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सीरम के 5 फ़ायदे, जो इसे मस्ट हैव ब्यूटी प्रॉडक्ट बनाते हैं
त्वचा देखभाल यानी स्किनकेयर का सही तरीक़ा क्या होना चाहिए इस पर हर कोई कन्फ़्यूज़ रहता है. ऐसा होना लाज़मी भी है, जब इतने सारे नए प्रॉडक्ट्स लॉन्च होते हों, इतने सारे मस्ट-यूज़ इंग्रेडिएंट्स और इंस्टाग्राम स्किनकेयर ट्रेंड्स चल रहे हों तो कोई भला कैसे जान सकेगा कि आख़िर क्या ज़रूरी है और क्या नहीं? फ़ेमिना की मानें तो सीरम एक ऐसा ब्यूटी प्रॉडक्ट है, जो हर लड़की के स्किनकेयर रूटीन में शामिल होना चाहिए. चाहे आप जिस भी एज ग्रुप की हों, सीरम को अपने स्किनकेयर रूटीन में न शामिल करना बहुत बड़े अपराध की कैटेगरी में आता है. हर प्रकार की त्वचा के अनुरूप सीरम बाज़ार में मौजूद हैं, आपको केवल थोड़ा-सा रिसर्च करके अपनी त्वचा को सूट करनेवाला सीरम पा सकती हैं. आप जानना चाहती हैं कि हम इस प्रॉडक्ट के बारे में इतनी विश्वास से क्यों और कैसे कह रहे हैं? तो यह आर्टिकल पढ़ें और ख़ुद जान जाएं.
इसमें 70% तक ऐक्टिव इन्ग्रीडिएंट्स होते हैंसीरम का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि ये वाक़ई कारगर होते हैं. यह प्रभावशाली प्रॉडक्ट ऐक्टिव इन्ग्रीडिएंट्स की अच्छी-ख़ासी मात्रा से बना होता है. जहां क्लेंज़र्स और मॉइस्चराइज़र्स में 5 से 10 प्रतिशत तक ऐक्टिव इन्ग्रीडिएंट्स होते हैं, वहीं सीरम में उनकी मात्रा 70% तक हो सकती है. इसका यह मतलब है कि आपको उन सभी इन्ग्रीडिएंट्स का फ़ायदा मिलनेवाला है, जिनके बारे में बॉटल पर लिखा होता है. आप अपने स्किन टोन को एक जैसा करने के बारे में सोच रही हों या बारीक़ लाइन्स को हटाने के बारे में, चेहरे पर दमक लाने या काले धब्बों को हटाने के बारे में, सीरम से आपको ज़रूर मदद मिलेगी. इनमें फ़िलर्स नहीं होते अगर आपकी त्वचा संवेदनशील या ऐक्ने-पोर्स जैसी समस्याओं वाली हो तो ज़ाहिर है, आप मिनरल ऑयल्स जैसे अक्लूसिव एजेंट्स से हर हाल में बचना चाहेंगी. ब्यूटी के संदर्भ में अक्लूसिव एजेंट का मतलब होता है ऐसी चीज़ें जो त्वचा पर पर्त बनाकर उसे सील कर दें. लेकिन सीरम्स को इस तरह बनाया जाता है कि वे त्वचा की समस्याएं पैदा करनेवाले इन्ग्रीडिएंट्स से मुक्त हों. उनका मुख्य उद्देश्य होता है कि उनके ऐक्टिव एजेंट्स, जैसे-पेप्टाइड्स, स्टेम सेल्स, विटामिन्स और दूसरे फ़ायदेमंद मिनरल्स आपकी त्वचा की बाहरी पर्त से होते हुए अंदर तक जाएं और त्वचा को अंदर से रिपेयर करें और निखारें. इस काम को करने के उनके रास्ते में जो भी रोड़ा आता है, सीरम उसे हटा देता है. ब्रेकआउट्स काफ़ी कम होते हैंऐक्ने के प्रति संवेदनशील लोग ख़ुश हो सकते हैं. पारंपरिक मॉइस्चराइज़र त्वचा के पोर्स को बंद करनेवाला लेयर क्रिएटर करता है, जिससे ऐक्ने की समस्या और भी गंभीर हो जाती है. चूंकि सीरम वॉटर बेस्ड होते हैं, उनमें ऑयल नहीं होता, वे हल्के होते हैं और उनकी कन्सिस्टेंसी वॉटरी होती है. इसका मतलब है कि वे त्वचा द्वारा तेज़ी से अवशोषित कर लिए जाते हैं और उनसे ब्रेकआउट की समस्या भी नहीं होती. क्या यह उस जादू की तरह नहीं है, जिसका इंतज़ार आप बेसब्री से कर रही थीं?ऑयली कॉम्प्लेक्शन को कहें अलविदा चूंकि सीरम की कन्सिस्टेंसी बहुत ही हल्की होती है, यह मॉइस्चराइज़र की तुलना में जल्दी एब्जॉर्ब होता है. सीरम्स त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद करते हैं बिना किसी ग्रीसी फ़ीलिंग की. वैसे भी लड़कियां ग्रीसी यानी तैलीय फ़ीलिंग से कितनी नफ़रत करती हैं, बताने की ज़रूरत नहीं है. अब चूंकि आपकी त्वचा की नमी बनी रहेगी तो वह सीबम को ज़रूरत से ज़्यादा नहीं प्रोड्यूस करेगी, इस तरह लंबे समय के लिए भी आपकी त्वचा कम ऑयली होगी. तो है ना त्वचा के ऑयल को रोकने का एक स्मार्ट तरीक़ा? इनसे पैसों की भी बचत होती हैरुकिए, रुकिए… क्या सीरम स्किनकेयर के सबसे महंगे प्रॉडक्ट्स में से एक नहीं है? फिर हम सीरम का इस्तेमाल करके पैसे कैसे बचा सकते हैं? आपका सवाल वाज़िब है. चूंकि सीरम बहुत अधिक प्रभावशाली होता है उसमें इन्वेस्ट करके आप बेहतर नतीजा पा सकती हैं. इसका सीधा मतलब है कि आपको ढेर सारे दूसरे ठीक-ठाक से प्रॉडक्ट्स पर पैसे नहीं ख़र्च करने होंगे. तो इस तरह ज़्यादा प्रॉडक्ट्स के बजाय आप समझदारी पूर्वक केवल एक प्रॉडक्ट पर पैसे ख़र्च कर रही होंगी, जो बेहद प्रभावशाली और लंबे समय तक चलनेवाला है, क्योंकि आपको हर बार इस्तेमाल के लिए केवल एक बूंद सीरम की ही ज़रूरत होगी.