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वेट लॉस डायट से जुड़ी 5 ग़लतफ़हमियां, जिन्हें ज़्यादातर लोग सच मानते हैं!

Kajal Dubey
7 May 2023 12:16 PM GMT
वेट लॉस डायट से जुड़ी 5 ग़लतफ़हमियां, जिन्हें ज़्यादातर लोग सच मानते हैं!
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गूगल पर सबसे अधिक सर्च किए जाने नुस्ख़ों में प्रमुख है ‘वज़न घटाने के तरीके’. सिर्फ़ अमीर देशों के लोग ही बढ़े हुए वज़न से परेशान नहीं हैं, बल्कि भारत जैसे विकासशील देशों में भी मोटापा एक बड़ी समस्या बन गई है. आपने अपने आस-पड़ोस के लोगों को वज़न तेज़ी से घटाने के कई नुस्ख़े आज़माते देखा ही होगा. यहां तक कि कई बार हम ख़ुद भी आदर्श वज़न, आदर्श शरीर पाने के लिए वजन घटाने के इन तरीक़ों पर ऐतबार कर लेते हैं. आज हम बताने जा रहे हैं वेट लॉस से जुड़ी ऐसी छह बातों के बारे में, जिनके बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता रहा है. बेशक इन तरीक़ों में कुछ तरीक़े, कुछ लोगों पर काम कर सकते हैं, पर ज़्यादातर केसेस में इनके फ़ायदे ज़रूरत से ज़्यादा ही बखाने जाते हैं, जो आख़िरकार मिथक साबित होते हैं. और वज़न न कम होने पर आपकी निराशा का कारण भी. तो आइए नज़र डालते हैं, उन मिथकों पर.
पहला मिथक: अपनी डायट से कुछ चीज़ें निकाल देने से वज़न कम हो जाएगा (Skip some items from your diet will reduce weight)
अपनी डायट से कुछ चीज़ें निकाल देने से वज़न कम हो जाएगा
चावल और आलू भारत में मोटापे का मुख्य कारण समझे जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हमारी यह सोच बन गई है कि कुछ तरह की चीज़ें खाने से हमारा वज़न बढ़ने लगता है. फिर हम करते क्या हैं? बिना किसी डायटीशियन या डॉक्टर की सलाह लिए उन चीज़ों को खाना बंद कर देते हैं. उदाहरण के लिए वज़न घटाने के लिए संघर्षरत लोग अपने जीवन में कभी न कभी कार्ब्स यानी कार्बोहाइड्रेट्स खाना तो छोड़ते ही हैं. यही दुश्मनी बेक किए हुए खाद्य पदार्थों और मीठे के साथ भी निभाई जाती है. यहां हम बेसिक ग़लती यह करते हैं कि बस दूसरों की देखादेखी ये चीज़ें छोड़ देते हैं. ऐसा करते हुए हम इस बात को नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि सबका शरीर और मेटाबॉलिज़्म अलग-अलग होता है.
हक़ीक़त यह है कि खाने-पीने की सभी चीज़ें हमें सही अनुपात में लेनी चाहिए. किसी एक चीज़ को पूरी तरह छोड़ देना हमारी सेहत के लिए नुक़सानदायक साबित हो सकता है. दरअसल होता यह है कि जब हम किसी चीज़ों को नुक़सानदेह समझकर खाना पूरी तरह से छोड़ देते हैं, तक कुछ समय तो हम चला ले जाते हैं. पर एक वक़्त ऐसा आता है, जब हम उसे खाने से ख़ुद को रोक नहीं पाते. तब हम ज़रूरत से ज़्यादा खा लेते हैं.
तो वज़न कम करने या सेहतमंद बने रहने के लिए अपने खानपान में से किसी खाद्य पदार्थ को पूरी तरह से हटा देना बिल्कुल भी सही फ़ैसला नहीं है. लॉन्ग टर्म में यह हमारे लिए नुक़सानदेह ही है.
दूसरा मिथक: वज़न कम करना है तो आपको नो-फ़ैट डायट अपनाना होगा (To lose weight, you have to adopt a no-fat diet)
वज़न कम करना है तो आपको नो-फ़ैट डायट अपनाना होगा
जिस तरह चावल और आलू हम भारतीयों के लिए वज़न बढ़ाने का प्रमुख कारक समझे जाते हैं, उसी तरह हम फ़ैट वाले यानी वसायुक्त चीज़ों को भी सेहत का शत्रु ही मानते हैं. ज़्यादातर लोगों को लगता है कि वसायुक्त चीज़ें कम से कम खाने से या पूरी तरह छोड़ देने से हमारा वज़न तेज़ी से कम हो सकता है. पर यह पूरी तरह ग़लत ही नहीं, सेहत के लिहाज़ से बेहद ख़तरनाक बात है. फ़ैट्स यानी वसा हमारे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में से एक हैं. इससे हमारे शरीर का काम सुचारू रूप से चलता रहता है. आपने गुड फ़ैट-बैड फ़ैट के बारे में तो सुना ही होगा.
अंडे, एवोकाडो जैसी चीज़ों से जो फ़ैट मिलता है, उसकी तुलना गुड फ़ैट में की जाती है. इसके अलावा पारंपरिक रूप से हम भारतीय घी, मक्खन और दूसरे डेयरी प्रॉडक्ट्स खाते रहे हैं. इन्हें वज़न कम करने के लिए पूरी तरह से छोड़ना बिल्कुल भी सही नहीं है. अगर आप ऐसा करेंगे तो आपके शरीर में चिकनाई की कमी हो जाएगी. गुड कोलेस्टेरॉल के स्तर को बढ़ाने के लिए ये चीज़ें काफ़ी ज़रूरी हैं. तो अगर आपसे कोई कहे कि फ़ैट्स खाना पूरी तरह बंद कर दें तो उस सलाह को न मानें. नियंत्रित मात्रा में फ़ैट्स को अपनी डायट में ज़रूर शामिल करें.
तीसरा मिथक: वज़न कम करना है तो दिन या रात में से एक बार का खाना न खाएं (Want to lose weight, do not eat once a day or night)
वज़न कम करना है तो दिन या रात में से एक बार का खाना न खाएं
दिन या रात में से एक बार का खाना न खाने को हम मील स्किप करना कह सकते हैं. वेट लॉस के लिए जी-जान से जुटे लोग इस टिप्स को सही मान लेते हैं. उन्हें लगता है कि ख़ुद को भूखा रखकर वे अपना आदर्श वज़न प्राप्त कर लेंगे. वे इसे कैलोरी कम लेने का एक तरीक़ा मानते हैं. पर हमारा मानना है कि यह तरीक़ा बिल्कुल भी सेहतमंद नहीं है. असल में होता यह है कि जब आप खाना छोड़ते हैं तब शरीर को कम कैलोरीज़ मिलती हैं. इसका लंबे समय में असर शरीर के मेटाबॉलिज़्म पर पड़ता है.
खाना पचाने की उसकी दर धीमी पड़ जाती है. साथ ही जब आप एक मील स्किप करते हैं, तब दूसरे मील में ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरीज़ ले लेते हैं. इसके चलते आप जो कुछ भी खाएंगे, आपका वज़न कम होने की जगह बढ़ना शुरू हो जाएगा. तो बात साफ़ है, वज़न कम करने के लिए खाना छोड़ने के बजाय आपको सेहतमंद चीज़ें खानी चाहिए. खाने की मात्रा पर नियंत्रण करना चाहिए, बजाय पूरा खाना छोड़ने के. दो मील्स के बीच
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