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लाइफ स्टाइल
साफ़-सफ़ाई की 3 छोटी आदतें, जो बच्चों के बड़े काम आएंगी
Kajal Dubey
29 April 2023 2:06 PM GMT
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ठीक से हाथ धोना
हाथ धोने का महत्व कोरोना ने हम सभी को समझा दिया है, फिर भी इस महामारी के बाद भी बच्चों को हाथों की सफ़ाई की ओर ख़ास ध्यान देने कहें. क्या आपको पता है, अगर हम कोरोना के ख़तरे को छोड़ भी दें तो भी अगर आप या बच्चे खाने से पहले हाथ नहीं धोते हैं तो कई तरह के जर्म्स पेट में चले जाते हैं, जिससे डायरिया जैसी तक़लीफ़ का ख़तरा बढ़ जाता है. बच्चों को साबुन या हैंडवॉश से कम से कम 30 सेकेंड्स तक रगड़-रगड़कर हाथ धोने कहें. उसके बाद पानी से अच्छी तरह हाथों को धोने कहें, ताकि साबुन या हैंडवॉश का केमिकल न रहने पाए. फिर साफ़ तौलिए से हाथों को सुखाना सिखाएं.
हाथों को धोना बाथरूम का इस्तेमाल करने, खाना खाने से पहले, खेलकर आने के बाद बहुत ही ज़रूरी होता है. इस अच्छी आदत से आपका बच्चा कई तरह के इन्फ़ेक्शन्स से बचा रहेगा.
नियमित रूप से ब्रश करना
छह से आठ महीने की उम्र में बच्चों के दांत आने शुरू हो जाते हैं. हालांकि उनके इन दांतों को दूध के दांत कहते हैं, जो आगे चलकर टूटने वाले हैं, पर इन मिल्क टीथ की देखभाल भी बहुत ज़रूरी है. उन्हें अपने दांतों को रोज़ाना ब्रश करना सिखाएं. शुरुआत में ब्रश उंगली से ही करना है और यह काम आपको करना होगा. अपनी तर्जनी उंगली से उनके दांतों और मसूड़ों की मसाज करें. इससे वहां ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ जाता है. जब बच्चे बड़े हो जाएं तो उन्हें अपने हाथों से ब्रश करना सिखाएं. उसके लिए उन्हें सबसे पहले ऊपर के दांतों के बाहरी हिस्से, उसके बाद नीचे के दांतों के बाहरी हिस्से को साफ़ करना सिखाएं. उसके बाद ऊपर और नीचे के दांतों के अंदरूनी हिस्से को साफ़ करना सिखाएं. आगे बढ़ते हुए चबाने वाले दांतों और जीभ को साफ़ कराएं. दिन में दो बार दो मिनट तक ब्रश करने से बच्चों का ओरल हेल्थ बेहतर बनेगा.
टॉयलेट के बाद की साफ़-सफ़ाई
अगर आपने अपने बच्चे को पहले ही पॉटी ट्रेनिंग दे दी है तो अब उसे सिखाएं कि किस तरह टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद फ़्लश करना भी आना चाहिए. उन्हें शौच के बाद ख़ुद को धोना सिखाना चाहिए, ख़ासकर प्राइवेट पार्ट्स को. ख़ुद की साफ़-सफ़ाई के साथ ही टॉयलेट की स्वच्छता भी ज़रूरी है. फ़्लश करना, टॉयलेट सीट को टिशू पेपर से साफ़ करना, इस्तेमाल किए टिशू को डस्टबिन में डालना और बाद में साबुन या हैंडवॉश से अपने हाथों को धोना तथा पैरों की सफ़ाई का सही तरी़का सिखाना भी ज़रूरी है.
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