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गार्डनिंग की 5 तरक़ीबें, जो सच में काम करती हैं

Kajal Dubey
29 April 2023 11:15 AM GMT
गार्डनिंग की 5 तरक़ीबें, जो सच में काम करती हैं
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पौधों से प्यार करनेवाले इस लेख को पढ़े बिना आगे न बढ़ें. यहां बताए जा रहे पांच तरीक़े आपके बड़े काम आनेवाले हैं.
पौधों को नए ज़माने का पेट् कहा जाने लगा है. ऐसे लोगों की तादात काफ़ी तेज़ी से बढ़ रही है, जो अपना काफ़ी समय पेड़-पौधों के साथ बिताना पसंद करते हैं. पौधों की सोहबत में समय बिताते हुए हर प्लांट लवर उनकी देखरेख से संबंधित अपना ज्ञान डेवलप करता है. इंटरनेट पर भी पौधों की देखभाल से संबंधित टिप्स की कमी नहीं है. पर हमेशा की तरह वहां ऐसे-ऐसे टिप्स हैं, जो व्यावहारिक नहीं हैं या उस तरह का नतीजा नहीं दे पाते. हम आपके लिए पांच गार्डिनिंग हैक्स यानी तरक़ीब लाए हैं, जो शर्तिया काम करते हैं.
गार्डनिंग तरक़ीब नंबर 1: एलो वेरा का इस्तेमाल दूसरे पौधे लगाने में करें
एलो वेरा को बेहतरीन रूट स्टार्टर कहा जाता है. आप एलो वेरा का जेल निकालने के बाद उसकी पत्तियों को फेंक देते हैं? अबकी बार ऐसा न करें. आप एलो वेरा की जेल निकाली हुई पत्तियों में उस पौधे का तना डालें, जो आप रोपना चाहते हैं. उस पौधे का तना एलो वेरा की पत्ती में डालने के बाद उसे ज़मीन में लगा दें. जितने पानी की ज़रूरत है, उतने की छिड़काव करें. एलो वेरा की पत्ती में होने के चलते उस तने पर बैक्टीरिया या फ़ंगस नहीं पनप पाएंगे. पौधे की सफलतापूर्वक वृद्धि होगी.
गार्डनिंग तरक़ीब नंबर 2: अंडे के छिलके का बतौर सीड स्टार्टर इस्तेमाल करें
अंडे के छिलके संभाल कर रखें, क्योंकि वे बेहतरीन सीड स्टार्टर का काम करते हैं. शुरुआत करने के पहले अंडे के छिलके को साफ़ करके सुखा लें. फिर उसमें थोड़ी मिट्टी डालें. उस मिट्टी में बीज रखें. उसके बाद ऊपर से और मिट्टी डालकर ढंक दें. अंडे के इस छिलके को ऐसी बालकनी में रखें, जहां पर्याप्त सूर्य प्रकाश आ सके. ज़रूरत के मुताबिक़ पानी डालें. जब पौधे के अंकुर निकलने लगें तो उसे गमले में शिफ़्ट कर दें. अंडे के छिलके मिट्टी में मिल जाएंगे और उससे आपके पौधे को अतिरिक्त पोषक तत्व भी मिलेंगे.
गार्डनिंग तरक़ीब नंबर 3: घर से बाहर होने पर पौधों को इस तरह दें पानी
क्या आप भी अक्सर इस चिंता में रहते हैं कि घर के बाहर जाने पर आपके पौधों को पानी कैसे मिलेगा? यह तरक़ीब आपके काम आ सकती है. एक बड़ा बर्तन लें और उसमें पानी भर लें. अब एक रस्सी लें. उसका एक सिरा बर्तन में भरे पानी में डुबाएं और दूसरा गमले में डालें. रस्सी के माध्यम से पानी धीरे-धीरे पौधे तक पहुंचता रहेगा. आपका पौधा कई दिनों तक नहीं मुरझाएगा.
गार्डनिंग तरक़ीब नंबर 4: दालचीनी से बनाएं प्राकृतिक पेस्ट कंट्रोल
दालचीनी में बढ़िया ऐंटी-फ़ंगल गुण होता है. जब दालचीनी पाउडर को गमले में डाल जाता है, तब यह कीड़ों-मकोड़ों को पौधों से दूर रखता है. चूंकि दालचीनी एक प्राकृतिक घटक है, यह पौधे को या उसकी जड़ों को किसी तरह से नुक़सान नहीं पहुंचाता है. बजाय इसके यह पौधों की जड़ों को मज़बूत बनाता है. इसकी तीखी ख़ुशबू मक्खी-मच्छरों को भी पौधे से दूर रखती है.
गार्डनिंग तरक़ीब नंबर 5: डायपर्स को गार्डनिंग में इस्तेमाल कर सकते हैं!
जब आपका बच्चा डायपर्स पहनने की उम्र से आगे निकल जाए और आपके पास उसके कुछ डायपर्स पड़े हों तो उन्हें गार्डनिंग में यूज़ करें. सबसे पहले डायपर को पानी में भिगोएं. जब यह पर्याप्त पानी सोख ले तो इसे फाड़कर इसके अंदर से जेल जैसी चीज़ को बाहर निकाल लें. इस जेल जैसी चीज़ जिसे हाइड्रोजेल कहा जाता है, को उस मिट्टी में मिला दें, जिसे गमले में भरना हो. अब इस मिट्टी में पौधे लगाएं. ऐसा करने से पौधों की जड़ों को नमी बनाए रखने में मदद मिलती है. आपको पानी कम से कम डालने की ज़रूरत होगी, क्योंकि पौधा हायपर के हाइड्रोजेल द्वारा अवशोषित पानी से अपनी ज़रूरतें पूरा करेगा.
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