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आंवला, बहेड़ा और हरड़ तीन फलों से बने चूर्ण को त्रिफला कहा जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आंवला, बहेड़ा और हरड़ तीन फलों से बने चूर्ण को त्रिफला कहा जाता है. आमतौर पर लोग त्रिफला का इस्तेमाल पेट की समस्याओं को ठीक करने के लिए करते हैं, लेकिन वास्तव में ये शरीर की तमाम परेशानियों को नियंत्रित कर सकता है. यहां जानिए इसके 5 बड़े फायदों के बारे में.
त्रिफला को पेट की समस्याओं के लिए वरदान माना जाता है. ये पेट को नेचुरली साफ और डिटॉक्सीफाई करता है. इसका नियमित रूप से सेवन करने से कब्ज, गैस, जी मिचलाना, उल्टी और खट्टी डकार जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
डायबिटीज के मरीजों के लिए भी त्रिफला का सेवन काफी फायदेमंद है. पैंक्रियाज को सक्रिय रखता है और रक्त में ग्लूकोज को नियंत्रित रखने में मददगार माना जाता है.
त्रिफला रक्त शोधक भी माना जाता है. रोजाना इसे लेने से स्किन से जुड़ी परेशानियां जैसे मुंहासे, एक्ने, फाइन लाइंस, स्किन इंफेक्शन आदि नहीं होतीं. साथ ही स्किन ग्लोइंग होती है. इसके अलावा ये शरीर के मेटाबॉलिज्म को ठीक करने के लिहाज से फायदेमंद माना जाता है और एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करता है. ऐसे में व्यक्ति लंबे समय तक जवां नजर आता है.
जो लोग अपना वजन घटाना चाहते हैं, उनके लिए भी त्रिफला काफी लाभकारी है. इसके सेवन से इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है और शरीर संक्रमण से लड़ने लायक बनता है. श्वास संबंधी समस्याओं के मरीजों के लिए त्रिफला काफी फायदेमंद है.
त्रिफला शरीर की अंदरूनी व बाहरी दोनों प्रकार की सूजन को कम करने में भी मददगार माना जाता है. ऐसे में आर्थराइटिस, गाउट या सूजन संबंधी समस्याओं में ये उपयोगी साबित हो सकता है.
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