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असफलता आपको सफल होने के हज़ारों रास्ते दिखाती है. हर सफल आदमी कभी न कभी असफलता का सामना कर चुका होता है. अगर आपने ज़िंदगी में कभी असफलता नहीं देखी तो मान लीजिए आपने सही मायने में सफलता नहीं देखी. ये कुछ बातें हैं, जो हर असफलता के बाद हम अपने आप को समझाने के लिए दोहराते हैं. यक़ीन मानिए, ये बातें अगर आप दिल से दोहराएंगे तो असफलता वाक़ई सफलता के दरवाज़े खोल देगी. आख़िर जैसे जीवन में हर चीज़ अस्थाई है, उसी तरह असफलता भी अस्थाई है. अगर आप भी असफलता का सामना कर रहे हैं, तो इन पांच बातों पर ध्यान देने से बात बन सकती है.
पहला सूत्र: कोशिश करने से ब्रेक ले लें
अगर आप अपनी ओर से पूरी कोशिश करने के बावजूद लंबे समय से असफल हो रहे हैं तो हो सकता है कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम हो. रिलैक्स, हम समझाते हैं. कई बार ऐसा होता है आप पूरी कोशिश करने के बावजूद, अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाते. ऐसे में हम अगली बार थोड़ा और ज़ोर लगाते हैं. पर तब निराश हो जाते हैं, जब नतीजा अगली बार भी वही होता है. अगर आपके साथ ऐसा हो रहा हो तो कुछ समय के लिए हार मान लें और यह स्वीकार कर लें कि आप सफल नहीं हो पा रहे हैं. ब्रेक लेने के बाद कुछ दिनों तक उस बारे में सोचें भी न. लगभग एक हफ़्ते बाद अपने प्रयासों का स्टेप-बाय-स्टेप आकलन करें.
दूसरा सूत्र: अपने विचारों और कारणों को लिख लें
जब आप अपनी असफलता का आकलन करते हैं तब पाते हैं कि कोई बहुत छोटी-सी कमी रह गई थी, जो आपके और सफलता के बीच आ रही थी. जब आप अपनी असफलता का आकलन करने बैठे ही हैं तो सबसे पहले अपने दिमाग़ में आ रहे विचारों को लिख लें. हो सकता है कि शुरुआत में आपके विचार कुछ ज़्यादा ही नेगेटिव हों, पर यही नकारात्मक विचार आपको सफलता दिलाने में मददगार साबित होनेवाले हैं. जब आपका दिमाग़ शांत हो जाए तब अपने असफलता के कारणों को पढ़ें. अब असफलता के कारणों को जानने के बाद ख़ुद ही उन कारणों को दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है, वह लिखें. समाधान जो भी हो, वह व्यावहारिक भी होना चाहिए. कई बार समस्या थोड़ी टेक्निकल हो जाती है. ऐसे में किसी प्रोफ़ेशनल की मदद ली जा सकती है. अगली बार उन छोटी-मोटी कमियों को दूर करके प्रयास करें, यक़ीनन नतीजा बेहतर होगा.
तीसरा सूत्र: असफलता दिमाग़ी खेल है, पर अपने शरीर को नज़रअंदाज़ न करें
तीसरा सूत्र: असफलता दिमाग़ी खेल है, पर अपने शरीर को नज़रअंदाज़ न करें भले ही असफलता दिमाग़ी खेल हो, पर उसका असल हमारे शरीर पर भी पड़ने लगता है. जब आप स्ट्रेस में होते हैं तो स्ट्रेस हार्मोन्स रिलीज़ होते हैं, जो आपके शरीर नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं. अगर आप लंबे समय से असफलता के चलते स्ट्रेस में हों तो अपने शरीर का चेकअप कराएं. कम्प्लीट ब्लड टेस्ट के साथ-साथ हार्ट, लिवर और किडनी जैसे अंगों के फ़ंक्शन टेस्ट ज़रूर कराएं. कई बार लोग स्ट्रेस में ज़्यादा खाते हैं, स्मोकिंग या ड्रिंकिंग जैसी आदतें लगा लेते हैं, इसलिए भी फ़िज़िकल फ़िटनेस टेस्ट कराना ज़रूरी होता है.
चौथा सूत्र: अपनी दिनचर्या को नियमित करें
सफलता के लिए ज़रूरी है सही काम को सही समय पर किया जाए. यहां हमारा सही काम से मतलब है एक अच्छी दिनचर्या का नियमित रूप से पालन करना. जब हम सूर्योदय के पहले बिस्तर छोड़ देते हैं और रात को जल्दी सो जाते हैं. नियमित रूप से व्यायाम करते हैं. तो हमारे सफल होने की संभावना काफ़ी हद तक बढ़ जाती है. ऐसा तब होता है, जब हम सकारात्मक लोगों के संपर्क में रहते हैं. ऐसे लोग न तो ख़ुद नकारात्मक होते हैं और न ही दूसरों को निराश रहने देते हैं. आप ऐसे लोगों के साथ सुबह-सुबह जॉगिंग पर जाएं या शाम का कुछ पल इनके साथ बिताएं. एक महीना ही करके देखिए, आप ख़ुद में कितने सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे, जिससे आख़िरकार आपको सफल होने में मदद मिलेगी.
पांचवां सूत्र: अपनी भावनाओं को कंट्रोल में रखें
तीसरा सूत्र: असफलता दिमाग़ी खेल है, पर अपने शरीर को नज़रअंदाज़ न करें
असफलता हमें नकारात्मक बनाती है. हम पहले ख़ुद पर ग़ुस्सा होते हैं, फिर अपने आसपास के लोगों पर ग़ुस्सा होते हैं. ग़ुस्से में हम कई बार ऐसा कुछ कह देते हैं या कर देते हैं, जिसके बारे में सोचकर आपको बाद में पछतावा होता है. असफलता के बाद की नकारात्मक भावनाओं को कंट्रोल करने के लिए सबसे अच्छा तरीक़ा है, अपने शौक़ को समय देना. जब आप अपनी पसंद की गतिविधियों में समय बिताते हैं, तब आपका शरीर हैप्पी हार्मोन्स स्रवित करता है. हैप्पी
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