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5 ऐंटी-एजिंग सुपरफ़ूड्स, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देंगे

Kajal Dubey
4 May 2023 12:03 PM GMT
5 ऐंटी-एजिंग सुपरफ़ूड्स, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देंगे
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इंटरनेट पर सबसे ज़्यादा सर्च की जानेवाली चीज़ों में सुपरफ़ूड्स से जुड़ी जानकारियां काफ़ी ऊपर रहती हैं. उसके साथ ही जवां बनाए रखनेवाले खानपान की चीज़ों के बारे में भी लोग काफ़ी पूछताछ करते हैं. यही कारण है कि हम आज इन दोनों के बारे में एक ही साथ जानकारी दे रहे हैं. हम आपको बताना चाहते हैं उन पांच सुपरफ़ूड्स के बारे में, जो उम्र के बढ़ने की गति को काफ़ी हद तक रोक देते हैं.
बेरीज़
बेरीज़ न केवल बेहद स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि सेहत के मामले में भी काफ़ी लाभदायक कही जाती हैं. बेरीज़ को खाने से शरीर की सूजन को कम करने में मदद मिलती है. ऑक्सिडेशन के चलते शरीर जल्दी उम्रदराज़ लगने लगता है. नियमित रूप से बेरीज़ का सेवन करने से शरीर को ऑक्सिडेशन प्रोसेस से होनेवाले नुक़सान से बचाया जाता है.
डार्क चॉकलेट
डार्क चॉकलेट्स का मुख्य घटक होता है कोको बीन्स, जो कि अपने ऐंटी-ऑक्सिडेंट गुणों के चलते मशहूर है. डार्क चॉकलेट का सेवन नमी को बनाए रखने की त्वचा की क्षमता को बढ़ाता है. इससे आपकी स्किन मॉइस्चराइज़्ड रहती है. इससे होता यह है कि त्वचा पर झुर्रियां जल्दी नहीं पड़तीं और आपकी त्वचा आपकी वास्तविक उम्र की तुलना में जवां दिखती है.
बीन्स
बीन्स हमारे हार्ट के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होते हैं. साथ ही ये लो-फ़ैट प्रोटीन का बेहतर स्रोत होते हैं. चूंकि इनमें फ़ाइबर की भी अच्छी-ख़ासी मात्रा होती है, ये कोलेस्टेरॉल को घटाते हैं. इसके अलावा विटामिन्स, मिनरल्स, ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स, पोटैशियम और आयरन का अच्छा स्रोत होने के कारण बीन्स को अपनी डायट में ज़रूर शामिल करना चाहिए. इनमें बायोटिन की अधिकता होने के कारण त्वचा और बालों के रूखेपन को रोकने में मदद मिलती है. इन सभी गुणों के चलते बीन्स को ऐंटी-एजिंग सुपरफ़ूड्स में से एक माना जाता है.
होल ग्रेन्स यानी साबुत अनाज
साबुत अनाज फ़ाइबर, मिनरल्स, विटामिन्स और ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स का बेहतरीन स्रोत हैं. यही कारण है कि उनके नियमित सेवन से कैंसर और दिल की बीमारियों को दूर रखा जा सकता है. साथ ही पाचन में लंबा समय लेने के कारण वे डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक हैं. चूंकि इनमें फ़ाइबर की अधिकता होती है तो डायजेस्टिव सिस्टम को साफ़ रखने में बड़े सहायक होते हैं. इन सभी गुणों के मेल के कारण होल ग्रेन्स से जवां बने रहने में काफ़ी मदद मिलती है.
रेड वाइन
पश्चिमी देशों की पसंदीदा रेड वाइन के कई हेल्थ बेनिफ़िट्स भी हैं. रेड वाइन में रेस्वेरैट्रॉल नामक एक ऐंटी-ऑक्सिडेंट पाया जाता है, जो हमारी धमनियों को सेहतमंद रखने में काफ़ी मददगार है. संयमित मात्रा में रेड वाइन का सेवन करने से कार्डियोवेस्क्युलर हेल्थ में सुधार होता है. इसके अलावा रेड वाइन के त्वचा संबंधित कई फ़ायदे भी हैं, जो इसे एक ऐंटी-एजिंग सुपरफ़ूड का दर्जा दिलाते हैं.
