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नवरात्रि के समय हेल्दी रहने के लिए जरूर पिएं ये 5 सात्विक पेय
जनतासे रिश्ता वेबडेस्क| नवरात्रि (Navratri 2020) और दशहरे में आप अपने तरीके से उपवास (Fasting) करने के लिए तैयार हो सकते हैं और इस उत्सव में अपने हेल्थ (Health) को न भूलें. यह याद रखना बहुत जरूरी है कि नवरात्रि की शुरुआत से लेकर दिवाली (Diwali 2020) तक के दिनों तक फैले पूरे त्योहारी सीजन में मौसम में बड़े बदलाव होते हैं. लम्बे समय तक रही गर्मियां चली गई हैं और सर्दी करीब आ रही है और इसका मतलब फ्लू (Flu) की वापसी भी है. आम सर्दी और मौसमी एलर्जी के साथ पाचन संबंधी मुद्दों की वापसी होने की संभावना बन जाती है. साल 2020 में, आपको COVID-19 महामारी से भी लड़ना होगा और उत्सवों में शामिल होने के दौरान अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) को बनाए रखना होगा. जब यह संभावना है कि आप स्वादिष्ट मिठाई और अपना पसंदीदा भोजन खाएंगे तो ऐसे में आप अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को आसानी से बढ़ाने के लिए क्या कर सकते हैं? इसका उत्तर सरल है- हर्बल और सात्विक पेय जरूर पिएं. सभी आयुर्वेद द्वारा इसका समर्थन किया जाता है. अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए आपको संपूर्ण स्वास्थ्य के साथ मौसम परिवर्तन के अनुसार भोजन करना होगा. निम्नलिखित पांच ऐसे पेय हैं, जो आसानी से सभी प्रकार के स्वास्थ्य मुद्दों के लिए दैनिक उपभोग में लिए जा सकते हैं.
काढ़ा
भारतीय आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) मंत्रालय द्वारा लगातार प्रचारित तीन पेय में से एक, काढ़ा शायद यहां सबसे अधिक लाभकारी आयुर्वेदिक पेय है. यह पेय तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, अदरक, हल्दी और किशमिश के मिश्रण से बनाया जाता है. कभी-कभी इसमें मुलेठी और गिलोय को भी मिलाया जाता है. काढ़ा जरूरी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरा होता है जो आपकी इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग करता है.
त्रिफला का रस
आयुर्वेद पर आधारित हाल ही में जारी COVID-19 उपचार प्रोटोकॉल में, आयुष मंत्रालय ने सिफारिश की है कि आम जनता त्रिफला और मुलेठी (जिसे यष्टिमधु भी कहा जाता है) को पानी में उबालकर इस तरल पदार्थ से गरारा कर सकते हैं. गरारा करने के अलावा, आप घर पर ही त्रिफला का रस बना सकते हैं. त्रिफला के रस में अमलकी (Amla), बिभीतकी (Bibhitaki) और हर्ताकी (Haritaki) होते हैं, जो सभी विटामिन 'सी', गैलिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से भरे होते हैं. इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होने की संभावना है.
हल्दी-दूध
हल्दी वाला दूध जिसे गोल्डन ड्रिंक के नाम से भी जाना जाता है, फायदेमंद और स्वादिष्ट दोनों है. हल्दी में कर्क्यूमिन (Curcumin) नामक एक यौगिक होता है, जिसके कारण इसमें एंटीसेप्टिक (Antiseptic), एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory), एंटीवायरल (Antiviral) और जीवाणुरोधी (Antibacterial) गुण होते हैं. जब दूध और शहद में हल्दी को मिश्रित किया जाता है और रात में बिस्तर पर जाने से पहले इसका सेवन किया जाता है, तो यह आपको अच्छी नींद के साथ आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करता है और साथ ही आपका शरीर डिटॉक्सिफाइड (Detoxified) होता है और यह दर्द से राहत ङी दिलाता है.
अदरक-तुलसी की चाय
दो अविश्वसनीय आयुर्वेदिक तत्वों के मिश्रण से बनी एक चाय, जिसमें जीवाणुरोधी, सूजनरोधी (Anti-Inflammatory), एंटीफंगल (Antifungal), एंटीवायरल और एनाल्जेसिक (Analgesic) जैसे गुण हैं, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं. तुलसी और अदरक आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. इस चाय को बनाने के लिए आपको बस इतना करना है कि अदरक और तुलसी के पत्तों के साथ थोड़ा पानी उबालें और इसे पीने से पहले इसमें शहद या नींबू का रस मिलाएं. इस आयुर्वेदिक पेय का सेवन दिन में किसी भी समय किया जा सकता है.
पित्त-संतुलन वाली चाय
आयुर्वेद के अनुसार, पित्त दोष एक कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के प्रमुख कारणों में से एक है, जो बदले में चिंता, अपच (Indigestion), उत्तेजन (Inflammation), मुंहासे (Acne) और असंतोष (Heartburn) की ओर ले जाता है. इस असंतुलन को दूर करने का एक तरीका यह है कि ढेर सारी जड़ी-बूटियों और मसालों से बने काढ़े को पीकर पित्त को शांत किया जाए. जीरा, धनिए के बीज, सौंफ के बीज, ताजा धनिया और गुलाब की पंखुड़ियों को पानी में