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2023 दश्त-ए-इंसानियत के फूल हैं! आइये हम जानते है, क्यों मनाया जाता है ये खास दिन
विश्व मानवतावादी दिवस : दरअसल हर साल 19 अगस्त को पूरी दुनिया में विश्व मानवतावादी दिवस के तौर पर मनाया जाता है. ये दिन खासतौर पर आपदाग्रस्त क्षेत्रों में फंसे या मौजूद लोगों का जीवन बचाने और उनकी रक्षा करने के प्रति समर्पित है. ये खास दिन मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता और स्वतंत्रता के मूल्यों को कायम रखते हुए मानवीय सहायता के उद्देश्य को पूरा करने के तौर पर मनाया जाता है.संयुक्त राष्ट्र के लिए भी ये दिन बहुत मान्यता रखता है. World Humanitarian Day 2023 के इस खास दिन पर संयुक्त राष्ट्र ने भी अपना मकसद जाहिर किया है, जिसके मुताबिक इस बार World Humanitarian Day अभियान के मद्दनजर संयुक्त राष्ट्र- बगदाद, इराक में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर हमले की बीसवीं वर्षगांठ मनाएगा, जिससे वो अपनी इंसानियत के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाएगा.क्या है इस साल की थीम! संयुक्त राष्ट्र इस खास दिन की व्याख्या अपने तरह से करता है,
जिसके मुताबिक ये दिन एक जश्न है उन तमाम मानवतावादी प्रणाली के भागीदारों के एकजुट होने का, जो हर साल इस खास मौके पर संकट से प्रभावित लोगों के अस्तित्व, कल्याण और सम्मान की वकालत करते हैं, चाहे कुछ भी हो जाए. इस साल यानि साल 2023 की थीम भी इसी विषय पर आधारित है. बता दें कि World Humanitarian Day 2023 की थीम है, यानि 'कोई फर्क नहीं पड़ता'. इस साल की ये खास थीम दुनिया भर में मानवीय कार्यों के महत्व, प्रभावशीलता और सकारात्मक प्रभाव को प्रदर्शित करने पर केंद्रित है.
इस खास मौके पर संयुक्त राष्ट्र अपने विचार दर्शाते हुए कहता है. "मानवीय कार्य कठिन और खतरनाक है, लेकिन हम चुनौतियों पर काबू पाने और जरूरतमंद लोगों को जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता नहीं छोड़ते हैं"गौरतलब है कि फिलहाल दुनियाभर में करीब 362 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता की जरूरत है. न सिर्फ इतना, बल्कि किसी भी तरह से इनकी सहायता करने वाले 444 मानवीय सहायता कार्यकर्ताओं पर, बीते साल यानि 2022 में हमला किया गया. इनमें 116 की मौत हो गई, जबकि 143 जख्मी हुए और 185 का अपहरण कर लिया गया.