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5 बातें, जो एक नई नवेली मां से नहीं कहनी चाहिए

Kajal Dubey
29 April 2023 12:49 PM GMT
5 बातें, जो एक नई नवेली मां से नहीं कहनी चाहिए
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क्या आप किसी ऐसी दोस्त से मिलन जा रही हैं, जो हाल फ़िलहाल में मां बनी है. उससे बात करते समय आपको अपने शब्दों के चयन में बेहद सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि मां बनना फ़िज़िकली ही नहीं, मेंटली भी काफ़ी कुछ बदल देता है. आज हम जानेंगे उन कुछ बातों के बारे में, जो एक नई नवेली मां को ठेस पहुंचा सकती हैं.
तुम थोड़ी चिड़चिड़ी हो गई हो
नई मांओं का शेड्यूल वैसे ही बिगड़ा होता है. बच्चे कभी भी सोते हैं, जागते हैं और रोते हैं. कई-कई बार उनकी नैपी बदलनी पड़ती है. ज़ाहिर है नई मांओं को इस बिगड़े शेड्यूल ने चिड़चिड़ाहट से भर रखा होता है. उन्हें मां बनने की ख़ुशी तो होती है, पर बेबी को हैंडल करने से जुड़े कामों के चलते वे थकी भी होती हैं. उन्हें न ठीक से आराम मिल पाता है, न उनकी नींद पूरी हो पाती है. ऐसे में उनसे यह कहना तुम थोड़ी चिड़चिड़ी हो गई हो, आग में घी डालने का काम करता है.
क्या तुम दोबारा जॉब जॉइन करने जा रही हो?
यह भी एक संवेदनशील मुद्दा है. अगर मां पहले वर्किंग थी तो ज़ाहिर है वह अपने उन दिनों को मिस कर रही होगी. बेबी के लालन-पालन से जुड़ी चिंताओं और ज़िम्मेदारियों के चलते वह सुनिश्चित नहीं हो पाती कि कब उसे जॉब जॉइन करना चाहिए. ऐसे में आमतौर पर नई मांएं, करियर से जुड़ी चर्चाओं से ख़ुद को दूर ही रखना चाहती हैं. आपको उनसे इस तरह के सवाल पूछकर उनका मूड नहीं ख़राब करना चाहिए.
ब्रेस्टफ़ीडिंग जारी रखो/या इसे धीरे-धीरे बंद करा दो
नई मांओं से मिलनेवाले ज़्यादातर लोग उनसे ब्रेस्टफ़ीडिंग के बारे में चर्चा करना नहीं भूलते. कई लोग उन्हें सलाह देते हैं कि ब्रेस्टफ़ीडिंग बच्चे के लिए बेस्ट है, जितना संभव हो सके, उतने दिनों तक जारी रखना चाहिए. तो ऐसे दोस्त भी कम नहीं होते, जो बताते हैं कि धीरे-धीरे बच्चे को मां के दूध की आदत छुड़ाकर बाहर के फ़ूड देना शुरू कर देना चाहिए. हमारा मानना है कि ये दोनों ही सलाह काम की नहीं है. यह फ़ैसला मां पर छोड़ देना चाहिए. वह जब तक कंफ़र्टेबल महसूस करे, तब तक उसे ब्रेस्ट फ़ीडिंग करानी चाहिए.
वज़न से जुड़े मुद्दे
मां बनने के बाद शरीर में काफ़ी चेंजेस आते हैं. वज़न का बढ़ना आम होता है. कुछ महिलाओं का प्रेग्नेंसी वेट जल्दी कम हो जाता है तो कुछ मामलों में इसे उतरने में समय लगता है. आपको नई मां को उसके वज़न को लेकर असहज नहीं महसूस कराना चाहिए. अगर उसने वेट गेन किया भी है तो इसमें कुछ भी ग़लत या अप्राकृतिक नहीं है. दरअसल जब आप नई मां के शरीर को उसके वज़न के अनुसार जज करते हैं, तब आप उसपर एक तरह से अनकहा प्रेशर डाल रहे होते हैं. जो कि बिल्कुल भी ठीक बात नहीं है.
मेरे बच्चे ने, अब तक … शुरू कर दिया था
अक्सर पहले की मांएं, नई मां को अपना अनुभव बताते हुए कहती हैं, मेरे बच्चे ने तो बोलना और चलना ….की उम्र में शुरू कर दिया था. तुम्हारे बच्चे को इतना समय क्यों लग रहा है? ऐसी बातें नई मां को चिंतित करती हैं. वे सोचने लगती हैं कि मेरे बच्चे में कहीं कुछ समस्या तो नहीं है. विज्ञान भी कहता है कि हर बच्चा यूनीक होता है. ज़रूरी नहीं कि एक फ़िक्स समय पर वह चलना, बोलना, दौड़ना शुरू करे. सभी बच्चे अपना-अपना समय लेते हैं. तो आप अपने बच्चे से नई मां के बच्चे की तुलना बिल्कुल भी न करें.
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