म’ के सिद्धांत का पालन करना सीखना होगा. इस सिद्धांत का मतलब है कम से कम चीज़ें ख़रीदें. यानी जितना ज़रूरी है उतना ही ख़र्च करें. आज की भौतिक दुनिया में यह जीवनशैली कठिन लग सकती है, पर एक बार इसकी आदत लग गई तो आपकी ज़िंदगी गुलज़ार हो जाएगी. इससे न केवल आपके ख़र्च कम होंगे, पर आप जल्द ही किसी भी तरह के क़र्ज़ से भी मुक्त हो जाएंगे. इसके चलते आपको दिमाग़ी शांति का भी अनुभव होगा.हालांकि इसे अपनाना थोड़ा कठिन है, पर सही क़दम बढ़़ाकर आप इस तरीक़े को अपना सकते हैं.याद रखें हर किसी की ज़िंदगी अलग होती है तो यह भी ज़ाहिर ही है कि उसे बदलने का तरीक़ा भी अलग ही होगा. आप अपने हिसाब से अपने जीवन को मिनिमलिस्ट बनाने की शुरुआत करें. बेहतर होगा धीमी शुरुआत करें. आपको लगता है कि आप जो कुछ कर सकते हैं, वह पहले करें. अपनी डायरी में यह लिखना कि आप मिनिमलिज़्म क्यों अपनाना चाहते हैं, आपकी मदद कर सकता है.चाहे आपकी वॉर्डरोब हो, या घर में सजाए गए डेकोरेटिव पीसेज़ या किचन के सामान… आप यह पता लगाएं कि उनमें से कितनी सारी चीज़ें सही मायने में उपयोगी हैं. आप पाएंगे कि हम ज़्यादातर बेवजह की चीज़ों से अपना घर भरकर रखते हैं. हर कमरे की इस तरह पड़ताल करें और थोड़ा दिल कड़ा करके बेवजह की चीज़ों से छुटकारा पाएं. जो चीज़ें अच्छी कंडिशन में हों, पर आपके लिए उपयोगी न हों, उन्हें बेच दें या किसी को दान कर दें. वैसे घर में बेवजह की चीज़ों से छुटकारा पाने का एक सदाबहार तरीक़ा है, घर में स्टोरेज स्पेस को कम कर देना. आज़माकर देखें.यह नियम अपनी वॉर्डरोब के संदर्भ में अपनाकर देखें. आप पाएंगे कि वॉर्डरोब में जितने कपड़े भरे हुए हैं, उनमें से आधे से भी कम का असल में आप इस्तेमाल करते हैं. तो नियम साफ़ है बेसिक और क्लासिक चीज़ों को ही वॉर्डरोब में जगह दें. चीज़ों को मिक्स ऐंड मैच करके अपने नए लुक्स क्रिएट करें. इससे आप बिना नई ड्रेसेस ख़रीदे फ़ैशनेबल और स्टाइलिश दिखेंगे.अगर आपको नई चीज़ें ख़रीदनी ही हैं तो हमेशा क्वॉन्टिटी के बजाय क्वॉलिटी को वरीयता दें. चाहे अपने अपने लिए पैंट्स ख़रीद रहे हों या किचन के लिए कोई सामान, उन चीज़ों को प्रायॉरिटी दें, जो लंबे समय तक चल सकने योग्य हों. समझदारी इसी में है कि कोई भी सामान ख़रीदने जाने से पहले उस बारे में थोड़ी जांच-पड़ताल कर लें. इस तरह आप डुप्लिकेट चीज़ें ख़रीदने से बचेंगे और कई बार तो आपका ख़रीदने का मन भी नहीं करेगा क्योंकि आप पाएंगे कि आपके पास वैसी चीज़ें हैं, जिनका इस्तेमाल करके काम बन सकता है.