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सेल्युलाइट की समस्या ज़्यादातर महिलाओं में ही पाई जाती है, हालांकि इससे किसी तरह का नुक़सान नहीं पहुंचता है, लेकिन त्वचा दिखने में काफ़ी भद्दी लगती है. सेल्युलाइट से प्रभावित त्वचा उबड़-खाबड़ नज़र आती है, ख़ासकर पेट, कूल्हों, जांघों और नितंबों के आसपास की त्वचा. इन जगहों पर सेल्युलाइट होने की वजह है, फ़ैट सेल्स का जमा होना है. फ़ाइबर की कमी के साथ ही हार्मोन्स, जेनेटिक, वेट और मसल्स टोन भी इसके कारण हो सकते हैं.
वैसे तो, इसके इलाज के लिए कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन ध्यान देनेवाली बात यह है कि उनके परिणाम अलग-अलग होते हैं. यदि आप अपनी त्वचा में सुधार लाने के लिए धीमे लेकिन स्थिर मार्ग की तलाश कर रही हैं, तो इसका उत्तर है एक्सफ़ॉलिएशन. यह दूसरे विकल्पों से सस्ता है और इससे आपकी त्वचा को एक तरह की स्वस्थ चमक मिल सकेगी इसकी गारंटी है!
सेल्युलाइट हटाने के लिए एक्सफ़ॉलिशन के तीन स्टेप्स बताए गए है. पढ़ें और जानें कि उन्हें किस तरह से स्किन केयर रूटीन में शामिल किया जा सकता है.
ड्राई ब्रशिंग का विकल्प चुनें
शॉवर लेते समय एक्सफ़ॉलिएट करने यानी वेट ब्रशिंग की तुलना में ड्राई ब्रशिंग बेहतर मानी जाती है, क्योंकि इस दौरान आपका ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता, जो आपके बॉडी टेम्प्रेचर को भी बढ़ाने का काम करता है. इसके अलावा यह ब्लड फ़्लो को बढ़ाता है और कोलेजन प्रॉडक्शन को भी प्रेरित करता है, जो स्किन इलेक्टिसिटी, स्किन टोनिंग और फ़ैट सेल्स को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए ड्राई ब्रशिंग के बाद ठंडे पानी से शॉवर ले लें.
सही ब्रश का इस्तेमाल करें
ड्राई ब्रशिंग के लिए, फ़र्म ब्रिसल्स वाले ब्रश का उपयोग करें, जिससे आपकी त्वचा को एक्सफ़ॉलिएट करने के साथ ही ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. नैचुरल ब्रिसल्स वाले ब्रश का विकल्प चुनें, और यह सुनिश्चित करें कि वे अधिक कड़े ना हों.
ड्राय ब्रशेज़ कई शेप और साइज़ में आते हैं; आप एक ऐसा ब्रश चुनें, जो पकड़ने और इस्तेमाल करने में आसान हो. पीठ को एक्सफ़ॉलिएट करने के लिए लंबे हैंडलवाला ब्रश चुनें.
सभी अंगों को एक्सफ़ॉलिएट करें
एक्सफ़ॉलिएशन, डेड स्किन सेल्स को हटा कर सॉफ़्ट और नैचुरल ग्लोइंग स्किन पाने में आपकी मदद करता है. इसलिए ड्राय ब्रशिंग को केवल उन्हीं एरियाज़ में नहीं करें, जहां पर सेल्युलाइट है, बल्कि पैर से शुरू करके बाक़ी सभी अंगों को भी कवर करें. घुटनों, कोहनी, हाथ और पीठ को भी ड्राय ब्रशिंग की मदद से एक्सफ़ॉलिएट करें.
ध्यान रखें कि, बड़े और राउंड मूवमेंट एक्सफ़ॉलिएटिंग ब्रशेस का इस्तेमाल करें, लेकिन बहुत ही सौम्यता के साथ. त्वचा को जोर से रगड़ने से बचें, क्योंकि इससे रैशेस आ सकते हैं या त्वचा छिल भी सकती है. इसके अलावा त्वचा को सप्ताह में कम से कम एक बार ज़रूर ड्राय ब्रश करें. अगर आपकी त्वचा सेंसिटिव है या आपको एक्ज़िमा जैसी त्वचा संबंधी परेशानी है, तो ड्राई ब्रशिंग न करें.
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