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5 फूड जो चिंता / एंग्जाइटी कम करने में कर सकते हैं मदद

Kajal Dubey
14 May 2023 8:09 AM GMT
5 फूड जो चिंता / एंग्जाइटी कम करने में कर सकते हैं मदद
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एंग्जाइटी को संक्षिप्त में समझें (Understand anxiety)
किसी भी चीज को लेकर फिक्र ऐसी हो जाए जो आपकी रोजमर्रा की लाइफ को प्रभावित करने लगे उसे चिंता रोग या एंग्जाइटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorders) कहा जा सकता है।
भारत के महानगरों में 15.20 % लोग एंग्जाइटी के शिकार हैं और अनिद्रा के कारण 80 प्रतिशत लोगों की नींद पूरी नहीं होती, जिससे उनमें डिप्रेशन और एंग्जाइटी के लक्षण आने लगते हैं।
2010 की एक स्टडी में 3,100 खाद्य पदार्थों, मसालों, जड़ी-बूटियों, पेय पदार्थों और सप्लीमेंट पदार्थों की एंटीऑक्सिडेंट सामग्री की समीक्षा की गई। जिसमें पाया गया कि जो लोग एंटीऑक्सीडेंट का कम सेवन करते हैं उनमें एंग्जाएटी की समस्या बढ़ जाती है। (2)
एंग्जाएटी कम करने में मदद करने वाले फूड :
1. फैटी फिश (Fatty fish)
फैटी मछली जैसे सैल्मन (salmon), मैकेरल (mackerel), सार्डिन (sardines), ट्राउट और हेरिंग (trout and herring) आदि ओमेगा -3 (omega-3) में काफी हाई होती हैं। ओमेगा -3 एक फैटी एसिड है जिसका संज्ञानात्मक कार्य (cognitive function) के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य (mental health) के साथ एक मजबूत संबंध बनाना भी है।
हालांकि, रिसर्च से पता चलता है कि अगर कोई व्यक्ति ओमेगा -6 नामक एक और फैटी एसिड (another fatty acid) की बहुत अधिक मात्रा में खाता है लेकिन पर्याप्त ओमेगा -3 नहीं लेका है तो उसमें एंग्जाएटी के खतरे को बढ़ा देती है। (3)
ओमेगा-3-में हाई फूड में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) होता है जो 2 आवश्यक फैटी एसिड प्रदान करता है। इकोसापेंटेनोइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सैनेओइक एसिड (DHA)।
ईपीए और डीएचए न्यूरोट्रांसमीटर को रेग्यूलेट करते हैं और सूजन कम करके हेल्दी ब्रेन फंक्शन में मदद करते हैं।
मादक द्रव्यों के सेवन की समस्याओं वाले 24 लोगों पर एक छोटे से अध्ययन में पाया गया था कि EPA और DHA सप्लीमेंट एंग्जाएटी को कम कर सकते हैं। इसलिए सप्ताह में कम से कम 2 सर्विंग फैटी मछली खाना चाहिए। (4)
2. हल्दी (Turmeric)
हल्दी आमतौर पर भारतीय और दक्षिण-पूर्व एशियाई डिशेज बनाने में प्रयोग में लाई जाती है। हल्दी के एक्टिव इंग्रेडिएंट को करक्यूमिन (curcumin) कहा जाता है।
करक्यूमिन, सूजन (inflammation) और ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) को कम करके एंग्जाएटी को कम करने में मदद कर सकता है जो अक्सर लोगों में मूड डिसऑर्डर का अनुभव करता है। जैसे कि एंग्जाएटी और डिप्रेशन।
2015 में हुई एक स्टडी के मुताबिक करक्यूमिन ने मोटे लोगों में एंग्जाएटी को कम कर सकता है। (6)
एक अन्य स्टडी के मुताबिक डाइट में कर्क्यूमिन की वृद्धि ने डीएचए (DHA ) भी बढ़ा दिया और एंग्जाएटी को कम कर दिया था। इसलिए हल्दी को डाइट में जोड़ने से एंग्जाएटी कम करने में मदद मिल सकती है।
3. दही (Yogurt)
दही में स्वास्थ्यवर्धक बैक्टीरिया (healthful bacteria), लैक्टोबैसिलस और बिफीडोबैक्टीरिया (Lactobaccilus and Bifidobacteria) होते हैं। इस बात के कई सबूत हैं कि बैक्टीरिया और किण्वित उत्पादों (bacteria and fermented products) का मस्तिष्क स्वास्थ्य (brain health) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
एक रिव्यू के मुताबिक, दही और अन्य डेयरी उत्पाद शरीर में एंटी इंफ्लामेट्री इफेक्ट (anti-inflammatory effect) पैदा कर सकते हैं। कुछ रिसर्च ये भी बताती हैं कि ये चिंता, तनाव और अवसाद के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार हो सकते हैं। (7)
2015 के एक अध्ययन में पाया गया कि किण्वित खाद्य पदार्थ (fermented foods) कुछ यंगस्टर्स में सोशल एंग्जाएटी को कम करते हैं और खुशी पैदा करते हैं। (8)
4. ग्रीन टी (Green tea)
ग्रीन टी में थीनिन नामक एक एमिनो एसिड (theanine amino acid) होता है, जो मूड विकारों (mood disorders) पर अपने इफेक्ट के कारण काबू पाता है। थीनिन के एंटी-एंग्जाएटी (anti-anxiety) और शांत इफेक्ट (calming effects) हैं जो सेरोटोनिन और डोपामाइन (serotonin and dopamine) के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं।
2017 के एक रिव्यू के मुताबिक 200 मिलीग्राम थीनिन ने ह्यूमन ट्रायल में डिप्रेशन को कम करते हुए शांति में सुधार किया था। ग्रीन टी को दिनभर की डाइट में शामिल करना आसान है। इसलिए दिन में 2-3 कम ग्रीन टी का सेवन करने से एंग्जाएटी को कम किया जा सकता है। (9)
5. अंडा (Eggs)
अंडे की जर्दी विटामिन डी (vitamin D) और प्रोटीन का काफी अच्छा सोर्स है। इसमें काफी मात्रा में जरूरी अमीनो एसिड (essential amino acids) भी होते हैं जो विभिन्न प्रकार से शरीर के विकास के लिए जरूरी होते हैं।
अंडे में ट्रिप्टोफैन (tryptophan) भी होता है, जो एक अमीनो एसिड है जो सेरोटोनिन बनाने में मदद करता है। सेरोटोनिन एक रासायनिक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मूड, नींद, मेमोरी और व्यवहार को रेग्यूलेट करता है। सेरोटोनिन ब्रेन फंक्शन में सुधार करता है और एंग्जाएटी को भी कम करता है।
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