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लाइफस्टाइल: भारत में सबसे हेल्दी फूड की बात हो और खिचड़ी का नाम न आए, ऐसा नहीं हो सकता. बीमार हो या स्वस्थ खिचड़ी ऐसा आहार है जो सभी के लिए सबसे बेस्ट फूड है. बेहद जल्दी बनने वाली खिचड़ी पचाने में भी हल्की होती है. यही वजह है कि खिचड़ी को देश में संपूर्ण आहार या सबसे हेल्दी फूड का भी दर्जा हासिल है. भारत में तो खिचड़ी को लेकर कई कहावतें भी प्रचलित हैं, इन्हीं में से एक है खिचड़ी के चार यार.. चटनी, पापड़ दही अचार.. लेकिन कभी आपने सोचा है कि ये कहावत क्यों बनाई गई? खिचड़ी के साथ इन चार चीजों को खाने की क्या वजह है
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार खिचड़ी खाने से शरीर को प्रोटीन का कंप्लीट पैकेज मिल जाता है लेकिन कई चीजें हैं जो खिचड़ी के अलावा अन्य चीजों से मिलती हैं. जैसा कि कहावत में कहा जाता है कि खिचड़ी के चार यार… यह सिर्फ खिचड़ी का स्वाद बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे साइंटिफिक कारण है. खिचड़ी के साथ इन चार चीजों को खाने से ही खिचड़ी संपूर्ण आहार बनती है और इनके बाद शरीर में पोषण के लिए किसी और चीज को खाने की जरूरत नहीं बचती.
हमारे शरीर के लिए प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण है और खिचड़ी प्रोटीन का भंडार है. शरीर के लिए करीब 20-22 अमीनो एसिड्स बेहद जरूरी होते हैं, जिनमें प्रोटीन पाया जाता है. वैज्ञानिक रूप से चावल में कुछ अमीनो एसिड पाए जाते हैं और कुछ प्रकार के अमीनो एसिड्स दाल में मिलते हैं. जब ये दोनों मिल जाते हैं तो बॉडी को कंप्लीट प्रोटीन पैकेज मिल जाता है. वहीं इनके साथ जब चार अन्य चीजों को खाया जाता है तो शरीर को अन्य न्यूट्रिएंट्स जैसे मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट्स और विटामिन्स भी मिल जाते हैं.
खिचड़ी के चार यारों में चटनी, दही, पापड़, अचार शामिल हैं, जबकि कई जगहों पर घी को भी इसमें शामिल किया जाता है. हालांकि भारत में एक और कहावत है कि घी बनावे खिचड़ी और नाम बहू का होय….. ऐसे में घी को खिचड़ी बनाने में इस्तेमाल कर लिया जाता है, लिहाजा खिचड़ी के साथ खाए जाने वालों में चटनी, पापड़, दही और अचार को शामिल किया गया है. ये सभी खिचड़ी का न केवल स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि न्यूट्रिएंट्स की पॉवर को बढ़ाते हैं और शरीर में जरूरी न्यूट्रीशन वैल्यू को पूरा करते हैं.
चटनी- खिचड़ी के साथ हरे धनिए की चटनी का साथ बताया गया है. हरा धनिया कई न्यूट्रिएंट्स से भरा हुआ होता है ऐसे में इसकी चटनी अगर खिचड़ी के साथ खाई जाए तो सेहत को लाजवाब फायदा मिलता है. धनिए की चटनी खून की कमी को दूर करती है, पाचन शक्ति और भूख को बढ़ाती है, साथ ही त्वचा, हार्ट और इम्यूनिटी को भी बढ़ाने का काम करती है. इसके अलावा स्वाद तो इसमें होता ही है.
पापड़- यह मूंग दाल या उड़द की दाल से बनता है, ऐसे में ग्लूटन फ्री और फाइबर से भरपूर होता है. दाल से बना होने के कारण इसमें प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है. यह किसी भी भोजन को पचाने में भी सहायता करता है. यह आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है. साथ ही अगर खिचड़ी में मसाला ज्यादा भी है तो उसे भी बैलेंस कर देता है.
दही- चूंकि खिचड़ी हल्का भोजन है और पेट की परेशानी में खिचड़ी खाने के लिए कहा जाता है, ऐसे में जब उसके साथ दही भी खाया जाता है तो यह पोषण को बढ़ा देता है. दही खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है साथ ही इसमें कैल्शियम, विटामिन बी12, बी2, मैग्नीशियम, विटामिन ए और विटामिन ई, फॉलेट आदि पाया जाता है जो पेट की बीमारियों को दूर रखता है. यह इम्यूनिटी को बढ़ाता है. खिचड़ी के साथ दही स्वाद को भी बढ़ा देता है.
अचार- खिचड़ी के साथ अचार का साथ कई कारणों से जरूरी बताया गया है. खासतौर पर नींबू, मिर्च, टेंटी, आम या मिक्स अचार. इनमें विटामिन के अलावा आयरन काफी मात्रा में होता है जो एनीमिया की शिकायत को दूर करता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. अचार भूख को बढ़ाता है. नींबू का अचार पाचन के साथ ही एसिडिटी आदि परेशानी को खत्म करने का काम करता है. एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर अचार तनाव को भी कम करता है.
सर्दी हो या गर्मी प्रोटीन का भंडार खिचड़ी सभी मौसमों के लिए सबसे अच्छा भोजन है. इसे सप्ताह में ही नहीं बल्कि रोजाना भी खाया जा सकता है. वीक में कम से कम दो बार बच्चों को खिचड़ी खिलाने से उन्हें कंप्लीट फूड मिल जाता है. यह पचाने में सबसे बेहतर है. हाजमे को भी दुरुस्त रखने के साथ ही भूख बढ़ाने का भी काम करती है.
Manish Sahu
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