लाइफ स्टाइल

डेली रूटीन की 4 आदतें, जो मेटाबॉलिज्म को कर देती हैं स्लो

Kajal Dubey
5 May 2023 11:08 AM GMT
डेली रूटीन की 4 आदतें, जो मेटाबॉलिज्म को कर देती हैं स्लो
x
1. ब्रेकफास्ट न करना (Not having breakfast)
अक्सर लोग वजन कम करने के चक्कर में ब्रेकफास्ट स्किप कर देते हैं और यही गलती उनके मेटाबॉलिज्म को स्लो कर देती है। अपने दिन की शुरुआत करने के लिए पौष्टिक नाश्ता (Nutritious Breakfast) करना शानदार तरीका होता है। क्योंकि नींद के दौरान आपका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इसलिए अगर आप ब्रेकफास्ट करते हैं तो आपको पूरे दिन अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है।
रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर (Rush University Medical Center) के अनुसार, जब आप नाश्ता करते हैं, तो आप अपने शरीर को बता रहे होते हैं कि आपके शरीर को दिनभर ऐसे ही हैवी कैलोरी मिलेगी। इससे उन कैलोरी को बर्न करने के लिए मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है। वहीं जब आप नाश्ता नहीं करते हैं तो शरीर को यह मैसेज मिलता है कि आने वाली कैलोरी को बर्न करने की जगह उसे फ्यूचर में एनर्जी के लिए उसे स्टोर्ड करना चाहिए। (2)
सीधी सी बात है हेल्दी ब्रेकफास्ट करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, नहीं करने से स्लो होता है।
2. बहुत अधिक बैठना (Sitting too much)
ऑफिस की कुर्सी, कार की सीट और घर पर आकर सोफा या बेड। अक्सर लाइफ में एक्टिविटी न होने के कारण अधिकतर समय बैठे-बैठे ही निकलता है। यही मेटाबॉलिज्म स्लो होने का सबसे बड़ा कारण बनता है।
लंबे समय तक बैठे रहने से आपका शरीर एनर्जी कंजर्वेशन मोड / ऊर्जा-संरक्षण मोड (Energy-conservation mode ) में आ जाता है, जिसका अर्थ है कि मेटाबॉलिज्म प्रभावित हो सकता है।
यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस (UK’s National Health Service) के अनुसार, "लंबे समय तक बैठने से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है, जो रक्त शर्करा, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने (Regulate blood sugar) और शरीर की चर्बी को तोड़ने (Break down body fat) की शरीर की क्षमता को प्रभावित करता है।" (3)
3. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग न करना (Not strength training)
कार्डियो एक्सरसाइज अच्छी होती है और यह जल्दी कैलोरी भी बर्न करती है। लेकिन जब आप दौड़ना, वॉक करना, साइकिलिंग करना आदि बंद कर देते हैं तो कैलोरी बर्न होना बंद हो जाती है।
जब आप HIIT और रेजिस्टेंस बेस्ड वर्कआउट / स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Resistance-based workouts) करते हैं तो कैलोरी अधिक समय तक बर्न होती हैं।
अमेरिकन काउंसिल ऑन एक्सरसाइज (American Council on Exercise) के अनुसार, ‘स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, मेटाबॉलिज्म का एक प्रमुख कंपाउंड है क्योंकि यह सीधे मसल्स से जुड़ी होती है। बॉडी में जितने एक्टिव मसल्स टिश्यूज होंगे, मेटाबॉलिज्म उतना ही अधिक होगा। एक पाउंड मसल्स, एक पाउंड फैट की तुलना में प्रतिदिन एक्स्ट्रा 4-6 कैलोरी बर्न करता है।
4. पर्याप्त प्रोटीन न लेना (Not getting enough protein)
प्रोटीन, मसल्स को न्यूट्रिशन देता है और हेल्दी वेट बनाए रखने में मदद करता है। यदि प्रोटीन का सेवन कम किया जाता है तो मसल्स बिल्डिंग और मसल्स रिपेयरिंग में नुकसान होता है।
यह बात आप जानते ही हैं कि जितने ज्यादा मसल्स होंगे, मेटाबॉलिज्म भी उतना ही फास्ट होगा। इसके अलावा, प्रोटीन को कार्ब्स या फैट (Carbs or Fat) की तुलना में ब्रेक होने के लिए अधिक एनर्जी की जरूरत होती है इससे डाइजेशन के दौरान अधिक कैलोरी बर्न होती है।
निष्कर्ष (Conclusion): इसके अलावा पर्याप्त पानी न पीना (Not drinking enough water), स्ट्रेस में रहना (Living in stress), रिफाइंड कार्ब खाना (Refined carb food), डेयरी प्रोडक्ट न खाना (Non eating dairy products), गर्म रूम में सोना (Sleeping in a warm room), पर्याप्त नींद न लेना (Not getting enough sleep) आदि कारणों से भी मेटाबॉलिज्म स्लो हो सकता है।
Next Story