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मेकअप की दुनिया में इन दिनों जो शब्द ट्रेंड कर रहे हैं, उनमें से एक है पर्मानेंट मेकअप. पर्मानेंट मेकअप पर आधारित इस लेख के दौरान क्या होता है पर्मानेंट मेकअप, क्या मेकअप का यह तरीक़ा सुरक्षित है, कितने समय टिकता है यह, किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है? जैसे सवालों के जवाब हमने तलाशने की कोशिश हमने की. इसके बाद हमने मुंबई की पर्मानेंट मेकअप स्पेशलिस्ट शगुन गुप्ता से जानें, इन दिनों पर्मानेंट मेकअप के कौन-से पांच प्रोसीज़र्स ट्रेंड में हैं.
बातें, जो पर्मानेंट मेकअप के बारे में आपको पता होनी चाहिए
जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है यह मेकअप का एक तरीक़ा है, जिसमें मेकअप लंबे समय तक टिकता है. दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक कॉस्मेटिक प्रोसेस है, जिसमें माइक्रोपिग्मेंटेशन यानी टैटूइंग की मदद से चेहरे के किसी ख़ास फ़ीचर को हाइलाइट किया जाता है. पर्मानेंट मेकअप की मदद से आइब्रोज़, आइलिड्स और लिप्स आदि को आकार दिया जाता है. रही बात इसके टिकने की तो यह तीन से पांच साल तक टिका रहता है. उसके बाद टचअप की ज़रूरत पड़ती है.
वैसे तो किसी विशेषज्ञ से पर्मानेंट मेकअप कराने पर आमतौर पर कोई साइड-इफ़ेक्ट्स देखने नहीं मिलते. पर हां, इससे जुड़े ख़तरे वही हैं, जो आमतौर पर टैटू कराते समय होते हैं. यदि प्रोसीज़र के वक़्त टूल्स को ठीक तरह से सैनिटाइज़ नहीं किया गया तो इन्फ़ेक्शन हो सकता है. कुछ-कुछ केसेस में एलर्जिक रिऐक्शन भी देखने मिलते हैं. पर यहां बात फिर से किसी अच्छे प्रोफ़ेशनल की मदद से पर्मानेंट मेकअप कराने की बात आती है.
पर्मानेंट मेकअप प्रोसीज़र्स, जो ट्रेंड में हैं
आइब्रोज़ से लेकर लिप करेक्शन से संबंधित पर्मानेंट मेकअप का इन दिनों बोलबाला है. कई देसी-विदेशी सेलेब्रिटीज़ पर्मानेंट मेकअप के मुरीद हैं. तो आइए पांच बेहद पॉप्युलर प्रोसीज़र्स पर नज़र डालते हैं.
#1. आइब्रोज़ माइक्रोब्लेडिंग ऐंड शेडिंग
पर्मानेंट मेकअप का यह प्रोसीज़र न केवल पॉप्युलर है, बल्कि यह तुरंत लुक चेंज कर देता है. यह प्रोसीज़र चेहरे के स्पेशल फ़ीचर्स को निखारता है. इस प्रोसीज़र के कई वैरिएशन्स हैं, जैसे-कॉम्बो आइब्रोज़, फ़ेदर आइब्रोज़, ऑम्ब्रे ब्रोज़, पाउडर ब्रोज़ और थ्रीडी ब्रोज़. इनमें से किसी का भी चुनाव अपने चेहरे के फ़ीचर्स के अनुरूप किया जा सकता है.
#2 पर्मानेंट आइलाइनर
यह मेकअप न केवल ख़ूबसूरती को उभारता है, बल्कि आंखों को गहराई देता है. इसमें भी कई तरह के वैरिएशन्स हैं, जैसे-क्लासिक आइलाइनर, विंग्ड आइलाइनर, आइलैश एन्हैंसमेंट और अलग-अलग तरह के शेडिंग आइलाइर आदि. इसका चुनाव भी चेहरे के फ़ीचर के अनुरूप किया जाता है.
#3 लिप ब्लश
यह मेकअप प्रोसीज़र इन दिनों लगभग ज़्यादातर लोगों का पसंदीदा बना हुआ है. इसमें थोड़ा ज़्यादा समय और ख़र्च लगता है. यह बहुत ही धीमी गति से किया जानेवाला प्रोसीज़र है, इसमें थोड़ा दर्द भी होता है. पर यदि यह सही तरीक़े से हो गया तो समय, पैसा और दर्द सबकुछ वसूल हो जाने जैसा होता है. इससे होंठ पिंक, फ़ुलर और परफ़ेक्ट शेप वाले हो जाते हैं. हां, इसके कुछ सेशन्स लेने पड़ते हैं, ताकि रिज़ल्ट का प्रभाव बरकरार रहे.
#4 ब्यूटी स्पॉट्स
यह तुलनात्मक रूप से एक आसान पर काफ़ी आर्टिस्टिक प्रोसीज़र होता है. यह बहुत ही आसान और जल्दी से हो जानेवाला प्रोसीज़र है, पर इसे निकलवाना काफ़ी मुश्क़िल होता है. इसलिए यदि आप ब्यूटी स्पॉट प्रोसीज़र के लिए जा रही हैं तो सोच-समझकर चुनाव करें. यह आपकी पूरी पर्सनैलिटी को बदल कर रखा देगा.
#5 हेयर लाइन
भारतीय पर्मानेंट मेकअप की दुनिया में यह चलन थोड़ा नया-नवेला है. आमतौर पर सेलेब्रिटीज़ इस प्रोसीज़र को नहीं अपनाते. पर यह उन महिलाओं के बीच काफ़ी पॉप्युलर है, उम्र के चौथे दशक में जिनके बाल कम होने लगते हैं
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