ताज़े फल और सब्ज़ियां स्तनपान कराने वाली महिलाओं के आहार का एक अभिन्न अंग होता है. स्तनपान के समय आप सोचती होंगी कि संतरा, मौसमी, आंवला जैसे खट्टे फलों का सेवन कर सकती हैं या नहीं. आसपास बहुत सारे ऐसे मिथक भी हैं, जो खट्टे फलों को ख़ुराक में शामिल ना करने की बात कहते हैं. माना जाता है कि खट्टे भोजन या फलों के सेवन से मां का दूध फट सकता है, खट्टे फलों के अम्लीय प्रकृति की वजह से बच्चे को एसिडिटी हो सकती या दूध का स्वाद कड़वा हो जाता है और बच्चा नहीं पीता है. लेकिन सच तो यह है कि खट्टे फल विटामिन सी, फ़्लेवोनाइड्स और फ़ाइबर का समृद्ध स्रोत होते हैं और उन्हें खाने से आपका मूड तुरंत बदल जाता है, आप तरोताज़ा महसूस करते हैं साथ ही ये आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं. विटामिन सी घाव भरने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फ़ंक्शन और ऊर्जा में सुधार करता है. हमारा शरीर ख़ुद विटामिन सी नहीं बनाता है, इसलिए रोज़ाना इसका सेवन ज़रूरी होता है.
शिवानी बावलेकर, सीनियर एग्ज़ेक्यूटिव न्यूट्रिसनिस्ट, क्लाउडनाइन ग्रूप ऑफ़ हॉस्पिटल, नवी मुंबई, कहती हैं, “स्तनपान करानेवाली मांओं को रोज़ाना प्रतिदिन 3-4 फल खाने की सलाह दी जाती है, जिनमें 2 खट्टे फल शामिल करना होता है, ताकि उन्हें नीचे दिए गए सभी लाभ मिल सकें, लेकिन हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी खाद्य पदार्थ की अधिक मात्रा बच्चे के लिए परेशानी का सबब बन सकती है, इसलिए पोर्शन साइज़ को नियंत्रित रखें.”
स्तनपान कराने वाली मांओं को खट्टे फल कुछ इस तरह से प्रभावित करते हैं:
1. आयरन के अवशोषण में मदद करके मां के हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने में मदद करता है. आयरन से भरपूर भोजन के साथ हमेशा खट्टे फल, जैसे नींबू का सेवन करें.
2. यह मां को हाइड्रेटेड रखता है, ख़ासकर जब वह स्तनपान करा रही हो, साथ ही यह प्रसव के बाद घाव भरने में मदद करते हैं.
3. यह आपके इम्यूनिटी लेवल को बेहतर बनाने में मदद करता है, ताकि बच्चे को अच्छी मात्रा में ऐंटी-ऑक्सीडेंट और ऐंटी-बॉडी मिल सकें.
4. अपने कोलेजन पैदा करने वाले गुण के कारण प्रसव के बाद आनेवाले स्ट्रेच मार्क को कंट्रोल करने में मदद करता है.
5. नींबू+पुदीने का पानी, आंवलें का जूस लेने से ब्लोटिंग जैसी पाचन समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है.
यह शरीर में आई अंदुरुनी सूजन को कम करने में भी मदद करता है.
6. स्तनपान के दौरान नींबू पानी का सेवन करने से न केवल आप तरोताज़ा महसूस करती हैं बल्कि हाइड्रेट भी रहती हैं. यह आपके बच्चे के लिए पर्याप्त दूध आपूर्ति में मदद करता है.
कुछ रेसिपीज़, जो आपके मिल्क सिक्रिशन में सुधार कर सकती हैं और जिनसे आपके बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व मिलने में भी मदद मिलेगी:
1. अंगूर और कीवी का सलाद: अंगूर और कीवी का कॉम्बिनेशन विटामिन सी और फ़ाइबर का समृद्ध स्रोत है. यह पाचन और इम्यूनटी को बढ़ाने में मदद करता आपके मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है, कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और घाव भरने में मदद करता है.
2. टमाटर रसम: यह डायटरी फ़ाइबर से भरपूर होता है, जो आपके आंत को स्वस्थ रखकर नियमित रूप से मल त्याग में मदद करता है. रसम थायमिन, फ़ॉलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन सी से भरपूर होता है. यह ब्रेस्टमिल्क को बढ़ाने और बच्चे को अच्छी मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व के लिए मददगार होता है.
3. नींबू और पुदीने का पानी: यह कॉम्बिनेशन हमारे पाचन के साथ-साथ प्रसव के बाद ब्लोटिंग की समस्या को कम करने में मददगार होता है.
4. संतरा/कीवी/स्वीट लाइम स्मूदी: लैक्टेशन स्मूदी बनाने और खाने में बहुत आसान होती हैं, साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जिससे ब्रेस्ट मिल्क के अच्छे प्रॉडक्शन में मदद मिलती है. विटामिन सी से भरपूर जैसे, नींबू, आंवला आदि जैसे फलों से अपने पानी के स्वाद को भी बढ़ा सकती हैं. रोज़ाना विटामिन सी के सेवन के लिए ये अच्छे विकल्प हो सकते हैं.
सामग्री
1 छोटी लाल या हरी पत्ता गोभी
½ ज़ुकिनी या खीरा
2 डंठल सोया
1 टुकड़ा अदरक
1 पान का पत्ता
¼ कप बेसिल लीव्स
1 टीस्पून सौंफ पाउडर
1 टेबलस्पून एल-ग्लूटामाइन पाउडर
विधि
पत्ता गोभी, ज़ुकिनी या खीरा, सोया, अदरक, पान और बेसिल लीव्स को धोकर काट लें.
उन्हें एक साथ ब्लेंड करके जूस तैयार करें और एक गिलास में डालें.
सौंफ और एल-ग्लूटामाइन पाउडर मिलाएं.
टिप: एल-ग्लूटामाइन को एसिडिक खाद्य पदार्थों या ड्रिंक्स-जैसे संतरे, नींबू और मौसमी या हॉट लिक्विड के साथ न मिलाएं. इससे ग्लूटामेट ख़राब हो जाएगा और आपको इसका लाभ भी कम मिलेगा.
कोलन क्लेंज़र
glass
एक बेहतरीन स्वास्थ्य के लिए पहली और ज़रूरी शर्त है, स्वस्थ कोलन (मलाशय)-कब्ज़ जितना कम होगा, कैंसर से उतना बचाव होगा. इस स्मूदी में हाई फ़ाइबर इन्ग्रीडिएंट्स है, जो कोलन से टॉक्सिन्स आसानी से बाहर निकालने और नियमित रूप से मल त्याग में मदद करते हैं.
सामग्री
1/4 नाशपाती
½ सेब
3-4 अनस्वीटेंड प्रून
1 टीस्पून नींबू का रस
½ टीस्पून मुलेठी पाउडर
5 से 6 काली किशमिश
1/4 कप पानी
विधि
सभी सामग्रियों को एक साथ ब्लेंड करें.
एक गिलास या मेसन जार में डालें, तुरंत पिएं. ठंडा करके भी पी सकते हैं!
डीटॉक्स सुपरफ़ूड स्मूदी
Glass
जैसा कि नाम से पता चल रहा है, यह स्मूदी आपके शरीर को एल्कलाइन और रिफ्रेश करने वाले सुपरफ़ूड्स से भरी हुई है. इसमें ऐसे ग्रीन्स को शामिल किया गया है, जो कोशिकाओं को हाइड्रेट करने और पोषण देने के साथ ही, यह आपके टिश्यू, ऑर्गेन और ब्लड से हैवी मेटल को बांधने और शुद्ध करने का भी काम करते हैं.
सामग्री
¼ ज़ुकिनी
½ पतली अजवाइन डंठल
¼ कप माइक्रोग्रीन
¼ हेलोपीनो
½ टुकड़ा ताज़ा अदरक
½ नींबू का रस
1 टीस्पून बार्ले ग्रास पाउडर
मुट्ठी भर पुदीने की पत्तियां
मुट्ठी भर धनिया पत्ती
विधि
सभी सामग्रियों को मिलाकर अच्छी तरह से ब्लेंड करें और स्मूदी बना लें.
यदि आवश्यक लगे तो थोड़ा पानी डालें.
स्मूदी को गिलास या मेसन जार में डाल दें.
तुरंत पी सकते हैं. अगर मन हो तो स्मूदी को ठंडा कर लें.
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